ravish kumar-
मैंने सात साल बहिष्कार झेला है। इधर सात घंटे भी नहीं हुए। ऐसा लग रहा है कल प्रधानमंत्री पहली बार प्रेस कांफ्रेंस कर ही देंगे। प्रेस की आज़ादी की रक्षा के लिए। जहां ये सारे लोग सवाल पूछते नज़र आएँगे। उसके बाद ये सारे लोग सना इरशाद मट्टू से इसके लिए (तस्वीर देखें) माफ़ी माँगने भी जाएँगे।

फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी के मारे जाने के बाद दो शब्द नहीं कहा गया। किसने नहीं कहा, क्या आप उनका नाम जानते हैं? मनदीप पुनिया का पेज रोकने के लिए नोटिस किस सरकार ने भेजा था? क्या नाम जानते हैं?
गोदी मीडिया भारत के लोकतंत्र के लिए ख़तरा है। विपक्ष को अपनी हर रैली में जनता को बताना चाहिए। अगर वह यह काम नहीं करता है तो लोकतंत्र के भविष्य को लेकर गंभीर नहीं है।
कोई माने या न माने, यह रवीश कुमार की तपस्या और वनवास की देन है जो विपक्ष आज जागा है। रवीश ने आज से आठ साल पहले , 12 जनवरी के प्राइम टाइम में कहा था, टीवी देखना बंद कर दीजिए। अभी तो ये अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है। नफरत मुर्दाबाद। -मोहम्मद अनस
One comment on “रवीश कुमार बोले- मैंने सात साल बहिष्कार झेला है!”
वो पार्टियां जिनको पेटीकोट पत्रकारिता पसंद है ,उनका चाल ,चरित्र और चेहरा बेनकाब हो रहा है ।मालूम तो सबको था लेकिन अब दिन के उजाले की तरह स्पष्ट है ।इन सारी पार्टियों का एक ही एजेंडा है मुस्लिमपरस्ती के लिए किसी भी हद तक गिर जाओ,अपने धर्मको गाली दो और हिंदू समाज को जातियों में बांटो ।सोचिए जो अपने धर्म का नहीं हुआ वो किसका होगा ?