Yashwant Singh : गाजीपुर के इस नन्हे उस्ताद ने तो दिल खुश कर दिया. इनकी चर्चा कई लोगों के जरिए कानों तक पहुंची थी. आज इनके दर्शन भी हो गए. इनसे संबंधित कुछ वीडियो क्लिप्स मंगवाया था जिसे एडिट कर यूट्यूब पर अभी अपलोड कर दिया.
Yashwant Singh : गाजीपुर के इस नन्हे उस्ताद ने तो दिल खुश कर दिया. इनकी चर्चा कई लोगों के जरिए कानों तक पहुंची थी. आज इनके दर्शन भी हो गए. इनसे संबंधित कुछ वीडियो क्लिप्स मंगवाया था जिसे एडिट कर यूट्यूब पर अभी अपलोड कर दिया.
उत्तर प्रदेश में जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव ने रविवार को विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में हारमोनियम बजा कर ऐसा लोकगीत गाया कि विद्यार्थियों की तालियां रुकने का नाम ही नहीं ले रही थीं. विश्वविद्यालय के कुलपति ने संगीत को अपने मन से जोड़ने की बात की। प्रोफ़ेसर यादव बचपन से ही संगीत से जुड़े रहे हैं और कई देशों में उन्होंने अपनी प्रस्तुतियां दी है। भारतीय परिधान धोती कुर्ता पहनकर प्रोफ़ेसर यादव विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन स्थित मंच पर चढ़े तो किसी ने इस बात की उम्मीद भी नहीं की थी कि भौतिकी का प्रोफेसर ऐसा गीत गा सकता है.
जनता के बीच से जो गीत-संगीत निकल कर आता है, उसका आनंद ही कुछ और होता है. अवधी हो या भोजपुरी. इन देसज बोलियों की लोक रंग से डूबी रचनाओं में जो मस्ती-मजा है, वह अन्यत्र नहीं मिलता. नीचे तीन वीडियोज हैं. सबसे आखिर में जाने माने कवि स्व. कैलाश गौतम की रचना है, उन्हीं की जुबानी- ‘अमउवसा का मेला’. जो लोग इलाहाबाद में कुंभ-महाकुंभ के मेलों में जाते रहे हैं, उन्हें इस कविता में खूब आनंद आएगा.