टि्वटर पर अपने एक विवादित ट्वीट के चलते चर्चा में आए अभिनेता विवेक ओबेराय ने अब माफी मांग ली हैं. उन्होंने कहा कि अगर उनके ट्वीट से किसी एक भी महिला को ठेस पहुंची है तो वह माफी चाहते हैं. हालांकि पहले वह ट्वीट को एक हल्का फुल्का मजाक बता रहे थे.
जिस ट्वीट के चलते विवेक विवादों में आए, उसके केंद्र में उनकी पूर्व प्रेमिका एश्वर्या राय थीं. देखें विवेक का माफीनामा, मूल ट्वीट और वो ‘मीम’ जिसके कारण पूरा सोशल मीडिया विवेक ओबेराय को गरियाता रहा, वहीं कुछ लोग विवेक के कृत्य को हल्का फुल्का मजाक बता कर उनके बचाव में भी दिखे.
Anita Misra : एग्जिट पोल को लेकर विवेक ने ही ऐश्वर्या का मजाक उड़ाता पिक ट्वीट किया है तो …..ऐश का फैसला इस जोकर को छोड़ने का सही था। जो रेस्पेक्ट नही कर सका अपने जीवन में आई स्त्री की उसने इश्क क्या ख़ाक किया होगा।
Firoj Khan : यह तस्वीर विवेक ओबेरॉय ने ट्वीट की है। विवेक ओबेरॉय ने फ़िल्म पीएम नरेंद्र मोदी का पोस्टर भी ट्वीट किया है, जिसमें एग्जिट पोल के आधार पर लिखा है कि आ रहे हैं दोबारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। अब कोई नहीं रोक सकता। मोदी के चाहने वाले, फिर चाहे वे आम भक्त हों या कोई सेलिब्रिटी, कुंठित ही क्यों होते हैं। हद है…
Jagdish Singh : हर कोई एक भीड़ जैसा हो गया है। विवेक ओबेराय की ट्वीट में अभद्रता किधर है ?लोग इतने इनटालरेंट होते जा रहें हैं, छोटे मोटे जोक्स भी बर्दास्त नहीं कर पा रहें। सिर्फ हर किसी को अटैक करना, हमारा राष्ट्रीय स्वभाव बनता जा रहा है।
Virendra Singh Rawat : कल विवेक ओबेराय ने यह ट्वीट करके ओपिनियन पोल, एग्ज़िट पोल, और वास्तविक परिणाम का अन्तर समझाया। इस पर महिला आयोग ने उन्हें बहुत झाड़ा-धमकाया है कि यह ट्वीट महिलाओं के लिए अपमानजनक है। मुझे इसमें कोई अपमान नहीं नज़र आ रहा है। यह एक आम हास्यपूर्ण तरीका है कल्पना और वास्तविकता का अन्तर बताने का। महिला आयोग सरल हास्य को समझने में ढोर बुद्धि साबित हुआ है। महिला आयोग की वर्किंग कमेटी को बर्ख़ास्त करना चाहिए।
Abhishek Upadhyay : मैं आज सिर्फ विवेक ओबेरॉय की पत्नी प्रियंका अल्वा ओबेरॉय के बारे में सोच रहा हूँ। क्या कहीं खबर पढ़ी आपने कि उन्होंने शू रैक की चप्पलों से विवेक ओबेरॉय को दौड़ा दौड़ाकर मारा? क्या कहीं खबर पढ़ी आपने कि उन्होंने एक ट्वीट कर विवेक ओबेरॉय को दुनिया की सबसे भद्दी गाली दी? या अपने बच्चों के सर पर हाथ रखकर कहा हो कि तेरा बाप चोट्टा है? कहीं नही!! ये वे प्रियंका अल्वा ओबेरॉय हैं जो यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से पढ़ीं हैं। न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित मार्था ग्राहम डांस स्कूल से शिक्षित हैं। फंड रेजिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन में काम कर चुकी हैं।
बेहद पढ़ी लिखी। वोकल हैं। मज़े से मीडिया इंटरव्यूज देती हैं। बावजूद अब तक खामोश हैं जबकि उनके बेहूदे, टुच्चे पति ने अपना वो ट्वीट अब तक नही डिलीट किया है जिसमे उसने तीन तस्वीरें डाली है। सलमान -ऐश्वर्या वाली फोटो पर “ओपिनियन पोल” लिखा है। ऐश्वर्या-विवेक ओबेरॉय वाली तस्वीर पर “एग्जिट पोल” लिखा है जबकि पति अभिषेक बच्चन और बेटी आराध्या बच्चन के साथ ऐश्वर्या की तीसरी तस्वीर में ‘रिजल्ट्स’ लिखा है। प्रियंका अल्वा ओबेरॉय के भी दो छोटे छोटे बच्चे हैं। ऐसी तस्वीर में आराध्या की जगह अपने बच्चों की सूरत सोचकर भी उनका आक्रोश नही फूटा?
आखिर एक स्त्री पहले किसकी सगी है? अपनी ही जैसी एक दूसरी स्त्री के सम्मान की? एक मासूम बच्ची के निर्दोष बचपने की? या फिर अपने टुच्चे पति की असभ्य करतूतों की? क्या स्त्री मुक्ति चेतना और प्रगतिशीलता के नाम पर पीटे जा रहे लाल-हरे-भगवा ढोलों की यही काली सच्चाई है कि पुरूष के कमीनेपन पर लिख लिखकर पर्चे फाड़ दिए जाएं पर उसकी पढ़ी लिखी ‘सक्षम’स्त्री की चुप्पी को आंखों पर नायलॉन की पट्टी बनाकर चिपका लिया जाए। अगर यही स्त्री मुक्ति का इतिहास है तो मुझे इस ‘मुक्ति’ से नफरत है।
प्रियंका अल्वा ओबरॉय, आपके दो कौड़ी की सीरत वाले आदमी का घटिया ट्वीट अभी भी उसके ट्विटर पर पड़ा हुआ है और आप गूंगी गुड़िया बनी बैठी हैं! ये तय मानिए कि विवेक ओबेरॉय के इस पाप में आपकी भी उंगलियां डूबी हुई हैं। अपने पति का हाथ पकड़ने से पहले डेटॉल से हाथ ज़रूर धो लीजिएगा!
Amit Shrivastava : विवेक ओबेरॉय, अपने अंह के तुष्टीकरण हेतु किसी को अकारण अपमानित करना या मखौल बनाना भी उस प्रेम का अपमान है जो आप कभी ऐश्वर्या से करते थे. मान भी लिया जाए कि यह मीम किसी और ने बनाया है तो भी इसे पोस्ट करना आप को शोभा नहीं देता. हास्य परिहास तभी करना उचित है जब उक्त व्यक्ति आपके सम्मुख हो, ताकि आपके मजाक का प्रतिउत्तर दिया जा सके. आपको पता है महिला होने के नाते ऐश्वर्या ऐसा कभी नहीं करेंगी शायद इसलिए आपने ऐसा किया. खैर मोदी समर्थक होने का अर्थ महिला तिरस्कार कतई नहीं है. यह ध्यान रखा जाना चाहिए. उस पुरुष में अंह की भावना अपेक्षाकृत अधिक होती है जो स्त्री के जाने के बाद भी उसे जाने नहीं देना चाहता. तो कृपया उन्हें जाने दीजिए. -अमित श्रीवास्तव, आजतक
Riwa S. Singh : ये मीम है? ये रचनात्मकता है आप लोगों की? सृजनात्मकता के नाम पर भी दिमाग का कूड़ा निकालकर परोस देते हैं और कहते हैं मज़ाक था! ये ह्यूमर लेवल है आपका! आपके चुटकुले, आपके मीम्स, हर जगह लैंगिक पक्षपात भरा पड़ा है। मज़ाक के लिहाफ़ से ढकी हुई भी ऐसी घटिया मानसिकता हम कैसे स्वीकार लें? आप कौन होते हैं किसी लड़की की व्यक्तिगत ज़िंदगी में झांकने वाले? उसपर छींटाकशी कर मज़ाक के नाम पर परोसने वाले? विवेक ओबेरॉय ठीक-ठाक (औसत) अभिनेता हो सकते हैं लेकिन रिश्तों को लेकर उनकी सोच ऐसी है तो वे ख़ूबसूरत रिश्ते डिज़र्व ही नहीं करते। वे अगर रिश्ते की निजता और गरिमा का ख़्याल नहीं रख सकते तो वक़्त के साथ दर्जनों रिश्ते उनके लिए भूचाल बन जाएंगे। ऐश्वर्या उनसे कुछ कहने नहीं आएंगी लेकिन वे ख़ुद इसपर कुछ नहीं कह पा रहे मतलब वे वो भी डिज़र्व नहीं करते जो उनके पास है। इस अवहेलना के बाद वे कैसे नज़रें मिला रहे हैं ख़ुद से? अपनी पत्नी से? अपनी मासूम बच्ची से? बच्ची की नैपी बदलने भर से लैंगिक समानता नहीं आती है मिस्टर ओबेरॉय! आप सही अर्थ में महिला का सम्मान तब कर सकेंगे जब आप किसी के स्त्री होने को उसकी अवहेलना, उसके तिरस्कार से इस तरह नहीं जोड़ेंगे। हर रिश्ते से जुड़ा एक मौलिक शिष्टाचार होता है। ये बात अबतक नहीं सीख सके तो अब कोई नहीं सिखा सकेगा। मोदी की बायोपिक भी नहीं।
Samar Anarya : ऐश्वर्या राय ही नहीं, उनकी नाबालिग़ बिटिया तक का अपमान करने वाला मीम साझा करके विवेक ओबरॉय ने साबित कर दिया है कि मोदी जी की भूमिका के लिये उनसे बेहतर कोई न था! बस। With the misogynistic meme targeting not only Aishwarya Rai but also her daughter, Vivek Oberoi has decisively proved himself to be the best person for doing Modi’s role in his biopic. Period.