मुख्तार अंसारी दहशत के मारे बैरक से बाहर नहीं निकल रहे!

Manoj Kumar Mishra : खबर आ रही है कि बाँदा जेल में बंद कभी दहशत का पर्याय रहे मुख्तार अंसारी माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी के बागपत जेल में धराशायी होने के बाद मारे दहशत के अपने बैरक से बाहर ही नही निकल रहे ..जेल में उपलब्ध कराया जा रहा खाने पीने का सामान भी उन्हें …

सागरिका घोष ने मुख़्तार परिवार के महिमामंडन वाला लेख लिखा!

ये एक दिन में नहीं हुआ है। और, ये स्थापित करने में सबसे बड़ी भूमिका बड़का टाइप के सरोकारी साबित पत्रकार, लेखकों ने निभाई है। ताज़ा सागरिका घोष का मुख़्तार परिवार का महिमामंडन वाला लेख पढ़ लीजिए या किसी हरिशंकर तिवारी, रघुराज प्रताप सिंह जैसों के बारे में दिल्ली लखनऊ से इन आरोपी अपराधियों के इलाक़े में गए पत्रकारों की रिपोर्टिंग पढ़िए। सब राबिनहुड छवि बनाने का ठेका लिए दिखते हैं।

खबर को लेकर मेरी दो बार मुठभेड़ मुख्‍तार अंसारी से हो चुकी है

हम अपराधियों की हरकतों के खिलाफ युद्ध करें, उनके धंधे में भागीदारी क्‍यों

लखनऊ : यह कोई 13 साल पहले का हादसा है। मैं जौनपुर में हिन्‍दुस्‍तान अखबार का ब्‍यूरो प्रमुख था। खबर को लेकर दो बार मेरी मुठभेड़ मुख्‍तार अंसारी से हो गयी। एक बार एक ट्रैक्‍टर व्‍यवसायी आईबी सिंह के घर और दूसरी बार मोहम्‍मद हसन कालेज के प्रिंसिपल के यहां। तब मुख्‍तार अंसारी समाजवादी पार्टी के चहेते हुए करते थे। दोनों ही बार आयोजकों ने मुख्‍तार से मेरा परिचय कराया और मैंने सवाल पूछने शुरू किये।