जयपुर। कोरोना के चलते लगे लॉक डाउन की आड़ में मीडिया समूह अपनी दबी भड़ास निकालने में लगे हैं। दो महीने में ही बड़े दिग्गज ऐसा बर्ताव करने लगे हैं जैसे इनके घर बार बिकने की नौबत आ गई हो।
इसी दौड़ में नाम आया है राजस्थान पत्रिका का। पत्रिका की राजस्थान के अखबारी जगत में अच्छी छवि है। इस ग्रुप की नीतियों में हमेशा एडिटोरियल हावी रहा है। पत्रिका प्रबंधन ने बाजार को खुद पर ज्यादा हावी नहीं होने दिया।
मगर पिछले दिनों वाया भास्कर यहां आए प्रबंधकों ने भास्कर की कटौती का गणित पत्रिका को भी समझा दिया है।
मार्च महीने में एक लाख से कम वेतन वालों को महज 15 हजार देकर पत्रिका का घाटा कम नहीं हुआ तो उसने अपने लगभग सभी ब्यूरो कार्यालय भी बंद कर दिए।
अब ताजा खबर ये है कि अगली कटौती की तैयारी करते हुए प्रबंधन ने कार्मिकों को पत्र लिखा है कि उनके वेतन का एक हिस्सा परफॉर्मेन्स वेतन के नाम पर काटा जाएगा। इसका एक हिस्सा महीने की परफॉर्मेंस, और शेष भाग सालाना अप्रेजल के बाद दिया जाएगा।
अब इस मद में कितना हिस्सा काटा जाने वाला है, इसके बारे में कोई खुलासा नहीं किया है। लिहाजा सारे कार्मिक सकते में है कि इस बार न जाने कितनी कटौती होगी।
संलग्न : पत्रिका प्रबंधन द्वारा भेजा गया पत्र
One comment on “राजस्थान पत्रिका में वेतन कटौती को दिया गया डेकोरेटिव नाम, सकते में कार्मिक”
राजस्थान पत्रिका ऐसा अखबार है जिसे इसके मालिक हर साल रीस्ट्रक्चरिंग करते है। इतने बड़े अखबार को बनिये की दूकान बना दिया है। इन दिनों पत्रिका में फिर से छटनी शुरू हो गई है। पिछले साल बहुत सारे संस्करण बंन्द किये थे। सच्चाई यह है कि पत्रिका के मालिक इसे बेचने में जुटे है। उसके लिए ये प्रपंच करते रहते है।