दिवाली पर अपने कर्मचारियों को बोनस देकर खुश करने वाले आगरा, मथुरा और लखनऊ से प्रकाशित होने वाले दैनिक कल्पतरु एक्सप्रेस ने दिवाली के एक पखवारे के भीतर ही अपने 40 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अचानक इतने व्यापक पैमाने पर हुई छंटनी से कर्मचारियों में रोष है। हटाये गये कुछ कर्मचारियों ने न्यायालय की शरण लेने का भी मन बनाया है। बताया जाता है कि दैनिक ने आर्थिक तंगी का बहाना बनाते हुए बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की है। हटाए गये अधिकतर कर्मचारी सम्पादकीय विभाग के हैं। आगरा और मथुरा से 32 और लखनऊ से आठ कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
यह छंटनी इतनी जल्दी में की गयी है कि कर्मचारियों को कुछ सोचने-समझने का मौका ही नहीं मिला है। बिना नोटिस के और बिना कोई उपयुक्त कारण बताये इन कर्मचारियों को हटाया गया है। प्रबन्धन के छंटनी के निर्देश पर विभिन्न संस्करणों में उच्च पदों पर कार्यरत लोगों ने बहती गंगा में अपनी दुश्मनी भी साध ली है। छंटनी में ज्यादातर एेसे पत्रकारों को निशाना बनाया गया है जो काम में तो मजबूत हैं लेकिन प्रबन्धकों की चापलूसी नहीं करते हैं। इसके उलट प्रबन्धन की चाटुकारिता करने वाले मगर काम से कमजोर कर्मचारी इस मार से बचा लिये गये हैं।
हटाये गये कर्मचारियों में नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि हटाए जाने के पहले न ही उन्हें कोई नोटिस दी गयी है और न ही नियमानुसार उन्हें तीन माह का वेतन दिये जाने की बात की जा रही है। एेसे कर्मचारियों को अचानक कार्यालय बुलाया गया और धमकाने के अन्दाज में काम पर न आने का आदेश सुना दिया गया। एेसे कर्मचारियों को केवल बकाया वेतन के जल्द भुगतान का आश्वासन दिया गया है। आगरा कार्यालय से हटाए गये एेसे कई कर्मचारियों ने न्यायालय जाने का मन बनाया है।
इसके आगे की कथा पढ़िए….
karan
November 12, 2014 at 11:48 pm
Dayandnight news channel ne अपने 50 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अचानक इतने व्यापक पैमाने पर हुई छंटनी से कर्मचारियों में रोष है। हटाये गये कुछ कर्मचारियों ने न्यायालय की शरण लेने का भी मन बनाया है। बताया जाता है कि Dayandnight news ने आर्थिक तंगी का बहाना बनाते हुए बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की है।
यह छंटनी इतनी जल्दी में की गयी है कि कर्मचारियों को कुछ सोचने-समझने का मौका ही नहीं मिला है। बिना नोटिस के और बिना कोई उपयुक्त कारण बताये इन कर्मचारियों को हटाया गया है। प्रबन्धन के छंटनी के निर्देश पर विभिन्न संस्करणों में उच्च पदों पर कार्यरत लोगों ने बहती गंगा में अपनी दुश्मनी भी साध ली है। छंटनी में ज्यादातर एेसे Staff को निशाना बनाया गया है जो काम में तो मजबूत हैं लेकिन प्रबन्धकों की चापलूसी नहीं करते हैं। इसके उलट प्रबन्धन की चाटुकारिता करने वाले मगर काम से कमजोर कर्मचारी इस मार से बचा लिये गये हैं। हटाये गये कर्मचारियों में नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि हटाए जाने के पहले न ही उन्हें कोई नोटिस दी गयी है और न ही नियमानुसार उन्हें तीन माह का वेतन दिये जाने की बात की जा रही है। एेसे कर्मचारियों को अचानक कार्यालय बुलाया गया और धमकाने के अन्दाज में काम पर न आने का आदेश सुना दिया गया। एेसे कर्मचारियों को केवल बकाया वेतन के जल्द भुगतान का आश्वासन दिया गया है। Chandigarh कार्यालय से हटाए गये एेसे कई कर्मचारियों ने न्यायालय जाने का मन बनाया है।