मनीष दुबे-
मामला गंभीर है. राजधानी लखनऊ के दो पत्रकारों के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया. जिसने बकवास ह्वाट्सऐपबाजी की, वह भी पत्रकार निकला. वह कानपुर राष्ट्रीय सहारा में बाकायदा क्राइम रिपोर्टर के पद पर कार्यरत बताया जा रहा है.
लखनऊ के विपुलखंड निवासी Zee News के पत्रकार विवेक त्रिपाठी को 8 दिसंबर रात 11 बजे ABP News के स्टेट हेड संजय त्रिपाठी ने फोन कर बताया कि 8318326611 और 8840905696 नंबरों से उनके सम्बंध में आपत्तिजनक मैसेज भेजे जा रहे हैं जिनमें विवेक त्रिपाठी का फोटो भी लगा है. विवेक ने इसे किसी की शरारत समझ इग्नोर कर दिया. लेकिन अगले ही दिन एक नए नंबर 8005408013 से फिर उनके विरूद्ध इसी तरह के मैसेज आने की जानकारी मिली.
इसे लेकर विवेक की तरफ से थाना गोमतीनगर में शिकायत दर्ज कराई गई. पुलिस द्वारा 13 दिसंबर को अपराध संख्या- 714/2023 के तहत सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधीनियम 2008 की धारा 66 में नंबरों के आधार पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
इन तीन नंबरों की पड़ताल में क्राइम ब्रांच ने, कानपुर के हरबंश मोहाल निवासी 37 वर्षीय विपिन गुप्ता को उसके अपने घर से बरामद किया. विपिन गुप्ता पर आरोप है कि उसने अज्ञात कारणों से संजय शर्मा और विवेक त्रिपाठी के खिलाफ इन तीन नंबरों से दुष्प्रचार कर छवि खराब करने का काम किया है.
बता दें कि, इस सिलसिले में एक प्राथमिकी 4PM के संपादक संजय शर्मा की तरफ से भी दर्ज कराई गई है. उनका कहना है कि, ‘मैं तो जानता तक नहीं कौन है, क्या है और ना ही कभी देखा ही है.
बताया जाता है कि उक्त नंबरों से हुए मैसेज में “त्रिपाठी गैंग की कलंक कथा” शीर्षक देकर काफ़ी कुछ घटिया बातें लिखी गईं थीं. विवेक त्रिपाठी और संजय शर्मा के बारे में ऐसी ऐसी बातें लिखी गई थी जिसे यहाँ प्रकाशित नहीं किया जा सकता.
इस सिलसिले में जब विपिन गुप्ता से उनका पक्ष जानने के लिए सम्पर्क साधा गया तो उन्होंने इसे घरेलू विवाद टाइप बात बताया. विस्तार पूर्वक जानने की कोशिश करने पर उनकी तरफ से फोन काट दिया गया.
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