विधु शेखर ने किला फतह कर लिया. वे इस वक्त आईआरएस की ट्रेनिंग कर रहे हैं लेकिन उनकी जिद थी कि वे आईएएस ही बनेंगे. सो, एग्जाम देते रहे. हर साल वे सेलेक्ट होते रहे लेकिन आईएएस बनने से कुछ अंकों से चूक जाते. इस बार उन्हें कामयाबी मिल ही गई.
आज शाम को घोषित हुए यूपीएससी के रिजल्ट में विधु शेखर का सेलेक्शन आईएएस में हो गया है. उनकी आल इंडिया रैंक 54 है. इस कामयाबी से सबसे ज्यादा खुश उनके पिता प्रोफेसर निशीथ राय हैं जो बेटे के सुख-दुख के हर पल के गवाह हैं. डाक्टर निशीथ राय द्वार प्रदत्त संस्कार और बेटे विधु के जी-तोड़ मेहनत से एक सपना पूरा हो गया.
विधु शेखर का सेलेक्शन 2018 में भारतीय राजस्व सेवा (इनकम टैक्स) में हुआ. उनकी आल इंडिया रैंक 173 थी. इसके बाद 2019 के एग्जाम में भी उनका सेलेक्शन हुआ जिसमें आल इंडिया रैंक 191 थी। दोनों ही बार वे आईएएस बनने से चूक गए लेकिन आईआरएस की नौकरी ज्वाइन कर ली. विधु नागपुर में NADT (नेशनल अकादमी ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस) में ट्रेनिंग कर रहे हैं.
विधु ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद से इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक किया हुआ है. IIIT इलाहाबाद से कैंपस प्लेसमेंट के बाद उन्होंने पेटीएम में एक साल इंजीनियर के पद पर नौकरी की. इसी दौरान विधु के मन में आया कि क्यों न वह जीवन में एक चैलेंज लें. अगर सफल हुए तो बल्ले-बल्ले. न सफल हो सके तो प्राइवेट नौकरियां हैं ही, फिर कहीं इंजीनियर बन जाएंगे.
इस निर्णय के बाद विधु शेखर ने पेटीएम की लाखों रुपये सेलरी वाली नौकरी से त्यागपत्र देकर सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गए. विधु के फैसले को पिता डाक्टर निशीथ राय ने पूरा सपोर्ट दिया.
विधु लगातार तीनों साल 2018, 2019 और 2020 में सेलेक्शन हुआ और अब आखिरकार उनका सपना पूरा हुआ. वे आईएएस बन गए.
विधु के पिता डाक्टर निशीथ राय प्रोफेसर, कुलपति, अखबार मालिक और विचारक हैं. वे लखनऊ के प्रतिष्ठित लोगों में शुमार किए जाते हैं.
इससे पहले जब विधु आईआरएस सेलेक्ट हुए थे तो उनकी खबर भड़ास पर छपी थी.
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