अजय चौरड़िया–
बड़े दुःख और शोभ के साथ कहना पड़ रहा है कि सत्ता के दबाव या किसी लालच में मीडिया की रीढ़ टूटती जा रही है। इंदौर के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित माने जाने वाले नईदुनिया अखबार पर आज नज़र डालिये। श्री राहुल गांधी की कल शाजापुर में हुई सभा पर एक लाइन का कवरेज नहीं। इससे पहले कभी मीडिया को सत्ता के साथ और विपक्ष को इस तरह अनदेखा करते नहीं देखा गया। इससे विपक्ष का हो न हो लेकिन जनता और लोकतंत्र का बड़ा नुकसान होना तय है।
इन दिनों पूरे देश में एक अजीब सी घबराहट है। लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थाओं को समाप्त करने और स्वरुप बदलने की कोशिशें की जा रही है। जो देश कभी अभिव्यक्ति की आजादी के लिए पहचाना जाता था। जहां दोहे कहे गए कि निंदक नियरे राखिये, आँगन कुटी छवाय… वहां बीते दिनों हमारे पड़ोसी प्रदेश में मुख्यमंत्री आदेश निकाल चुके हैं कि सरकार और सिस्टम के खिलाफ लिखी खबरों की जांच होगी।
मुख्यधारा के दिल्ली के मीडिया भी विश्वसनीयता खोते जा रहे हैं। लोकतंत्र को बचाना है तो सबसे पहले अभिव्यक्ति की आजादी और मीडिया को बचाना होगा। कहने के लिए भले ही मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है लेकिन लोकतंत्र को ढहाने के लिए सबसे पहले इसी स्तंभ को गिराया जाता है। यदि मीडिया निष्पक्ष और सचेत बना रहा तो लोकतंत्र व अन्य संस्थाएं बची रहेगी। इसलिए पहली प्राथमिकता मीडिया की अक्षुण्णता और निष्पक्षता बनाए रखने की होना चाहिए।
अजय चौरडिया
अध्यक्ष
म.प्र. कांग्रेस उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ
Comments on “नईदुनिया अखबार में राहुल गांधी की सभा पर एक लाइन भी कवरेज नहीं!”
विज्ञापन किसी एक ही अखबार को देगा तो कौन छपेगा। अखबार फ्री में कितना छपेगा।
बिक्री के आंकड़ों के हिसाब से मध्य प्रदेश में सिर्फ दैनिक भास्कर और पत्रिका ही 80% पे कब्जा करे है।बाकी सभी अखबार सिर्फ 20% सर्कुलेशन में सिमट गए हैं। यदि राहुल गांधी की सभा का समाचार सिर्फ मध्य प्रदेश के अंदर दैनिक भास्कर और पत्रिका में छप जाए तो उनको 80% की कवरेज मिल जा रही है।