Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

वित्तीय पूंजी कोरोना काल में नग्न हत्यारे में तब्दील हो गयी है : लाल बहादुर सिंह

लाल बहादुर सिंह

अमेरिका में कल एक दिन में होने वाली मौत का आंकड़ा 2000 के पार निकल गया-2100 और कुल मौतों का आंकड़ा भी दुनिया में सबसे ऊपर पहुंच गया 18860, इटली के 18849 से आगे।

ठीक उसी दिन, ट्रम्प अजीब कश्मकश में हैं !

इंडियन एक्सप्रेस में वाशिंगटन से प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार जहां Medical Experts, ट्रम्प को सलाह दे रहे हैं कि इन हालात में Stay at Home नीति को हर हाल में जारी रखा जाय और 30 अप्रैल के आगे भी बढ़ाया जाय, वहीं उनके Businessman दोस्त-Bankers, कारपोरेट, उद्योगपति-उन्हें लगातार फोन कर रहे हैं कि बिज़नेस पुनः खोला जाय ! ज्ञातव्य है कि ट्रम्प स्वयं भी एक बड़े बिजनेसमैन हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मेडिकल एक्सपर्ट्स का तर्क है कि घरबन्दी से कोरोना के प्रसार पर कुछ नियंत्रण लगता दिख रहा है, अगर खोला गया तो यह उपलब्धि बर्बाद हो जाएगी और हालात नियंत्रण के बाहर हो जाएंगे, जबकि पूंजीपतियों का तर्क है कि क्योंकि स्थिति में सुधार हुआ है, इसीलिए अब जरूरी है कि अर्थव्यवस्था को ठीक किया जाय!

पिछले दिनों एक अमेरिकी धनकुबेर ने कहा कि मौत का आंकड़ा चाहे जो हो हम अपनी अर्थव्यवस्था को बर्बाद नहीं होने दे सकते!

Advertisement. Scroll to continue reading.

यहां साफ है कि उनके अर्थव्यवस्था का मतलब है उनका मुनाफा!

वित्तीय पूंजी अपने मौजूदा चरण में कैसे एक नग्न हत्यारे में तब्दील हो गयी है, यह दिन के उजाले की तरह साफ है!

Advertisement. Scroll to continue reading.

अपने मुनाफे के लिए उसे समूची मानवजाति के भविष्य को दांव पर लगाने में रंच मात्र भी हिचक नहीं है!

वह सारा मुनाफा और सारी दौलत जिन श्रमिकों के श्रम से निर्मित हुई है, उनके जीवन की रक्षा की उसे कोई परवाह नहीं। यह रास्ता आत्मघात का है!

Advertisement. Scroll to continue reading.

बेहद गंभीर स्थिति के मद्देनजर हमारे अपने देश में भी ‘जान है तो जहान है’ से ‘जान भी, जहान भी’ का एक ही implication होना चाहिए।

Stay at home, तालाबंदी, physical distancing हर हाल में जारी रहे। कारपोरेट मुनाफाखोरी के लिए इसमें कोई ढील देश के सर्वनाश की कीमत पर ही दी जा सकती है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

केंद्र और राज्य सरकारें अपना खजाना खोलें और सभी जरूरतमंद भारतवासियों, श्रमिकों के घरबन्दी के दौरान उनकी आजीविक- भोजन और अन्य जरूरी ज़रूरियात की free आपूर्ति की गारंटी करें।

एक अनुमान के अनुसार देश की 75% जरूरतमंद आबादी (देश के कुल 26 करोड़ परिवारों में से लगभग 19.5करोड़ परिवार) को तत्काल 10 हज़ार रुपये प्रति परिवार दे दिए जाँय तो उनकी जान और जहान दोनों बच सकती है, पूरा देश भी unlock होने के खतरे से बच जाएगा और कोरोना महा आपदा के खिलाफ हमारी लड़ाई प्रभावी ढंग से आगे बढ़ सकेगी !

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसमें कुल खर्च 2 लाख करोड़ से भी कम होगा, इसकी तुलना आप कारपोरेट घरानों को पिछले दिनों दी गयी लाखों करोड़ की टैक्स छूट, NPA अथवा आज पूंजीपतियों द्वारा मांगे जा रहे 15 लाख करोड़ के राहत पैकेज से कर सकते हैं।

क्या प्रधानंत्री जनता की जान और जहान दोनों बचाने के लिए यह जरूरी इच्छाशक्ति दिखाएंगे?

Advertisement. Scroll to continue reading.

कामरेड लाल बहादुर सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अध्यक्ष रह चुके हैं. वे देश के जाने-माने वक्ताओं में शुमार किए जाते हैं.


ये भी पढ़ें-

Advertisement. Scroll to continue reading.

कोरोना और ट्रंप पर टॉप ग्लोबल इंटलेक्चुअल नोम चोम्सकी को सुनना जरूरी है, देखें वीडियो

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement