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सियासत

शहीदों के नाम पर ठगी करने वाले ‘ठग्स आफ हिन्दुस्तान’ से बचें

अजय कुमार, लखनऊ

एक तरफ जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमलें में आरपीएफ के 40 जवानों की मौत से पूरे देश में हाकाकार मचा हुआ है। जगह-जगह उनकी याद में लोगों आंसू बहाते हुए आतंकवादियों तथा आतंकवादियों को संरक्षण देने वालों के खिलाफ आग बबूला हैं। वहीं दुख की इस घड़ी में भी कई जगह सियासत का डंका बज रहा है। उधर, शहीद परिवार का साथ देने की बजाए कुछ ‘ठग ऑफ हिन्दुस्तान’ मौके का फायदा उठाने में हैं। यही वजह है कि जहां जांबाजों की मौत से दुखी लोग शहीदों के परिवजनों की मदद को आगे आ रहे हैं वहीं ‘ठग ऑफ हिन्दुस्तान’ शहीदों के परिजनों की मदद के नाम पर अपने बैंक अकाउंट में लोगों से दान ले रहे हैं। कानून के दायरे में भले ही इन लोगों का यह कृत्य देशद्रोह की श्रेणी में न आता हो, लेकिन ऐसी खबरें आत्मा तक को झंझोर देती हैं। आक्रोशित देशवासी ऐसी खबरों को देशद्रोह जैसा कत्य मान कर ऐसे लोगों को सख्त सजा की वकालत कर रहे है। मेरठ और कानपुर से ऐसी ही दो खबरें सामने आई हैं।

शहीदों के परिजनों की मदद करने को पूरा देश तैयार हैं। इसी का फायदा उठाते हुए ठग आफ हिन्दुस्तान ने फर्जी खाते खोलकर शहीदों की मदद करने वालों की रकम पर डाका डालने का कुचक्र शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर शहीद परिजनों और सैनिकों की मदद के लिए एक मैसेज वायरल हो रहा है। वायरल मैसेज में आर्मी वेलफेयर के बैंक एकाउंट को हटाकर मेरठ के एक व्यक्ति ने अपना खाता नंबर और आइएफएससी कोड लगा दिया। यह फर्जी मैसेज पूरे देश में सोशल साइटों पर वायरल हो रहा है। मामला सामने आने पर मेरठ के सिंडिकेट बैंक ने उक्त व्यक्ति का खाता ब्लॉक कर दिया।

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घटनाक्रम कुछ यों हैं। सोशल मीडिया पर भारतीय सेना की आधुनिकता और जवानों को युद्ध में घायल होने या फिर शहीद होने पर उनके लिए एक बैंक एकाउंट खोलने का जिक्र है। इस बैंक खाते में एक रुपये से लेकर अपनी क्षमता तक दान देने के लिए कहा गया है। यह खाता नई दिल्ली सिंडिकेट बैंक का है। वायरल मैसेज में आर्मी के दिल्ली हेडक्वार्टर के खाते और आइएफएससी कोड को मेरठ के योगेश कुमार नाम के व्यक्ति ने बदल दिया है। योगेश कुमार के बैंक खाते वाला मैसेज पुलवामा की घटना के बाद तेजी से वायरल हो रहा है। इसकी सूचना मिलते ही सिंडिकेट बैंक के अधिकारियों के कान खड़े हो गए। बैंक ने तुरंत इस खाते को ब्लाक कर दिया है। योगेश कुमार अभी नोएडा में है। उसके दिए गए नंबर पर बैंक के अधिकारी संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।

बताते हैं कि मेरठ सिंडिकेट बैंक में योगेश कुमार ने वायरल मैसेज पर आर्मी खाते की जगह जिस खाते को दिया है, वह खाता संख्या 88312200146028 है, आइएफएससी कोड एसवाईएनबी 00088831 है। इस खाते में 15 हजार रुपये हैं। इसमें दो दिन के भीतर ही कुछ लोगों ने पैसा डाला है। यह फर्जीवाड़ा तुरंत पकड़ा गया। वरना इस खाते में दान देने वाले लोग यही समझते रहते की उन्होंने शहीदों के सैनिक करके अपना कर्तव्य निभाया है,लेकिन हकीकत कुछ और होती।

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गौरतलब हो, प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (पीआइबी) की ओर से 17 अक्टूबर 2016 को रक्षा मंत्रलय भारत सरकार के हवाले से एक विज्ञप्ति जारी की गई थी। इसमें आर्मी वेलफेयर फंड बैटल कैजुअल्टी का जिक्र है। पत्र में सिंडिकेट बैंक के साउथ ब्लॉक डिफरेंस हेड क्वार्टर नई दिल्ली में ब्रांच का उल्लेख है। इसका ब्रांच कोड 9055 आइएफएससी कोड एएसवाईएन बी 0009055 है। खाता संख्या 9055200165915 है। यह खाता बैंक अधिकारियों ने सही बताया है। इस खाते में करीब दो करोड़ रुपये हैं।

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आईजी मेरठ रेंज रामकुमार वर्मा का इस संबंध में कहना था कि ऐसा किसी ने किया है तो यह देशद्रोह जैसा मामला है। बैंक ने अभी तक पुलिस से यह शिकायत नहीं की है। शिकायत मिलते ही मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

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उधर, कानपुर देहात में से जो दूसरी घटना सामने आई है। पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद के परिजनों को अधिक मदद के नाम पर ठगी करने वाले साइबर ठग ने 17 फरवरी को शहीद श्याम बाबू के मोबाइल नंबर पर फोन उनके पिता से अर्थिक मदद देने का झांसा देकर पत्नी और उनका (पिता) का खाता नंबर पूछा। सर्तक पिता ने कोई भी जानकारी देने से इन्कार कर दिया। इस पर ठग ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दी। शहीद श्याम बाबू, डेरापुर थाना क्षेत्र के नौनारी गांव मजरा रैगांव के निवासी थे।सीआरपीएफ की ओर से जारी शहीद जवानों की सूची में श्यामबाबू के तीन मोबइल नंबर दर्ज थे। इसमें एक नंबर श्यामबाबू के भांजे का था। यह भांजा और उसकी मां रेखा रैगांव में ही रहते है। भांजे के मोबाइल पर ही अंजान नंबर से फोन आया था।

श्याम के भांजे ने मोबाइल श्याम के पिता को पकड़ा दिया। फोन करने वाले ने परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त कर आथि्र्ाक मदद का झांसा देकर श्याम की पत्नी और पिता राम प्रसाद का बैंक खाता नंबर पूछा। रामप्रसाद के पूछने पर फोन करने वाले ने खुद को गुजरात निवासी बताते हुए कि शहीद की पत्नी और पिता का बैंक खाता नंबर बताएं, आर्थिक मदद करना चाहते है। जबकि शहीद सैनिकों की आर्थिक मदद करने के इच्छुक लोगों के लिए ‘आर्मी वेलफेयर फंड बैटल कैजुअल्टी’ पहले से ही एकांउट नंबर जारी कर चुकी है, जिसके बारे में ऊपर बताया जा चुका है। इसी वजह से फोन करने वाले साइबर ठग पर श्याम बाबू के पिता का शक गहराया था।

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लेखक अजय कुमार लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार हैं.

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