आज (02/01/2015- शुक्रवार) को मैंने भूतत्व और खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के सीधे संरक्षण में उत्तर प्रदेश में अवैध खनन कराये जाने और इसके माध्यम से अवैध संपत्ति अर्जित किये जाने के बारे में दायर अपनी परिवाद के सम्बन्ध में लोकायुक्त जस्टिस एन के मल्होत्रा को विस्तार में साक्ष्य, अभिलेख व विशिष्ट तथ्य प्रस्तुत किये. इसमें मैंने पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों के कई स्थानों में हो रहे भारी अवैध खनन को अलग-अलग चिन्हित कर बताया. साथ ही विभिन्न प्रकार के वाहनों से की जा रही अवैध वसूली की दर और वसूली के तरीके को भी बताया.
यह भी बताया कि 2013 में 26 जिलों के जिला मजिस्ट्रेट ने राज्य सरकार को पत्र द्वारा सूचित किया कि बिना पट्टा के ही पुलिस और खनन विभाग की मदद से नदी किनारे अवैध खनन हो रहा है लेकिन राज्य सरकार ने उस पर कोई कार्यवाही नहीं की. इसी प्रकार जुलाई 2013 में डीएम गोंडा रोशन जैकब द्वारा नवाबगंज तथा तरबगंज तहसील में एसडीएम और तहसीलदार द्वारा अवैध खनन कराने के पत्र पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने के बारे में बताया.
मैंने अपने परिवाद दायर करने के ठीक अगले दिन डीएम सोनभद्र दिनेश कुमार सिंह द्वारा जारी प्रेस नोट का हवाला दिया जिसमे उन्होंने कहा कि अब जिले में अवैध खनन करने वालों की खैर नहीं है. मैंने श्री प्रजापति द्वारा 65 वर्षीया शिव देवी की अमेठी स्थित जमीन की बाउंड्री तोड़ने के साक्ष्य दिए. साथ ही डायरेक्टर, एमजीए कोलोनाइज़र के रूप में ग्राम हरिहरपुर में अवैध प्लोटिंग के अभिलेख प्रस्तुत किये. मैंने लोकायुक्त से पूरे प्रदेश में हो रहे अवैध खनन के सम्बन्ध में गोपनीय अथवा सार्वजनिक सूचना देने के लिए विज्ञप्ति जारी करने का अनुरोध किया. साथ ही मैंने कुछ अन्य साक्ष्य देने के लिए अतिरिक्त समय माँगा जिसपर उन्होंने 19 जनवरी की तारीख तय की.
नूतन ठाकुर
पत्रकार, वकील और आरटीआई एक्टिविस्ट
लखनऊ