सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से ठीक पहले आयोजित इस बैठक के निकाले जा रहे हैं कई मायने
नई दिल्ली, (शुक्रवार, 17 जून, 2017)। श्रम शक्ति भवन नई दिल्ली में कल मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशों को लेकर आहूत बैठक के मद्देनजर कर्मियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में दैनिक जागरण, भास्कर, राजस्थान पत्रिका व अन्य अखबारों के प्रतिधिनियों को भी वार्ता में शामिल होने करने का अनुरोध किया गया। जिससे उत्पीड़न के शिकार हजारों अखबार कर्मियों का पक्ष रखा जा सके। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से ठीक पहले आयोजित इस बैठक के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
जैसा कि आपको ज्ञात है कि भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कल सुबह 11 बजे जस्टिस मजीठिया वेजबोर्ड मामले में प्रगति रिपोर्ट जानने के लिए सभी राज्यों के कामगार आयुक्तों के साथ एक बैठक आयोजित की थी। बैठक से ठीक पहले अखबार कर्मियों के एक प्रतिधिनिमंडल ने श्रम शक्ति भवन पहुंच कर श्रम मंत्री और श्रम सचिव के नाम लिखा एक ज्ञापन सौंपा। बताया जा रहा है कि यह ज्ञापन उसी समय बैठक कक्ष में भेज दिया गया। ज्ञापन में अखबारों मालिकानों द्वारा चलाये जा रहे दमन चक्र का जिक्र करते हुए अखबार कर्मियों के प्रतिधिनिमंडल को वार्ता में शामिल करने का अनुरोध किया गया। इससे उत्पड़ित कर्मियों के पक्ष को भी सामने लाया जा सके और उनको न्याय मिल सकें।
ज्ञापन में मजीठिया वेजबोर्ड को लागू न किए जाने का जिक्र करते हुए पत्रकारों की आर्थिक दुर्दशा का बयान किया गया है। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को बर्खास्त करने का जिक्र करते हुए उनकी बहाली की भी मांग की गई है। साथ ही कर्मियों के वकील की तरफ से श्रम आयुक्तों की जांच रिपोर्ट की ओर उंगली उठाती सुप्रीम कोर्ट में जमा रिपोर्ट की कापी भी सौंपी गई। ज्ञापन सौंपने वालों में दैनिक भास्कर से अलक्षेन्द्र सिंह नेगी, हिंदुस्तान टाइम्स से पुरुषोत्तम सिंह, राष्ट्रीय सहारा से गीता रावत व अजय नैथानी, दैनिक जागरण से विवेक त्यागी, त्रिलोकीनाथ उपाध्याय और राजेश निरंजन शामिल थे।
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