Nitin Thakur : युद्ध की चाह रखनेवालों को बधाई! आपके प्रिय चैनल जो कल्पना में गढ़ रहे थे वो असल में हो रहा है. इमरान खान पाकिस्तान में परमाणु हथियारों पर नियंत्रण रखनेवाली बैठक के साथ बैठक में हैं. भारत के तीनों सेनाओं के चीफ सुबह से रक्षामंत्री, गृहमंत्री और प्रधानमंत्री के साथ अलग-अलग बैठकों में है. दोनों देश एक-दूसरे के लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा कर रहे हैं जिसे उनका मीडिया ज़ोरशोर से महिमा मंडित कर रहा है. सैनिकों की छुट्टी कैंसिल है. सीमा से लगे दोनों देशों के हवाई अड्डे ठप्प हो चुके हैं. सीमावर्ती इलाकों में फायरिंग के बीच लोगों से घर छोड़कर जाने की मुनादी करवाई जा रही है.
अद्भुत ‘युद्ध’ है। कश्मीर में एक भारतीय मिग गिरा जिसे भारतीय मीडिया हादसा बता रहा है। एक पाकिस्तानी लड़ाकू F-16 को भी मार गिराने का दावा है लेकिन पाकिस्तानी मीडिया से ये खबर गायब है। उधर पाकिस्तान कह रहा है कि हमने तीन लड़ाकू विमान गिरा दिए जिनमें दो पीओके में गिरे और एक भारत के कश्मीर में। इसके अलावा एक इंडियन पायलट गिरफ्तार हुआ है। ये खबर हमारे यहां से गायब है। कैलीफोर्निया के प्रोग्रेसिव रपब्लिकन सीनेटर Hiram Johnson (1866-1945) ने वल्ड वार एक के दौरान सही कहा था- ‘The first casualty, when war comes, is truth.’
Samarendra Singh : बंदूक और कलम में मैं हमेशा कलम को चुनूंगा। युद्ध और शांति में हमेशा शांति को चुनूंगा। अगर पूरे देश को युद्ध पसंद है तो भी मैं उन चंद आवाजों में शामिल होना चाहूंगा जो युद्ध के खिलाफ हैं। जो युद्ध को टालने की कोशिश में हैं। युद्ध वो अभिशाप है जिसमें हर पल, हर कदम, हर सांस मानवता दम तोड़ती है। इसलिए मानवता को बचाने के लिए युद्ध और हथियारों का विरोध बेहद जरूरी है। युद्ध अमानवीय होते हैं। उन्हें टालने की हर मुमकिन कोशिश होनी चाहिए। युद्ध हमेशा थोपा ही जाता है। कोई न कोई थोपता है। अपनी महत्वाकांक्षा और सत्ता के नशे में थोपता है। हवस और लोभ में थोपता है। इसलिए इसके खिलाफ आवाज उठाना चाहिए। रही बात आतंकवाद की तो उसका हल बम नहीं है। होता तो अमेरिका ने जितने बम गिराए हैं आतंकवाद खत्म हो चुका होता।
पत्रकार नितिन ठाकुर और समरेंद्र सिंह की एफबी वॉल से.