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सुख-दुख

गर्मियों में सत्तू का नमकीन शर्बत – दिल, दिमाग और पेट सब ठंडा रखेगा

संजय श्रीवास्तव-

आजकल इन गर्मियों में मैं तकरीबन रोज ही सत्तू का नमकीन शरबत बनाता हूं. इसको पीने के बाद जो तृप्ति मिलती है, वो वाकई खास होती है. इसका स्वाद, टैक्सचर और पेट में इसका ठंडा अहसास गजब का होता है. इसको मैं कैसे बनाता हूं, ये तो बताऊंगा लेकिन ये कैसे शुरू हुआ, पहले ये यही जान लेते हैं. हमारे अपार्टमेंट में पत्रकार मित्र पंकज श्रीवास्तव रहते हैं. एक दिन शाम को जब उनके यहां गया. वो उन्होंने ये नमकीन शरबत ऑफर किया।

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मुझको अपने फ्लैट की स्टडी में बिठाकर वो इसे बनाने चले गए. कुछ मिनट बाद वह भरी गिलास में जब इसे लेकर लौटे तो इसका स्वाद चखने का मौका मिला। स्वाद ठेठ देसी और मजेदार था. पीते ही पेट में जो ठंडापन और तृप्ति महसूस हुई वो अलग. इसको पीने के बाद हो सकता है कि आप पेट को इतनी देर तक भरा हुआ भी महसूस करें कि लंच या डिनर स्किप कर दें, जैसा आजकल हमारे घर में होने लगा है. अक्सर घर आए मेहमानों को भी मैं इसे खुद बनाकर पेश करने लगा हूं

सत्तू के साथ बचपन भी याद आता है जब 70 के दशक में ज्यादातर खानपान ठेठ देशज था. गांव से अनाज और तमाम चीजें आ जाती थीं. घर का स्टोर इनसे भरा होता था. ये रोज के जीवन में इस्तेमाल होते थे. तब तक परिवार न्यूक्लियर नहीं होते थे. आमतौर पर कंबाइड फैमिली होती थीं. जौनपुर में ननिहाल जाने पर कई तरह के सत्तू खाने का आनंद मिलता था. सत्तू का राब और नींबू के साथ बने मीठे शरबत के कहने की क्या. भूख लगी हो बस सत्तू में पानी, नमक मिर्च भरवा मिर्च अचार का मसाला मिलाइए. हल्का गुंथिए और लीजिए प्याज और नींबू के साथ इसके खाने का अनाज लीजिए. ये दौर फटाफट मैगी के आने से डेढ़ दो दशक पहले का दौर था. हालांकि जमाना हो गया सत्तू को मेरे जीवन से निकले हुए. लेकिन उस शाम पंकज जी के घर से लौटने के बाद सत्तू की आमद फिर घर में हो गई है.

अब मैं आपको लजीज सत्तू के नमकीन शरबत का बहुत आसान तरीका बताता हूं
बाजार से शुरू में 250 ग्राम जौ और 250 ग्राम चने का सत्तू खरीद लाइए. आटा चक्कियों पर ये ज्यादा फ्रेश और बेहतर क्वालिटी का मिल जाएगा. बाकि तो आजकल ये डिपार्टमेंटल स्टोर में भी आसानी से उपलब्ध है

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अब प्याज, भुना हुए जीरे का पाउडर, नींबू, काला नमक, हरी मिर्च और साधारण नमक भी ले लीजिए. घर में अमूमन दो गिलास ऐसा शरबत बनाने के लिए मैं एक बर्तन में दो बड़े चम्मच जौ का सत्तू और दो बड़े चम्मच चने का सत्तू डालता हूं. इसमें आधा चम्मच भुने जीरे का पाउडर मिला दीजिए और स्वाद के अनुसार काला नमक और साधारण नमक. भुने जीरे का पाउडर सौंधापन देता है और चने का सत्तू सौंधेपन और खास स्वाद की ठसक देगा.

अब आधा छोटा प्याज बहुत पतला पतला काटिए. एक हरी मिर्च लेकर बारीक काटिए. चाहिए तो इसे मर्तबान में कूच लीजिए. इसे भी सत्तू, जीरा पाउडर और नमक के मिश्रण में मिला दीजिए. अब सबसे जरूरी चीज, जो इस शरबत में जान डालेगा, वो नींबू. एक से डेढ नींबू का रस निकालिए. इसमें उसे भी मिला दीजिए. करीब एक गिलास सादा पानी इसमें डालें और अच्छे से मिला दें. इसे दो खाली गिलास में डिवाइड करें. ऊपर से आइस क्यूब के 04-05 टुकड़े हर गिलास में गिराएं. अब दोनों गिलासों में ऊपर तक ठंडा चिल्ड पानी मिलाकर इसे चम्मच से घोल दें.

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लीजिए ये गर्मी में तन-मन को सुकून देने वाला सत्तू का ये नमकीन शरबत तैयार है. मुझको मालूम है कि मैं कोई नई चीज नहीं बता रहा हूं लेकिन बहुत से लोगों के लिए ये नया भी होगा और बनाने में बहुत आसान भी. तो इसे पीजिए और गर्मी में परेशान करती गर्मी को इसके साथ कम करिए.

सत्तू के इतिहास के बारे में कई कहानियां हैं. कहा जाता है कि इसकी शुरुआत तिब्बत से हुई. वहां रहने वाले बौद्ध भिक्षु ज्ञान की तलाश में दूर देशों की यात्राएं किया करते थे, इसलिए वो खाने के लिए सत्तू का इस्तेमाल करते थे. वो लोग इसे Tsampa कहते थे. मुस्लिम धर्म ग्रंथ कुरान में भी सत्तू (जौ का सत्तू) का ज़िक्र किया गया है. यह भी बताया जाता है कि कारगिल युद्ध में भी सत्तू ने सैनिकों का पेट भरने में अहम भूमिका निभाई थी. साथ ही, कई लेखकों ने यह भी लिखा है कि वीर शिवाजी ने भी गौरिल्ला युद्ध के समय अपनी सेना के सैनिकों को सत्तू खाने के लिए दिया था.

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फूड हिस्टोरियन केटी अचाया अपनी किताब ए हिस्टोरिकल कंपेनियन इंडियन फूड में लिखते हैं कि प्राचीन भारत में आमतौर पर लोग जौ और चने का ही इस्तेमाल करते थे. वो इसे पीसकर भी खाते थे और भूनकर सत्तू बनाकर भी इससे कई व्यंजन बनाते थे. सत्तू खाने से लू नहीं लगती. ये शरीर को ठंडा रखता है.
प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होता है. एसिडिटी या गैस की दिक्कत दूर करता है. वजन कंट्रोल में रहता है. फिर मेरे जैसे लोगों के लिए सबसे अच्छी बात ये कि ये डायबिटीक लोगों के लिए उम्दा फूड है.

नागेंद्र प्रताप- थोड़ा सा पुदीना अगर हरा है तो बारीक काटकर और सूखा रखा है तो हाथ से मसलकर इसमें मिला दें। मजा और बढ़ जायेगा।

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1 Comment

1 Comment

  1. अशोक कुमार शर्मा

    June 12, 2023 at 4:45 am

    आपकी सराहना कर देने से इस दिव्य आलेख का प्रतिदान नहीं हो सकता। आपको अखंड शुभकामनाएं।

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