Ashwini Sharma : आज के मिलावटी युग में कब कौन गंभीर बीमारी का शिकार हो जाए कहा नहीं जा सकता..जीवन भर नशे से दूर रहने वालों को भी मौत खिंचती है और जो लोग इसकी दलील देकर तरह तरह के व्यसन करते हैं उऩका ईश्वर ही मालिक है..आज सुबह गाजीपुर के प्रत्रकार भाई प्रिंस सिंह की पोस्ट पढकर मन व्यथित हो गया..उन्होंने गाजीपुर के हिन्दुस्तान समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ विनोद मिश्रा जी की कैंसर से निधन की खबर को अपनी वॉल पर लिखा… विनोद जी पिछले तीन महीने से मुंह के कैंसर से पीड़ित थे..और मुंबई के टाटा समेत कानपुर के अस्पताल में उनका इलाज हो रहा था..प्रिंस भाई ने बताया कि विनोद जी गुटखे और पान का जमकर सेवन करते थे जिससे उन्हें कैंसर हो गया था..वाकई विनोद भाई के असमय निधन से उनके परिवार पर बज्र टूट पड़ा है..ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और परिवार को हिम्मत दें..साथ ही मैं अपने पत्रकार मित्रों से भी अनुरोध करता हूं कि कृपया जानलेेवा गुटखे से दूर रहें..और हां जो लोग शराब अदि से कुछ ज्यादा ही संगत कर रहे हैं उनसे भी अनुरोध है कि शराब आपके लीवर को खोखला कर देता है..आज आप किसी भी कैंसर अस्पताल में चले जाएं मुंह और लीवर के कैंसर के मरीज सबसे ज्यादा मिलते हैं..याद रखिए आप से आपके परिवार को बहुत उम्मीदें हैं…
कैंसर के पहले और बाद की तस्वीरें
Yashwant Singh : आप बहुत जल्दी ये दुनिया छोड़ गए दोस्त.. Vinod Mishra जी… विनोद मिश्रा मेरे गाजीपुर जिले के हिंदुस्तान अखबार के ब्यूरो चीफ थे. पान और गुटखे की लत से ओरल कैंसर का उन्हें पता तब चला जब वह विकराल रूप धारण कर चुका था. पूरे चेहरे पर फोड़े निकल आए थे. बीती रात इन्होंने अंतिम सांस ली. दो बेटियां और एक बेटा है. सबसे बड़ी बेटी आठवीं की छात्रा है. सोचिए, एक गृहस्थी को कैसे तबाह कर दिया तंबाकू की लत ने. आज से हम सभी को किसी भी रूप में तंबाकू न सेवन करने की कसम ले लेनी चाहिए. देर होने से पहले सावधान होना जरूरी है. मैं खुद भी विभिन्न रूपों में तंबाकू का सेवन करता हूं लेकिन आज से फाइनली बंद.. ये वादा है. जब भी गाजीपुर जाता, विनोद जी से जरूर मुलाकात होती. उन्हें पता चलता कि मैं गाजीपुर आया हुआ हूं तो खुद फोन कर शाम को मुलाकात करने का कार्यक्रम रख देते. बाटी चोखा पकाने-खाने से लेकर देर रात लंका-स्टेशन का चक्कर लगाने का दौर चलता. उनसे घरेलू रिश्ता बन गया था. सपरिवार हम लोग मिलते-जुलते, जब भी गाजीपुर जाते. अब भी भरोसा नहीं हो रहा कि यह जिंदादिल शख्स चला गया. विनोद जी की सबसे बड़ी खूबी उनका अहंकार विहीन व्यक्तित्व था. वे कभी किसी बात का बुरा नहीं मानते. कितना भी तनाव वाला माहौल हो और कितना भी भारी भरकम व्यक्तित्व हो, वे सबको अपने सहज स्वभाव से शांत-सरल बना लेते. विनोद जी मूलत: कानपुर के रहने वाले थे. उनके असमय चले जाने के बाद बच्चों और भाभी को मुश्किलों भरा जीवन जीना हो सकता है. हम लोग आगे इस परिवार के लिए क्या कर सकते हैं, इस पर सोच-विचार करना चाहिए.
टीवी जर्नलिस्ट अश्विनी शर्मा और भड़ास के एडिटर यशवंत की उपरोक्त एफबी पोस्ट पर आए ढेर सारे कमेंट्स में से कुछ प्रमुख यूं हैं…
Satyendra PS ये कसम वगैरा ससुरी दो चार रोज के लिए होती है। जो लोग मुझे चार साल पहले जीने और मरने के बीच की अवस्था मे देखे थे,4-5 महीने तम्बाकू गुटखा सिगरेट छोड़े रहे। अब खूब भकोस रहे हैं। जब तक लोग खुद मर न जाएं या अधमरा न हो जाएं तब तक लगता है कि तम्बाकू से कैंसर नही होता, किस्मत से होता है। विनोद मिश्र जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
Dhirendra Asthana मैं निजी रूप से नहीं जानता मगर पोस्ट पढ़कर गहरे दुख से भरा हुआ हूं । तंबाकू सचमुच खतरनाक है । मैंने दिल के एक ऑपरेशन से एक दिन पहले डॉक्टर के आदेश पर सन 2008 में सिगरेट पूरी तरह छोड़ दी थी । विनोद जी के साथ हुए हादसे से सबको सबक लेना चाहिए । नमन
Vinod Bhardwaj विनम्र श्रद्धांजलि ! उनके कच्चे परिवार को देखते हुए सभी क्षमतावान पत्रकारों और पत्रकार संगठनों से अपील करता हूँ कि वे मुख्यमंत्री सहायता कोष से पर्याप्त धनराशि पीड़ित परिवार को दिलाने की सकारात्मक पहल करें ।
Nitin Srivastava विनोद मिश्रा भइया जी की आत्मा को ईश्वर शांति दें,हमेशा हर किसी पत्रकार के साथ खड़े होने वाले विनोद जी सुल्तानपुर में तकरीबन तीन साल रहे है,हम सभी उनके साथ बहुत अच्छे बुरे पल बिताये है जो कभी भुलाया नही जा सकेगा,ईश्वर उनके परिवार को इस दुख की घड़ी से लड़ने की हिम्मत दें….
Vikash Singh गुटखा ने बहुतों परिवार की जिंदगी खराब की है…जरूरत है इस इंडस्ट्री के खिलाफ अभियान चलाने की…
Ghanshyam Dubey दुखद है। हम लोग सरकार से कुछ बड़ी मदद की बात कर सकते हैं , जिससे परिवार की जिंदगी एक लम्बे समय तक चल सके! हम लोगों की मदद बहुत दूर तक नहीं ले जा सकती ….!!
Riyaz Hashmi बेहद दुखद। विनोद ने मेरे साथ सहारनपुर में करीब दो वर्ष जागरण में रिपोर्टिंग की। वाकई इनके परिवार पर तो दुख का पहाड़ टूट गया है। उफ्फ, भगवान इनकी आत्मा को शांति दे।
अजीत कुमार पाण्डेय मुख्य मंत्री कोष और हिंदुस्तान अख़बार समूह से पीड़ित परिवार को सहायता राशि दिलाने का सकारात्मक कदम उठाना होगा साथ ही नशा मुक्ति अभियान में पत्रकार बंधुओं को सहयोग करने पर भी बल होना चाहिये,ईश्वर विनोद मिश्रा जी के आत्मा को शांति प्रदान करें।
Nagmani Pandey बहुत ही दुःखद समाचार… महाराष्ट्र के कद्दावर नेता के रूप में पहचाने जाने वाले गृहमंत्री आर आर पाटिल की मुत्यु भी तंबाखू के कारण ही हुआ था ।इसके बाद से महाराष्ट्र में तंबाखू पर पाबंदी लाने की चर्चा हुआ लेकिन हुआ कुछ नहीं। मेरा कहने का तात्पर्य है की जो भी कोई हो तंबाखू खाना छोड़ दे ,अगर परिवार से प्यार है तो जरूर छोड़े बाकी आपकी मर्जी
Amitaabh Srivastava बहुत दुखद है। नशे ने जाने कितने घर उजाड़ दिये। लोग समझते ही नहीं।
Ashutosh Dwivedi ओह ये क्या हो गया। विनोद बाबू मुझे तो आपने गाजीपुर बुलाया था। हे राम। ॐ शांतिः शांतिः शांतिः
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sanjog walter
February 24, 2018 at 1:04 pm
Cancer ka Dansh jhel raha hun vinod ji jis dard se gujar gye uska mujhe ahsas hai 2 baar operation jhela hai mene vinod ji ke pariwar ke meri puri samvedna hai mere layak koi bhi kaam ho batayen