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उत्तर प्रदेश

बलिया पुलिस की दास्तान (पार्ट-1) : तू थाना से बाहर निकल, तुझे मार डालेंगे

उपनिरीक्षक वीरेन्द्र प्रताप दुबे डंडे मारते हुए हम दोनों पति पत्नी को पकड़कर थाने के अन्दर ले आये और अपनी पैंट उतारकर बोला कि जो मेरी झxx.. उखाड़नी हो तुम और तुम्हारा अमिताभ ठाकुर उखाड़ लेना….

यशवंत भाई,

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मैं कोई पत्रकार नहीं जो सहेज कर या ढंग से लिख सकूँ, बस जो भी जैसा घटित हुआ वो मैंने इसमें लिख दिया है, आप अपने हिसाब से जो गलतियां हों उसे एडजस्ट कर लीजियेगा. इसका दूसरा भाग शायद आज नहीं लिख पाउँगा क्योंकि आज एक निमंत्रण में बलिया जाना है….

साथियों मेरी इस कहानी में आम आदमी को थाने में FIR दर्ज कराने के लिए क्या दुश्वारियां झेलनी पड़ती हैं, पुलिस आम आदमी के साथ कैसा व्यवहार करती है, कैसे झूठे मुकदमें में फ़साने की साजिश रची जाती है? आप यहां विस्तार से पढ़िए और समझिए खाकी का कार्यकलाप…

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मैं सिंहासन चौहान ग्राम शाहपुर टिटिहा, थाना-भीमपुरा, बलिया, RTI एक्टिविस्ट, जिला उपाध्यक्ष आज़ाद अधिकार सेना बलिया. 26 नवंबर 2023 को सुबह 09:13 बजे गाँव के ही एक लड़के रूपक राजभर का मेरे पास फोन आया.. चाचा घर आ जाइये मार-झगड़ा हो गया है और 112 भी नहीं लग रहा है. उनका घर मेरे घर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर है, मैं तुरंत वहां गया. जाकर देखा तो रूपक के पिता और मेरे मित्र हरिद्र राजभर जो वकील भी हैं, की आंख के पास गंभीर किस्म कि चोच लगी हुई है. पाकी पूरा परिवार डरा सहमा सा घर में दुबका हुआ है. झगड़े की बाबत पूछा तो पता लगा कि गांव के पंडित गुलाब बाबा और उनके लड़के से हुआ है. मौके पर जमीन को लेकर विवाद की बात सामने आई.

पीड़ित ने मुझे बताया कि, ‘चकबंदी विभाग ने जमीन नापक हमें दी, जिसपर ये पंडित लोग अपना कब्जा जता रहे हैं. इन्होंने जबरन ट्रैक्टर से जमीन जोत ली. राजभर परिवार द्वारा जब इसका विरोध हुआ तो प्लानिंग के तहत झगड़ा मारा पीटी कर दी.’

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मैंने कहा 112 क्यों नहीं बुलाई? वो बोले डायल 112 को फोन नहीं लग रहा है. उस समय मुझे स्थित कुछ अधिक गंभीर नजर आ रही थी क्योंकि घर से कुछ ही दूरी पर खड़े होकर गुलाब बाबा व संजय मिश्रा कुछ लोगों के साथ राजभर परिवार को घर से बाहर निकलने व मारने की धमकी दे रहे थे. इनके हाथ में लाठी-डण्डे थे. वो लोग घर के नजदीक नहीं आ रहे थे क्योंकि घर के बाहर CCTV कैमरे लगे थे. मैंने डायल 112Uttarpradesh व Uppolice को संज्ञानात्मक ट्वीट किया. उनके मोबाइल नं 9918082811 पर फोन किया. हालांकि थोड़ी देर में 112 व थाने की पुलिस पहुँच गयी.

पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने पहुंचने को बोला. मय हरिंद्र राजभर दोनो पक्ष थाने पहुंचे. इनके साथ मैं भी था. थाने में दोनों पक्ष ने अपना आवेदन थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह को दिया, मनोज कुमार सिंह ने दोनों पक्ष का आवेदन लेकर मेडिकल कराने के लिए भेजा और कहा की दोनों पक्ष का FIR दर्ज होगा. इसके बाद सभी लोग थानाध्यक्ष के कक्ष से बाहर आ गए. थाने के बाहर संजय मिश्रा, गुलाब बाबा व अन्य जिन्हे मैं पहचानता नहीं ने मेरी तरफ इशारा करके गालियाँ देते हुए ये कहा कि यही है इसी ने मार कराई है, इसी की वजह से झगड़ा हुआ है.

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जबकि मैं मौके पर मौजूद भी नहीं था. झगड़ा समाप्त होने के बाद मैं हरिन्द्र के घर गया था. संजय मिश्रा गाली देते हुए ये बोला कि, ‘तूं थाना से बहरां निकल तोके मार के मुवा देवे के (तु थाने से बाहर निकल तुझे मार डालेंगे).’ मैंने कहा, ‘हं भैया तू शेर बाड़े हमके मुवाई देबे (हाँ भैया तू शेर है तू मुझे मार डालेगा).’ इसके बाद संजय मिश्रा ने मेरी बीमारी को लेकर भी कमेंट किये.

इतना सब होने के बाद मैं थाना परिसर में ही बैठ गया और थाना ऑफिस से पेपर लेकर संजय मिश्रा की धमकी का जिक्र करते हुए थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह को एक आवेदन दिया. उन्होंने आवेदन लेने से साफ़ इंकार कर दिया और बोले ‘मैं ये आवेदन नहीं लूँगा आप मेरे उच्च अधिकारीयों को दीजिये’, मैंने कहा, ‘सर वो थाना परिसर में ही मुझे मारने की धमकी दे रहा है और मेरा आवेदन स्थानीय थाना नहीं लेगा तो कौन लेगा.’ मनोज कुमार सिंह ने आवेदन लेने से साफ़ इंकार कर दिया तो मैं थानाध्यक्ष कक्ष से बाहर आ गया और Uppolice व अन्य उच्च अधिकारीयों को ट्वीट किया कि, ‘थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने मेरा आवेदन लेने से इंकार कर दिया, बोले मेरे ऊपर और भी अधिकारी बैठे हैं आप उनके पास लेकर जाइये, मैं ये application नहीं लूँगा.’

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इसके बाद तुरंत मैंने थाने पर धरने पर बैठने का निर्णय ले लिया. अगले भाग में पढ़िए कैसे मैं धरने पर बैठा और मेरे साथ क्या हुआ…

धमकी मिलने के बाद पत्नी समेत थाने के बाहर धरने पर बैठे AAS के जिला उपाध्यक्ष

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थानाध्यक्ष पर जाति पूछ कर गाली गलौज का आरोप, कार्रवाई की मांग

बलिया के थाने में पति-पत्नी के साथ गंभीर मारपीट, तत्काल एफआईआर और निलंबन की मांग

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जारी….

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