सुख-दुख
Chandra Bhushan- धम्मपद के पहले खंड ‘यमकवग्ग’ में ज्यादातर जगहों पर एक ही बात अलग-अलग मौकों पर परस्पर विपरीत छोरों से कही गई है।...
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Chandra Bhushan- धम्मपद के पहले खंड ‘यमकवग्ग’ में ज्यादातर जगहों पर एक ही बात अलग-अलग मौकों पर परस्पर विपरीत छोरों से कही गई है।...
चंद्र भूषण- बुद्ध के सारे संवाद मौखिक ही रहे, लिखावट में एक भी नहीं। यूं कहें कि सिर्फ बोली और सुनी हुई बात ही...