टाइम्स आफ इंडिया वालों ने चित्रा सिंह को लेकर इतना बड़ा झूठ क्यों छाप दिया!

खबर पढ़ाने के चक्कर में खबरों के साथ जो बलात्कार आजकल अखबार वाले कर रहे हैं, वह हृदय विदारक है. टाइम्स आफ इंडिया वालों ने छाप दिया कि सिंगर चित्रा सिंह ने 26 साल बाद का मौन तोड़ा और गाना गाया. टीओआई में सचित्र छपी इस खबर का असलियत ये है कि चित्रा सिंह ने कोई ग़ज़ल / भजन नहीं गया. उन्हें मंच पर बुलाकर सिर्फ सम्मानित किया गया था. लेकिन खबर चटखारेदार बनाने के लिए छाप दिया कि चित्रा ने गाना गाया.

लाल किले से मोदी ने झूठ बोला! सच्चाई सुनिए पत्रकार विनय ओसवाल से

सरकार जनता से कैसे दूर हो जाती है और शासकों को अधिकारी योजनाओं की सफलता के मामले में कैसे गुमराह कर देते है, इसकी बानगी आज स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी के ‘राष्ट्र के नाम संबोधन’ के बाद देखने को मिली। दरअसल पीएम ने अपने भाषण में यूपी के हाथरस जिले के गांव नगला फतेला का जिक्र किया। कहा कि दिल्ली से महज तीन घंटे की दूरी के इस गांव में बिजली आने में 70 साल लग गए। लेकिन यह हकीकत नही है। सच्चाई यह है कि इस गांव में बिजली की लाइन तो खिंच गयी है लेकिन एक साल से इस लाइन में करंट नही आया है।

भास्कर डाट काम ने नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर अजित डोभाल का झूठा इंटरव्यू छापा

भास्कर डाट काम की जिस खबर पर बवाल मचा है, उसके बारे में कुछ तथ्य साझा करना चाहता हूं. भास्कर डाट काम ने नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर अजित डोभाल का झूठा इंटरव्यू छापा था. जिसका डोभाल ने तत्काल  खंडन कर दिया लेकिन भास्कर बेशर्मी से इंटरव्यू को अभी तक चलाये जा रहा है. कोई भी हिंदी मीडिया को गंभीरता से नहीं लेता उसका ये फायदा उठाते हैं. अगर यह इंटरव्यू किसी अंग्रेजी अखबार की साइट पर होता तो अब तक बवाल मच गया होता.

भारत को अपना 21वीं सदी का सबसे बड़ा झुट्ठा और सबसे बड़ा झूठ मिल गया है!

Yashwant Singh :  भारत को अपना 21वीं सदी का सबसे बड़ा झुट्ठा मिल गया है. वह हैं माननीय नरेंद्र मोदी. जाहिर है, जब झुट्ठा मिल गया तो सबसे बड़ा झूठ भी खोज निकाला गया है. वह है- ‘अच्छे दिन आएंगे’ का नारा. नरेंद्र आम बजट में चंदा देने वाले खास लोगों को दी गयी 5% टैक्स की छूट… इसकी भरपाई वोट देने वाले आम लोगों से 2% सर्विस टैक्स बढा कर की जाएगी.. मोदी सरकार पर यूं ही नहीं लग रहा गरीब विरोधी और कारपोरेट परस्त होने के आरोप. खुद मोदी के कुकर्मों ने यह साबित किया है कि उनकी दशा-दिशा क्या है. इन तुलनात्मक आंकड़ों को कैसे झूठा करार दोगे भक्तों… अगर अब भी मोदी भक्ति से मोहभंग न हुआ तो समझ लो तुम्हारा एंटीना गड़बड़ है और तुम फिजूल के हिंदू मुस्लिम के चक्कर में मोदी भक्त बने हुए हो. तुम्हारी ये धर्मांधता जब तुम्हारे ही घर के चूल्हे एक दिन बुझा देगी शायद तब तुम्हें समझ में आए. कांग्रेस की मनमोहन सरकार से भी गई गुजरी मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने का वक्त आ गया है… असल में संघ और भाजपा असल में हिंदुत्व की आड़ में धनिकों प्रभुओं एलीटों पूंजीपतियों कार्पोरेट्स कंपनियों मुनाफाखोरों की ही पार्टी है। धर्म से इनका इतना भर मतलब है कि जनता को अल्पसंख्यक बहुसंख्यक में बाँट कर इलेक्शन में बहुमत भर सीट्स हासिल कर सकें। दवा से लेकर मोबाइल इंटरनेट घर यात्रा तक महंगा कर देना कहाँ के अच्छे दिन हैं मोदी जी। कुछ तो अपने भासड़ों वादों का लिहाज करो मोदी जी। आप तो मनमोहन सोनिया राहुल से भी चिरकुट निकले मोदी जी।

सच सामने आया : किरण बेदी नहीं, सुरजीत कौर आजाद भारत की पहली महिला आईपीएस अफसर

Sanjaya Kumar Singh : शीशे के घरों से चुनाव लड़ना… भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर पार्टी की ओर से दिल्ली की मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनना किरण बेदी के लिए काफी महंगा पड़ा। चुनाव अभी हुए नहीं है फिर भी उनके जीवन की दो प्रमुख कमाई इस चुनाव में खर्च हो गई। पहली कमाई थी इंदिरा गांधी की कार टो करने का श्रेय जो पिछले दिनों बुरी तरह खर्च हो गई। उनकी दूसरी कमाई थी – देश की पहली महिला आईपीएस होने का श्रेय। और अब यह कमाई भी खर्च होती दिखाई दे रही है।

पाठकों से खुलेआम चीटिंग : सीबीएसई का नाम लेकर एक निजी इंस्टीट्यूट की वेबसाइट को प्रमोट कर रहा है दैनिक जागरण

आदरणीय यशवंत जी, एक ओर दैनिक जागरण खुद को देश का नंबर एक अखबार होने का दावा करता है दूसरी ओर जागरण के संपादक व कार्यकारी अधिकारी समाचार पत्र को उतनी गंभीरता से नही लेते। इसकी बानगी 20 जनवरी 2015 के जागरण के बागपत संस्करण में देखने को मिली। हालाकि दी गई खबर मेरठ के एक पत्रकार ने लिखी है तो जाहिर है कि खबर मेरठ यूनिट के अन्य संस्करणों में भी गई होगी।

कुमार विश्वास के खिलाफ झूठ का ज़हर उगलते अमर उजाला के पत्रकार!

Dr Kumar Vishwas Passport Issue Wrongly reported by Amar Ujala

पत्रकारिता की गिरती साख के कई भागीदार हैं। लेकिन इस पेशे से जुड़े कई ऐसे लोग हैं, जो पत्रकारिता की अर्थी को कन्धा देने के लिए बहुत जल्दी में नज़र आते हैं। पिछले दिनों ‘अमर उजाला’ ने खबर छापी, कि कवि और आप नेता डा कुमार विश्वास का पासपोर्ट किसी विवाद के कारण गाज़ियाबाद स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय द्वारा जमा करवा लिया गया है। अगले ही दिन पासपोर्ट अधिकारी श्री यादव के हवाले से निर्देश आया, कि पूरा मामला साफ़ है। इसलिए पासपोर्ट वापस निर्गत कर दिया जाएगा। दिनांक 14 नवम्बर को डा कुमार विश्वास को पासपोर्ट निर्गत कर दिया गया।

आज तक के स्ट्रिंगर शरद के खिलाफ डकैती का मुकदमा झूठा निकला

यशवंत भाई आदाब,  अभी कुछ समय पहले ‘भड़ास 4 मीडिया’ पर एक समाचार प्रकाशित हुआ था जिसका शीषर्क था- ‘आज तक के स्ट्रिंगर के खिलाफ डकैती का  मुकदमा दर्ज’.  ये खबर मुरादाबाद से आज तक के जिला संवादाता शरद गौतम के लिये उनके चाहने वालों ने भड़ास पर पोस्ट कराई थी और उनकी मंशा ये रही होगी कि इस खबर से आजतक समूह  शरद गौतम को बाहर का रास्ता दिखा देगा लेकिन हुआ इसका उलट. 14  oct 2014 को ये  मुकदमा संभल जनपद के चंदोसी कोतवाली में दर्ज हुआ और 18 OCT 2014 को जाँच अधिकारी ने मुकदमा झूठा पाया और एक्सपंज कर दिया.