सेवा में
bhadas4media
श्रीमान संपादक महोदय
भड़ास4मीडिया
मैं आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं आपके यहां एक महिला के पक्ष में मेरे खिलाफ एक खबर प्रकाशित हुई थी जिसमे अपने मेरा पक्ष को भी प्रकाशित करने के लिए कहा था उसके लिए पहले आपका धन्यवाद करता हूँ।
महिला के पिता मेरे दोस्त थे जिनकी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. एक दोस्त की बेटी को मेरे द्वारा उस समय सहारा दिया गया जब यह लाचार और परेशान थी. मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह महिला विवाहिता है, बच्चे हैं इसके लेकिन इसके पति द्वारा इसके चरित्र को लेकर तमाम सवाल उठाए गए थे.
इस महिला ने 2018 में मेरे खिलाफ 376 का मामला दर्ज कराया था। महिला ने अपने पति और उसके चचेरे भाई पर किडनैपिंग के बाद सुनसान इलाके में बलात्कार करने का आरोप लगाया था. शिकायत की कॉपी जो उसके पति ने भेजी है आपको भी भेज रहा हूँ।
उसके बाद न्यू अशोक नगर के रहने वाले 65 वर्षीय एक शख्स पर रेप का आरोप लगाया था जिसकी जानकारी आपको अशोक नगर थाने से आपको प्राप्त हो सकती है। इस महिला के कुछ फोटो भी कुछ युवकों के साथ हैं जो इसके पति ने भेजी है. इस महिला ने अपने पति और उनके परिवार के तमाम सदस्यों के काफी गंभीर आरोप लगाए थे जिसके कारण आज इसके पति को नोएडा छोड़कर जाना पड़ा… ये नशे की आदी है. सेक्टर 71 में आस-पड़ोस पूरी सोसाइटी इसके क्रियाकलापों की जानकारी आपको दे सकती है.
यहां मैं आपको बताना चाहता हूं कि मेरे ऊपर 376 मामला दर्ज कराने में कुछ तथाकथित पत्रकारों का हाथ रहा जिनसे मेरा खबरों को लेकर 2014 से विवाद चल रहा था… इस महिला ने उन लोगों से संपर्क किया और मेरे खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया. कुछ दिन के बाद ही इस महिला ने मुझे फोन किया और अपनी गलती को स्वीकार किया. गलती स्वीकार करके हाई कोर्ट इलाहाबाद में तथाकथित पत्रकारों के खिलाफ बयान दिए और 376 के मामले को खत्म करने की गुजारिश की.
उसके बाद नोएडा में सीजीएम कोर्ट में 164 के बयान में महिला ने तथाकथित पत्रकारों के नाम का खुलासा किया और पुलिस को भी मेरे पक्ष में 161 के बयान भी दिए हैं जिसकी कॉपी मैं आपको भेज रहा हूं। उन्हीं पत्रकारों के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर कोर्ट में एक वाद दाखिल किया.. इसमें 200 के तहत मेरे पक्ष में बयान देते हुए तथाकथित पत्रकारों के खिलाफ वाद दर्ज कराया. उसकी भी कॉपी आपको भेज रहा हूं.
हालांकि इस महिला ने तत्कालीन एसएसपी डॉक्टर अजय पाल को भी एक शिकायती पत्र दिया था जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। ग्रेटर नोएडा के रमन ठाकुर सुशील पंडित उदित गोयल व कुछ और तथाकथित पत्रकारों से मेरा विवाद चल रहा था. यह लोग मेरे और मेरे परिवार के पीछे बुरी तरीके से फंसाने का प्रयास करने लगे. डॉक्टर अजय पाल से अच्छी उठबैठ इनकी हो गई. उसी के कारण 1 नवंबर 2018 मेरे ऊपर जान लेवा हमला किया गया. इससे मैं बड़ी मुश्किल से बचा. उसके बाद तत्कालीन एसएसपी और थाना सेक्टर 20 के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक मनोज पंत के माध्यम से मेरे ऊपर हमला किए जाने की बातें सामने आई. मनोज पंत और तत्कालीन एसएसपी मेरी खबरों से बहुत परेशान थे. मेरे ऊपर झूठे मुकदमा दर्ज कराने का सिलसिला शुरू कर दिया.
मुझे और मेरे परिवार को प्रताड़ित करने का सिलसिला शुरू कर दिया जिसके कारण मुझे 40 दिन जेल में बिताने पड़े. समाज व मीडिया के और तमाम साथियों ने मेरी व मेरे परिवार की मदद की. सबको पता लग चुका था ललित मोहन को झूठे मामले में फंसाया जा रहा है. हर बार मेरी संस्था की छवि को खराब करने के लिए संस्था का नाम भी लिखा जाता है. इस महिला के खिलाफ आपने भी एक खबर प्रकाशित की थी जिसमें इस महिला ने आपको भी फोन पर देख लेने की धमकी दी थी. इसकी रिकॉर्डिंग आपने खबर के साथ प्रकाशित की थी. आज यह महिला दोबारा उन्हें षड्यंत्र कार्यों के साथ मिलकर मेरे बेटे मेरी पत्नी मेरी बेटी और मुझे फंसाना चाहते हैं. पिछले 1 साल से अधिक हो गया, मेरा इससे कोई रिश्ता नहीं रहा.
पुलिस मेरी सीडीआर निकाल ले. सीडीआर से साफ हो जाएगा कि मैं इसके यहां कितने समय से नहीं गया और ना ही इससे मिला हूं क्योंकि मुझे पता था कि यह महिला चंद पैसों के कारण कभी भी किसी पर भी कोई भी आरोप लगा सकती है. मुझसे डेढ़ लाख रुपए की मांग की गई जिसकी मैंने शिकायत भी की है. उसकी कॉपी भी आपको भेज रहा हूं. उस शिकायत पर मेरे बयान हुए हैं. नोएडा शहर में दो महिला पत्रकार समेत कई पत्रकार मुझसे दुश्मनी रखते हैं और मेरे खिलाफ इस महिला का इस्तेमाल कर रहे हैं. 6 महीने पहले सुनील पंडित नाम के एक शख्स ने इस महिला से बात करी. इस बार आप आगे आगे रहोगे और हम पीछे पीछे रहेंगे छोड़ना नहीं है ललित मोहन को. उसी के बाद मेरे ऊपर मनगढ़ंत आरोप लगना शुरू हो गए. इसमें सबसे गंभीर आरोप है महिला का प्रेग्नेंट होना. उसका जिम्मेदार मुझे ठहराया जा रहा है. नोएडा के अधिकारियों से मैं अपनी पत्नी के साथ जाकर मिला. मैंने अपनी बात को बताया. अधिकारियों को पहले से ही इस महिला की सारी कहानी मालूम है.
जेल से छूटकर आए तथाकथित पत्रकारों ने इस महिला को अपने संपर्क में ले लिया और षड्यंत्र शुरू कर दिया. 4 महीने पहले ही नोएडा के तमाम अधिकारियों को मैं लिखित रूप से बता चुका था. मैंने महिला से कहा कि अगर यह बच्चा मेरा है तो डीएनए से पता लग जाएगा. मेरे बच्चों ने कहा मेरी पत्नी ने कहा. लेकिन बस षड्यंत्र कार्यों के साथ महिला मेरे ऊपर जबरन दबाव बनाने में लगी है. षड्यंत्र कार्यों के साथ मिलकर मेरे खिलाफ मनगढ़ंत कहानी बना रही है. व्हाट्सएप के ग्रुप में मुझे बदनाम करने के लिए मैसेज डाला जा रहा है. मेरे परिवार में मेरा एक बेटा है. मेरा पोता है. 29 जून को मेरी बेटी की अभी शादी हुई है. मेरे बच्चों का किसी भी तरीके का इस मामले में कोई मतलब नहीं है. उनको जबरदस्ती घसीटा गया है। 2 दिन पहले ही मेरे बेटे के ऑफिस में फोन किया गया जहां पर वह एरिया मैनेजर के रूप में काम करता है. उसके मालिक को बुरा बुरा कहा गया. मेरी छवि को बहुत गंदी बताया गया जिसके चलते मेरे बेटे की नौकरी चली गई. साथ ही मेरी नौकरी को खाने का पुरजोर प्रयास किया जा रहा है.
आपका आभारी
ललित मोहन
पत्रकार
नोए़डा
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मूल खबर-