ख़बर जयपुर से है. रीज़नल न्यूज़ चैनल 1st इंडिया राजस्थान से चन्द्रकान्त शुक्ला ने इस्तीफा दे दिया है. चन्द्रकान्त यहां प्रोड्यूसर थे और बतौर शिफ्ट इंचार्ज कार्यरत थे. सीनियर एडिटर सैय्यद उमर के कार्यकाल में चन्द्रकान्त ने बेहतरीन काम किया. सुधांशु माथुर ने सीनियर एडिटर बनने के कुछ ही दिनों बाद चन्द्रकान्त को शिफ्ट इंचार्ज बनाया.
चैनल की स्क्रीन पर इनके लिखे शब्द हेडर और क्रोमा स्क्रीन पर चार चांद लगाते थे तो वॉइस ओवर स्क्रिप्ट में जान डालते थे. सीमित संसाधनों और कम लोगों भी संतुलन बनाकर काम करने में चन्द्रकान्त को महारत हासिल है.
इससे पहले चन्द्रकान्त भारत समाचार में करीब चार सालों तक बतौर प्रोड्यूसर काम कर चुके हैं. यहां उन्होंने 2017 विधान सभा चुनाव, उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव, 2019 लोकसभा चुनाव में इलेक्शन टीम में काम किया है.
2019 में फील्ड से पब्लिक शो भी किया, तो भारत समाचार के शो ‘बिल्डर्स की बदमाश कंपनी’ के प्रोड्यूसर और एंकर भी रहे.
पंचायत चुनाव की कवरेज में अपने कांसेप्ट को ‘मार मोहरिया तान के’ शो के तौर पर स्क्रीन पर लाये. भारत समाचार में ब्रजेश मिश्रा के डेली शो THE DEBATE, के साथ साथ अखाड़ा और दोपहर वार के प्रोड्यूसर रहे.
भारत समाचार में चन्द्रकान्त की स्क्रिप्ट और वॉइस का लोहा सभी ने माना. मूल रूप से उन्नाव के रहने वाले चन्द्रकान्त मुद्दों पर बेबाक राय रखते हैं, सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं.
Ye Hai Unnao के नाम से अपने यूट्यूब शो के लिए उन्होंने उन्नाव की हस्तियों के इंटरव्यू किये, जिसमें पूर्व मंत्री सुधीर रावत, पूर्व सांसद अन्नू टंडन, आईपीएस पुष्पांजलि, आईएएस मेघा रूपम शामिल रहीं. हाल ही में इनकी लिखी लाइन ‘भैया हैं तो भरोसा है’ खूब वायरल हुई.
इसके साथ चंद्रकांत ब्लॉग भी लिखते हैं, यूथ की आवाज़ पर उनके दर्जनों लेख हैं, scrollstack पर भी कई लेख प्रकाशित हुए.
2018 में चन्द्रकान्त को यूथ की आवाज़ ने टॉप 20 लेखकों में चुना था. उन्नाव के स्थानीय समाचार पत्रों में भी इनके लेख प्रकाशित होते हैं, चंद्रकांत ने हैदराबाद में ईटीवी बिहार (अब न्यूज़ 18 बिहार) से बतौर कॉपी एडिटर शुरुआत की थी.
7 सालों से पत्रकारिता में सक्रिय चन्द्रकान्त ने पत्रकारिता की पढ़ाई लखनऊ में Isomes से की थी. मंच संचालन में चन्द्रकान्त माहिर हैं, भारत समाचार में अक्सर कवि सम्मेलन की एंकरिंग करते नज़र आये थे. कविताओं शेर शायरी में दिलचस्पी रखते हैं, कई कविताएं भी प्रकाशित हो चुकी हैं.
हालांकि चन्द्रकान्त ने अभी अपनी नई पारी के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है.
अपने इस्तीफे के बारे में Chandrakant Shukla ने फेसबुक पर ये लिखा है-
करीब 8 महीनों तक जयपुर का हिस्सा रहा, फर्स्ट इंडिया परिवार का हिस्सा रहा, और इस दौरान राजस्थान की सियासत को समझा, मेरे लिए बिल्कुल नया माहौल था, पत्रकारिता के 7 सालों के अपने करियर में बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश उत्तराखंड के बाद राजस्थान की खबरों से रोज़ आमना सामना हुआ। इस सफर में कई लोग मिले, निकलते वक्त सभी के साथ तस्वीरें भी नहीं हो सकी। लेकिन दिल में सब बस गए हैं। नीतेश सिंह जी, यहां मेरे आउटपुट हेड थे, उनके जितना कूल शख्स मैंने आजतक नहीं देखा, वो दूसरों को निर्देश नहीं देते बल्कि खुद हर चुनौती का सामना करते हैं, मुझे खुशी है कि इन 8 महीनों में हर बड़े इवेंट में उन्होंने मुझे अहम माना, जिम्मेदारी दी, सीनियर एडिटर सुधांशु सर का जितना अनुभव है उतनी अभी मेरी उम्र नहीं लेकिन उन्होंने हमेशा मेरे सुझावों को प्राथमिकता दी, मेरे लिए प्रोमो सुधांशू सर, नीतेश सर ने हमेशा पहली नज़र में पास किये, बहुत से लोग हैं जिनका सहयोग मिला, साथ मिला। श्वेता मैम से तो हैदराबाद के समय से स्नेह मिलता रहा है, राजस्थान के बेहतरीन जानकार विजेंदर सर, उमर सर, तो साथियों में मनीष भाई, राहुल भाई, मस्तमौला अजय सर, बाबा, गंभीर, शांत विवेक सर, के के मिश्रा सर, जतिन सर, उभरती तेज़ पत्रकार करीना, आयुषि, कैमेरा विंग के सुरेंद्र सर जो आपको हर टेंशन से दूर कर देते हैं। एक अच्छी दोस्त मेघा कौशिक, शुभम शशांक जैसे साथी। कैंटीन के दयाराम भाई। सभी के साथ सहयोग के लिए आभारी हूँ। मैं रिश्ते निभाने में यकीन रखता हूँ, अब जयपुर में मेरे कई घर हैं। मेरे रूम के पास जनरल स्टोर वाले यादव जी और उनका पूरा परिवार, एक यादगार सफर की यादों को लेकर नए सफर पर चल पड़ा हूँ। साथ और आशीर्वाद बनाये रखिये