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टीवी टुडे के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट करने वाले पर कोर्ट ने लगाया तगड़ा जुर्माना

टीवी टुडे नेटवर्क के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट को दिल्ली हाई कोर्ट ने X यूजर को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया है. हाई कोर्ट में यह मुकदमा टीवी टुडे की तरफ से साल 2020 में दायर किया गया था. जिसमें अदालत द्वारा ट्वीट करने को लेकर प्रतिबंध सम्बन्धी आदेश दिया था.

टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड बनाम समीत ठक्कर व अन्य मुक़दमे में जस्टिस रेखा पल्ली ने ठक्कर को 1 लाख रुपये का जुर्माना देने का निर्देश दिया है.

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समाचार कंपनी ने ठक्कर पर यह आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया कि COVID-19 लॉकडाउन के दौरान उन्होंने टीवी टुडे, प्रबंधन, कर्मचारियों और एंकरों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का उपयोग करते हुए अपने एक्स हैंडल पर क्रम से 35 ट्वीट किए.

मुकदमे में अन्य प्रतिवादी अध्यासी मीडिया एंड कंटेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड है, जिसने ठक्कर के ट्वीट को पुनः प्रकाशित किया.

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बता दें कि 2020 में अदालत ने ठक्कर को X (तब twitter) सहित किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर टीवी टुडे नेटवर्क या उसके कर्मचारियों के खिलाफ मानहानिकारक या अपमानजनक ट्वीट प्रकाशित करने से रोक दिया था.

बाद में समाचार कंपनी द्वारा अदालत के निर्देशों की खुलेआम अवहेलना करने के लिए ठक्कर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए आवेदन दायर किया गया.

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20 दिसंबर, 2023 को सुनवाई के दौरान, ठक्कर के वकील राघव अवस्थी ने अदालत को बताया कि सोशल मीडिया यूजर प्रतिबंध के आदेशों के बावजूद मानहानिकारक ट्वीट करने के लिए बिना शर्त माफी मांग रहा है. अवस्थी द्वारा अदालत को यह भी सूचित किया गया कि विषय ट्वीट हटा दिए गए. इस प्रकार, यह प्रार्थना की गई कि ठक्कर की माफी स्वीकार करके आवेदन का निपटारा किया जाए.

जस्टिस पल्ली ने कहा कि जब कोई पक्ष जानबूझकर न्यायिक निर्देशों का उल्लंघन करता है तो केवल ठक्कर की मौखिक माफी को स्वीकार करना न्याय के हित के खिलाफ होगा, वह भी संयम आदेशों के बावजूद ट्वीट करने के लिए बिना किसी स्पष्टीकरण के.

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अदालत ने कहा, ‘प्रतिवादी नंबर 1 के आचरण से पता चलता है कि उसने इस अदालत द्वारा पारित आदेशों की पूरी तरह से अवहेलना की. साथ ही निर्देश दिया कि ठक्कर को दिल्ली उच्च न्यायालय बार क्लर्क एसोसिएशन को 1 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा.

इस राशि का उपयोग केवल उन क्लर्कों के परिवारों के कल्याण के लिए किया जाएगा, जिन्होंने COVID​​-19 महामारी के दौरान अपनी जान गंवा दी. मामले की अगली सुनवाई 1 अप्रैल 2024 को होगी.

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