सरकार जनता से कैसे दूर हो जाती है और शासकों को अधिकारी योजनाओं की सफलता के मामले में कैसे गुमराह कर देते है, इसकी बानगी आज स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी के ‘राष्ट्र के नाम संबोधन’ के बाद देखने को मिली। दरअसल पीएम ने अपने भाषण में यूपी के हाथरस जिले के गांव नगला फतेला का जिक्र किया। कहा कि दिल्ली से महज तीन घंटे की दूरी के इस गांव में बिजली आने में 70 साल लग गए। लेकिन यह हकीकत नही है। सच्चाई यह है कि इस गांव में बिजली की लाइन तो खिंच गयी है लेकिन एक साल से इस लाइन में करंट नही आया है।
हाथरस जिले की सासनी तहसील के गांव नगला फतेला में एक साल पहिले खिंची बिजली की इन लाइनों को देखिये। इन्ही लाइनों के बूते आज पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में जिक्र किया कि दिल्ली से महज तीन घण्टे की दूरी के इस गांव में 70 साल बाद बिजली पँहुची है। गांव के लोगों ने भी उनकी यह बात सुनी तो सब हैरान रह गए। दरअसल पीएम ने जो कहा सचाई उसके विपरीत है। गांव में एक साल पहिले विद्युतीकरण हो गया था। लेकिन एक साल से इन लाइनों में करंट नही दौड़ा है।
ग्रामीणों का कहना है कि बिजली के लिए उन्हें आज भी वही दिक्कतें झेलनी पड़ रही है जो कि वे आजादी के 70 साल से झेल रहे है। दरअसल इस गांव के ग्रामीण अपने ट्यूबवेलों की लाइन से १५० से २०० मीटर तक की केबिलें स्वयं खीचकर जैसे तैसे बिजली का इंतजाम करते है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को लिखकर दिया है फिर भी उनकी सुनवाई नही होती। इन ग्रामीणों को तो गांव में दो तीन घण्टे बिजली आने से भी परेशानी है।
आइए, गांव वालों की जुबानी बिजली की असल कहानी जानें… नीचे दिए यूट्यूब लिंक पर क्लिक करें :
हाथरस से वरिष्ठ पत्रकार विनय ओसवाल की रिपोर्ट. विनय ओसवाल लंबे समय तक नवभारत टाइम्स में कार्यरत रहे. इन दिनों सोशल मीडिया और भड़ास के जरिए अपनी बेबाक लेखनी को धार दे रहे हैं. उनसे संपर्क 9837061661 के जरिए किया जा सकता है.
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