पत्रकार सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस में आज मंगलवार दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी 4 दोषियों की तरफ से उनकी दोष सिद्धि और आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ दायर हुई याचिका पर नोटिस जारी किया है.
न्यायाधीश मनोज जैन और सुरेश कुमार कैत की खंड पीठ ने नवंबर 2023 में ट्रायल कोर्ट की ओर से सुनाई गई सजा को सस्पेंड करने के लिए दोषियों के दायर आवेदन पर भी नोटिस जारी किया. पीठ ने दोषियों के नॉमिनल रोल (जेल आचरण रिकॉर्ड) के साथ ट्रायल कोर्ट का रिकॉर्ड भी मांगा है.
बता दें कि साल 2008 में सौम्या की हत्या के 15 साल से भी अधिक समय बाद 15 अक्टूबर 2023 को साकेत कोर्ट ने रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
मामले में एक अन्य आरोपी अजय सेठी को बी दोषी ठहराया गया था, हालांकि उसे तीन वर्ष की साधारण कारावास की सजा सुनाई गई थी. बाकी के चार आरोपियों को आईटी प्रोफेशनल जिगिशा घोष हत्याकांड मामले में भी दोषी माना गया था.
सौम्या केस मामले के चारों दोषियों को IPC की धारा 302 और 34 के तहत दोषी ठहराया गया. वहीं उन्हें संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम ‘मकोका’ प्रावधान के तहत भी दोषी पाया गया.
अगस्त 2016 में जिगिशा घोष मर्डर मामले में ट्रायल कोर्ट ने रवि कपूर, अमित शुक्ला को सजाए-मौत व मलिक को आजीवन कारावास दिया था. साल 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट ने रवि और अमित को दी गी मौत की सजा आजीवन कारावास में बदल दी, जबकि मलिक की उम्रकैद को बरकरार रखा गया था.
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