Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

अवसरवादी होना अच्छा है, सिद्धांतहीन अवसरवादी ठीक नहीं हैं : रवीश कुमार

एनडीटीवी इंडिया ने गुरुवार को अपनी विशेष पेशकश में, अपने फेसबुक पेज पर एक लाइव चैट आयोजित की। इस लाइव चैट में हमने,विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यमों जैसे ट्विटर, फेसबुक और गूगल प्लस पर जुड़े हमारे पाठकों और टेलीविज़न के दर्शकों की बातचीत करायी सीधे-सीधे रवीश कुमार से। ये बातचीत रवीश कुमार के किरण बेदी के इंटरव्यू के बाद लोगों के माँग पर की गई। बातचीत इतनी अच्छी रही कि ये तयशुदा आधे घंटे के समय से बढ़कर 45 मिनट तक चली। इस पूरे दरमयान रवीश कुमार खुद अपने पाठकों और दर्शकों के सवालों का जवाब देते रहे। यहाँ पेश है उसी लाईव चैट के कुछ प्रमुख अंश-

एनडीटीवी इंडिया ने गुरुवार को अपनी विशेष पेशकश में, अपने फेसबुक पेज पर एक लाइव चैट आयोजित की। इस लाइव चैट में हमने,विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यमों जैसे ट्विटर, फेसबुक और गूगल प्लस पर जुड़े हमारे पाठकों और टेलीविज़न के दर्शकों की बातचीत करायी सीधे-सीधे रवीश कुमार से। ये बातचीत रवीश कुमार के किरण बेदी के इंटरव्यू के बाद लोगों के माँग पर की गई। बातचीत इतनी अच्छी रही कि ये तयशुदा आधे घंटे के समय से बढ़कर 45 मिनट तक चली। इस पूरे दरमयान रवीश कुमार खुद अपने पाठकों और दर्शकों के सवालों का जवाब देते रहे। यहाँ पेश है उसी लाईव चैट के कुछ प्रमुख अंश-

प्रवीण शर्मा – रवीश जी एक नेता के लिए कितना ज़रूरी हो कि वो विनम्र हो?
रवीश: नेता को विनम्र ही होना चाहिए। विनम्र होगा तभी वो सबको सुनेगा। सुनेगा तो बेहतर करेगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वैभव शर्मा- सर क्या ऐसा ईमानदार इंटरव्यू करते वक्त आपको इन राजनैतिक दलों से डर लगता है?
रवीश: डर तो नहीं होता क्योंकि जब आप इस पेशे में होते हैं तो इस हकीकत के साथ जीना पड़ता है। हमारी ताकत आप दर्शक हैं। आप हैं तो सब हैं।

आमिर ज़मीर- क्या इंटरव्यू के दौरान आपको ऐसा लगा कि किरण बेदी आपसे डरी हुईं थी?
रवीश कुमार : आमिर, डर कर तो जवाब नहीं दे रही थीं लेकिन अगर वो वक्त लेकर बात करती तो उन सवालों के जवाब बेहतर तरीके से दे सकती थीं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

ज्ञानदेव- सर आपका जवाब नहीं। बस आप पॉलिटिक्स में मत आईयेगा, आपका शो देखकर हमें बहुत मज़ा आता है।
रवीश कुमार: शुक्रिया सवाल करने के लिए। राजनीति में मैं नहीं आऊंगा। मेरे बस की नहीं है लेकिन आप जैसे लोग ज़रूर राजनीति में आएं। राजनीति में आना अच्छी बात है।

प्रवीण शर्मा- क्या आपको लगता है कि राजनीति में ईमानदारी के लिए जगह बची है?
रवीश कुमार : प्रवीण राजनीति में ईमानदारी की जगह है मगर बहुत कम।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मनीष शर्मा- सर हम चाहते हैं कि आप केजरीवाल और अजय माकन का भी ऐसा ही इंटरव्यू करें।
रवीश कुमार : प्रयास करूंगा लेकिन इसलिए नहीं कि किरण का किया है तो उनका भी करना होगा। वैसे भी अब ये दोनों नेता सतर्क हो गए होंगे।

ज्ञानदेव- बीजेपी अपना मेनिफेस्टो क्यों नहीं बता रही है?
रवीश कुमार : हर पार्टी को अपना मेनिफेस्टो चुनाव की आचार संहिता लागू होने के अगले ही दिन जारी करना चाहिए ताकि जनता इस पर बहस करे। आप इसकी मांग कीजिए कि हफ्ता या पांच दिन पहले क्यों।

Advertisement. Scroll to continue reading.

राजेश त्रिवेदी- आप हमेशा ये बोलते हैं कि मेरे कार्यक्रम के दर्शक सब समझते हैं,आपको वाकई अपने दर्शकों पर भरोसा है?
रवीश कुमार : राजेश मुझे दर्शकों पर भरोसा है। पत्रकार औऱ पत्रकारिता कैसी हो अब ये दर्शक तय करेगा। आपका साथ चाहिए। आप लोग न होते तो मैं फिर बस्तियों में घूम कर कार्यक्रम नहीं कर पाता।

अमिर सेहरावत- जब लोग आप पर आम आदमी पार्टी के पक्ष में पक्षपात करने का आरोप लगाते हैं तो कैसा लगता है?
रवीश कुमार : मैं ऐसा नहीं मानता। आजकल हर दल के समर्थक अपने चश्मे से खबर को देखते हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

विकास मोघा- अन्ना के फिर से आंदोलन की बात करने से दिल्ली चुनाव पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
रवीश कुमार : अन्ना आंदोलन की हांडी अब दोबारा नहीं चढ़ेगी। इतनी जल्दी तो नहीं। आंदोलन होते रहना चाहिए वैसे। लोकतंत्र में जान आ जाती है।

विजय कुमार- रविश जी आपको क्या लगता हे इस बार कौन सी पार्टी दिल्ली में फ़तह हासिल करेगी?
रवीश कुमार : मतदान से पहले हार जीत की बात नहीं होनी चाहिए। ये बात होनी चाहिए कि कौन क्या कह रहा है और जो कह रहा है वो कितना सही है जनता के लिए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

आशुतोष- लोग रियल और रील जर्नलिस्म में फर्क कैसे करें?
रवीश कुमार : आशुतोष अच्छा सवाल है। दर्शक को तड़क-भ़ड़क वाले कार्यक्रम से दूर रहना चाहिए। खास कर न्यूज़ के स्पेस में। अगर हम सूचना नहीं देंगे, बतायेंगे नहीं….दिखायेंगे नहीं तो आप जनमत कैसे बनायेंगे।
 
मनीष उनियाल- किरण जी से आपने ये क्यूँ पूछा कि वो पहली आईपीएस हैं ?
रवीश कुमार : मैंने बस उत्सुकता से पूछ लिया था। कहीं पढ़ा था कि उनसे पहले कोई पहली महिला आई पी एस थीं। पता नहीं सच क्या है।

दीप्ती तिवारी- क्या मी़डिया लोकतंत्र के चौथे खंभे का रोल अदा कर पा रही है?
रवीश कुमार : दीप्ति शुक्रिया। मीडिया के काम को लेकर अच्छा है कि लोग इस तरह के सवाल करें और नज़र रखें। ये फैसला आप कीजिए। पर कुछ लोग हैं जो अच्छा काम कर रहे हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अमित सेहरावत- 60 लाख लोग कैसे बस गए दिल्ली में आकर अवैध रूप से, ये सोचे बग़ैर केवल वोट बैंक के लिए उनका साथ देना ठीक लगता है आपको?
रवीश कुमार : आपने दिल्ली की कालोनियों के बारे में सवाल किया। सरकार का काम है कि लोगों के लिए रहने की व्यवस्था करे। बड़े अमीर लोगों के लिए तो सरकार कालोनी बना देती है। किसानों से जमीन लेकर इनकी सोसायटी को दे देती है। मजदूरों के लिए घर नहीं होगा तो वे कहां रहेंगे। वे हमारी आर्थिक प्रगति की जान हैं। उनका सम्मान किये बगैर जीडीपी की पोलिटिक्स या समझ अधूरी है

प्रभाकर ठाकर- क्या आज के समय में पर्यावरण और विकास को साथ लेकर चला जा सकता है?
रवीश कुमार : प्रभाकर जी बिल्कुल साथ लेकर चला जा सकता है। ज़रूरी है कि हम पर्यावरण के सवाल को बेहतर तरीके से समझे और इसे राजनीति के केंद्र में लाए। इसी से राजनीति का असली धर्मांतरण होगा। बेहतरी के लिए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

रंगरा रोहन- रवीश सर, मैने आपका प्रोग्राम देखा मुझे बड़ा अटपटा सा लगा जब आपने कहा कि किरण बेदी यहाँ से जीत ही जायेंगी पर कैसे ज़रा बताऐंगे?
रवीश कुमार : सोहन साहब कृष्णानगर बीजेपी का गढ़ है। पंजाबी बहुल इलाका है। बीजेपी की नेटवर्किंग भी मजबूत है। इस आधार पर कहा।

वैभव शर्मा- क्या आपको अब भी ये लगता है किरण बेदी अपने पुलिस वाले एटीट्यूड में हैं?
रवीश कुमार : नेता बनना आसान नहीं। वक्त लगता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्रवीण शर्मा- कुछ लोग आपको टिवीटर पर अपशब्द कहते हैं, यदि वो आपको कभी मिलें तो आप उनसे क्या कहना चाहेंगे?
रवीश कुमार : प्रवीण जो लोग ट्वीटर पर गालियां देते रहते हैं वो अगर मिलेंगे तो गले लगा लूंगा। और क्या कर सकता हूं। सुनने को राज़ी होंगे तो यही कहूंगा कि हो सकता है कि कोई कार्यक्रम बहुत खराब और अधूरा रहा हो मगर मैं इस मंच का इस्तेमाल नहीं करता।

योगेंद्र शर्मा-  रेलवे में इतनी भीड होती हैं क्या रेलवे में डिब्बे नहीं बढ़ाये जा सकते आप अपने चैनल में माध्यम से ज़रुर दिखाते रहे क्योकि जिस रेलवे को मंत्री रीढ़ की हड्डी मानते हैं पर समझते नहीं, कितने लोग इस जद्दोजहद में मौत का शिकार हो जाते हैं की परिवार में कोई उनका इंतज़ार हो रहा हैं लेकिन नेता को कोई परवाह़ नहीं हैं वो ऐशोआराम से A/c कोच में बड़े आराम से आते जाते हैं वाह रे भारत’
रवीश कुमार : योगेंद्र जी आपका सवाल सही है। आम लोगों के लिए रेलवे में खास सुधार नहीं होता। लोग बहुत ही यातना के साथ सफ़र करते हैं। अगर मतदाता अपने वोट के फैसले में इस सच्चाई को भी सामने रखें तो नेताओं के पसीने छूट सकते हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

सचिन तिवारी- सीबीआई को बीजेपी स्वतंत्र करेगी या नहीं?
रवीश कुमार : सचिन जी मुझे नहीं लगता बीजेपी सीबीआई को स्वतंत्र करेगी। लोकपाल के समय बीजेपी भी सहमत तो थी ही सीबीआई को लोकपाल से बाहर रखने और कुछ अधिकारों को लोकपाल के भीतर रखने में।

प्रभाकर- मेरे पापा बीजेपी में है और आपको बहुत कोसते हैं, मैं आप को सपोर्ट करता हूँ, तो आपकी तारीफ़ कर लेता हूँ?
रवीश कुमार : प्रभाकर तटस्थता को लेकर पहले इतनी कॉपी चेक नहीं होती थी हमारी। अब होने लगी है तो हमारे काम पर भी असर पड़ रहा है। इसलिए ये सवाल करते रहिएगा पर मुझे अच्छा लगा कि आप यह भी पूछ रहे हैं कि दबाव के बीच तटस्थ हो पाना कितना मुश्किल है। इस पर भी नज़र रखिये कि किसी पार्टी या सरकार के वक्त मीडिया कितनी आजादी से लिख रहा है। ऐसा कर आप लोकतंत्र का घर बैठे भला कर देंगे। कसम से।

Advertisement. Scroll to continue reading.

गौतम साह- क्या आप कभी राजनीती में आना चाहेंगे?
रवीश कुमार : गौतम राजनीति में मेरी दिलचस्पी इतनी है कि इसे किताब की तरह पढ़ने में मज़ा आता है। पर आप लोग राजनीति में ज़रूर आइये।

नरेंदर राज- रवीश जी आप लोगो को ट्विटर पर टीवी कम देखने की सलाह क्यों देते हो?
रवीश कुमार : नरेंद्र जी टीवी कम देखिये । मैं ये नहीं कहता कि मत देखिये। कम देखने का मतलब है कि ठीक से सोच समझ कर कोई कार्यक्रम देखिये। ऐसा कर आप चैनलों पर भी दबाव डालेंगे कि वो बेहतर कार्यक्रम लायें। जो भी दिखायेंगे वो आप नहीं देखेंगे। बोर होते हैं तो कुछ और कीजिए। रिश्तेदार से मिल आइये।

Advertisement. Scroll to continue reading.

हितेंद्र- रवीश जी मैंने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया में NDTV की महिला पत्रकारों के निजी जीवन के बारे में आपत्तिजनक लेख पढ़ा…क्या यह सच है? वैसे मुझे वह पोस्ट मेरे मोदी सम्रथक दोस्त से मिला था।
रवीश कुमार : हितेश कुछ लोग हमारी सहयोगियों के बारे में फालतू बातें लिखते रहते हैं। किसी की निजी ज़िंदगी से क्या लेना देना है। आपको उल्टा उनसे सवाल करना चाहिए था कि ये आप क्या कर रहे हैं। सबके घर में हर दल में काम करने वाले रिश्तेदार मिल जायेंगे। तो क्या अब निष्ठाएं इस बात से तय होंगी कि किस पत्रकार का चाचा किस पार्टी में हैं। तब तो ये अंतहीन मामला हो जाएगा दोस्त।

अखिलेश- कई लोग अरविंद केजरीवाल को अवसरवादी कह रहे हैं? इन्हीं लोगों ने उन्हें पार्टी बनाने को कहा था…
रवीश कुमार : काश शंकर भगवान मेरे सामने होते तो मैं उनसे पूछता कि हे देव इस धरती पर कौन नेता अवसरवादी नहीं है। अवसरवादी होना अच्छा है। सिद्धांतहीन अवसरवादी ठीक नहीं हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अमरदीप- क्या आप मी़डिया की भूमिका से खुश हैं?
रवीश कुमार : आप मीडिया की भूमिका छोड़िये मैं अपनी भूमिका से खुश नहीं हूँ। मीडिया और बेहतर काम कर सकता है।

दीपक त्यागी – हमें ओबामा की यात्रा से क्या मिला?
रवीश कुमार : ओबामा के दौरे के कई पक्ष हैं। इसे हां या ना या तराजू से तौल कर नही देख सकते। कुछ कामयाब रहे कुछ नाकाम रहे। यही तो कूटनीति की दुनिया है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

रवि खत्री का आरोप था कि रवीश कुमार पत्रकारिता के नाम पर दलाली करते हैं। उनके आरोप पर रवीश कुमार का जवाब-
रवीश कुमार : रवि साहब, कोई प्रमाण है आपके पास। राजनीतिक दल की तरफ से इस उस को ये वो कहना बहुत हो चुका। पुराना पड़ गया ये तरीका।

प्रवीण शर्मा- रवीश जी, एक एंकर का मुख्य कार्य क्या है? लोगों को जागरूक बनाना या उत्सुक बनाना?
रवीश कुमार- प्रवीण जी एंकर क्या हर किसी का मुख्य कार्य एक ही है। कोई भी काम हो ठीक से कीजिए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

साभार- एनडीटीवी डॉट कॉम


इसे भी पढ़ें….

Advertisement. Scroll to continue reading.

किरण बेदी का पुलिसिया अंदाज़ देखकर मैं हैरान था : रवीश कुमार

 

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement