जी-सोनी के बीच होने वाली 10 बिलियन डॉलर की डील रद्द होने के बाद सोनी ने जी पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया है. डील को लेकर कहा जा रहा कि सेबी इसे नाकाम करने की कोशिश कर रही थी. सेबी पर ये आरोप जी ग्रुप के मालिक सुभाष चंद्रा ने लगाया है.
सोनी-जी एंटरटेनमेंट मर्जर डील रद्द होने के पहले सुभाष चंद्रा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर सेबी पर सोनी के साथ डील को नाकाम करने की कोशिश का आरोप लगाया था. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि, ‘मुझे यकीन है इस स्तर पर जी एंटरटेनमेंट के पूर्व डायरेक्टर को नोटिस भेजना ऐसा प्रतीत हो होता है जैसे मीडिया के माध्यम से मामले को सनसनीखेज बनाने की कोशिश की जा रही है. सेबी से मिले नोटिस में प्रतिबंधित समय और एंटरटेनमेंट व कल्वर मैक्स (सोनी) के मर्जर का समय मेल खाता है.’
बताया जा रहा है कि इस डील में सोनी ग्रुप जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड का अधिग्रहण करने वाला था. लेकिन 22 जनवरी को सोनी इंटरनेशनल ने तय समय में डील पूरी नहीं होने और अन्य कारण गिनाते हुए इसे रद्द कर दिया. पिछले दो साल से यह डील रेग्युलेटरी मंजूरियों के इंतजार में थी. दिसंबर 2021 में दोनों के बीच डील हुई थी, जिसे आगामी दो साल में पूरा करना था. लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी इसे पूरा नहीं किया.
बता दें कि जांच के दौरान सेबी ने पुनीत गोयनका को किसी भी नई कंपनी में चीफ बनने पर रोक का आदेश जारी किया था. जिसके बाद अपीलेंट बॉडी सैट ने सेबी के आदेश पर रोक लगा दी और पुनीत गोयनका पर लगे सभी प्रतिबंध हट गए.
हालांकि, सोनी ने इस मामले में अलग नजरिया रखा. डील को रद्द करने के कारणों में उन्होंने बताया कि वे भारत में ‘कॉरपोरेट गवर्नेंस’ के किसी भी मामले से नहीं जुड़ना चाहती.
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