पावर की हनक किस प्रकार से नौकरशाहों पर हावी हो गई है कि वह आम जनता को छोड़िए पत्रकारों को भी कुछ नहीं समझ रहे हैं। टिकरी (गया) अनुमंडल के एक एसडीएम सुजीत कुमार गुरूवार को पंचानपुर ओपी थाना के सहयोग से पंचानपुर हाट बाजार में वाहन जांच कर रहे थे। इसी दौरान एसडीएम ने एक युवक को जोर से थप्पड़ जड़ दिया।
इस घटनाक्रम को देख रहे पत्रकार आदित्य कुमार दुबे ने जब युवक का पक्ष जानने के लिए अपने मोबाइल फोन के कैमरे को ऑन किया और वीडियो बनाना शुरू किया तो एसडीएम के इशारे पर एक पुलिसकर्मी ने पत्रकार के साथ धक्का-मुकी कर वीडियो लेने से रोक दिया। इसके बाद एसडीएम सुजीत कुमार ने पत्रकार को कानून का भय दिखाते हुए न्यूज़ कवर करने से परहेज करने और घटनास्थल से शीघ्र चले जाने का आदेश दे दिया।
एसडीएम सुजीत कुमार के ऊपर पावर का हनक इस प्रकार सवार था कि उन्होंने पत्रकार को यहां तक कह डाला कि यदि तुम.. यहां से नहीं जाते हो तो मैं सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए मुकदमा चलाऊंगा। यहां तक कि मैं थाने में बिठाकर कर रखूंगा।
पीड़ित चंदन कहते हैं कि, ‘भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में नौकरशाह अपने पावर के हनक में इतना सनक गए हैं कि खुद की कमियों, गलतियों और व्यवस्था का दोष समाज के बीच प्रकट न हो, जिसके चलते पत्रकार तक को वीडियो बनाने से मना कर दिया. अफसरों के सर्वजनिक दोष को निर्भयता पूर्वक पत्रकार समाज के बीच प्रकट भी नहीं कर सकते।’
एसडीएम को जहां पत्रकार के साथ समझदारी, समन्वय तथा तारतम्यता से पेश आना चाहिए लेकिन ऐसा ना करके एसडीएम ने पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार किया एवं समाचार कवर करने से बेवजह रोक दिया। रोक वाली बातों से साफ स्पष्ट होता है कि चौथा स्तंभ/प्रेस पर साफ कुठराघात है। प्रेस प्रतिनिधियों /पत्रकार की स्वतंत्रता सुरक्षा तथा प्रेस की स्वतंत्रता बनाए रखने के उद्देश्य से ऐसे गंभीर विषय पर बिहार सरकार को जांच कर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
इतना ही नहीं जब एसडीएम से पत्रकार ने बात की तो उनने बात करने से पहले उसका आईकार्ड व्हाट्सएप्प पर भेजने को कहा। एसडीएम ने कहा कि, ‘पहले अपना प्रेस कार्ड मुझे भेजो उसके बाद मैं कॉल बैक करूंगा.’ नीचे देखें एसडीएम सुजीत कुमार की तस्वीर..