सभी अखबारों की होगी फिर से जांच… महाराष्ट्र के लेबर कमिश्नर द्वारा बुलाई गई त्रिपक्षीय समिति की बैठक में लेबर कमिश्नर यशवंत केरुरे ने अखबार मालिकों के प्रतिनिधियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि आपको माननीय सुप्रिमकोर्ट के आदेश का पालन करना ही पड़ेगा। श्री केरुरे ने कहा कि वेज बोर्ड का लाभ ठेका कर्मचारियों को भी देना अनिवार्य है। मुम्बई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के लेबर कमिश्नर कार्यालय में बुलाई गई इस बैठक में राज्यभर के विभागीय अधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया था।
इस बैठक में सवाल उठाया गया कि जस्टिस मजिठिया वेजबोर्ड के अनुसार अपने बकाये का क्लेम लगाने में मीडिया कर्मियों में डर का माहौल क्यों है। अखबार मालिक लोगों को परेशान क्यों कर रहे हैं। ट्रांसफर टर्मिनेशन क्यों कर रहे हैं। नौकरी से निकालने या पेपर बन्द करने की धमकी देकर सादे कागज पर साइन क्यों कराया जा रहा है। कई अखबार मालिक अपने समाचार पत्र के कर्मचारियों से त्यागपत्र लेकर नई कंपनी में ठेके पर ज्वाइन करा रहे हैं। कई अखबार मालिक अपने कर्मचारियों को डिजिटल में ज्वाइन करा रहे हैं। ये मुद्दा नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट महाराष्ट्र की पत्रकार प्रतिनिधि शीतल करंदेकर ने उठाया।
इस पर लेबर कमिश्नर ने कहा कि मीडियाकर्मियों को घबड़ाने की कोई जरूरत नहीं है। मजीठिया वेजबोर्ड का लाभ मीडियाकर्मियों को मिलेगा। इसमें संदेह नहीं किया जाना चाहिए। उन्हें इसका लाभ जरूर मिलेगा। माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश न मानने वालों के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अवमानना का मामला चलेगा और जहां भी मीडियकर्मियोंको परेशान किया जा रहा है, वे शिकायत करें। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे मामलों का तीन महीने में निस्तारण किया जाए।
एनयूजे महाराष्ट्र ने सभी अखबारों के फिर से सर्वे करने की मांग की जिस पर सहमति बनी। इस पर अखबार मालिकों के प्रतिनिधियों ने एतराज जताया और कहा कि फिर से जांच की कोई जरूरत नही है। इस दौरान ये मुद्दा भी उठा कि अखबार मालिक सरकारी विज्ञापन लेते समय खुद को नंबर वन का ग्रेड बताकर विज्ञापन लेते हैं जबकि मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू करते समय खुद को निचले ग्रेड का बताते हैं। आयुक्त ने जनवरी तक सभी समाचार पत्रों की जांच करने का आदेश दिया। इस जांच की डेट सभी पत्रकार प्रतिनिधियों को भी बताने की मांग की गई जिसे आयुक्त ने मान्य कर लिया।
इस अवसर पर बी यू जे के इन्दर जैन ने फिक्सेशन सार्टिफिकेट प्रत्येक कर्मचारी को देने का निवेदन किया। इस अवसर पर एनयूजे महाराष्ट्र ने मांग की कि समिति के कई सदस्य बैठक में नहीं आते। उनकी जगह मजीठिया के जानकार लोगों को सदस्य बनाया जाए। इस दौरान शीतल करंदेकर ने ये भी मुद्दा उठाया कि लेबर विभाग ने सुप्रीम कोर्ट को जो रिपोर्ट भेजा है, उसमें कई अखबारों में दिखाया गया है कि इन अखबारों में माणिसना वेज बोर्ड की सिफारिश लागू है। इसकी भी जांच कराई जाए। इस बैठक में लेबर डिपार्टमेंट के उपसचिव कार्णिक भी मौजूद थे। बैठक का संचालन ड्यूपीटी लेबर कमिश्नर श्री बुआ ने किया।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आर टी आई एक्सपर्ट
एनयूजे महाराष्ट्र मजीठिया वेज बोर्ड समन्यवयक
9322411335