बदतमीज़ पत्रकारिता की भी हद होती है…. हमेशा आगे दिखने की चाह में आज के दिन भारतीय मीडिया वैश्विक स्तर पर अपना रुतबा खुद-ब-खुद गर्त में ले जा रहा है। हैदराबाद में गैंगरेप और मर्डर की घटना के बाद न्यूज चैनलों ने कई चीजें बहुत ग़लत की। नम्बर बटोरने और आगे रहने के चक्कर में मीडिया वालों ने कई अनर्थ काम कर दिए।
ए बी पी न्यूज ने तो सारी हदें तब पार कर दी जब उन्होंने इसको भुनाने के लिए “ऑपरेशन अंधेरा” चला दिया। अब सवाल यह है कि यह चैनल इसमें दर्शना क्या चाहता था, यह ही अभी तक साफ़ नहीं हो पाया है।
चैनल ने एक पत्रकार महिला को रात के गुम अंधेरे में खुला सड़क पर उतार दिया। इसके जरिए चैनल ने यह दिखा दिया कि हम नम्बर बटोरने के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं। उस अंधेरे में खड़ी लड़की के पास कोई भी आ कर रुकता और उससे वहां खड़े रहने का कारण पूछ उसके गंतव्य तक छोड़ने का ऑफर देता।
वह तो भला हो ऊपर वाले का कि उस महिला पत्रकार के साथ किसी ने कुछ गलत नहीं किया। अगर गलत कर देता तो चैनल का कैमरामैन तो सिर्फ कैमरा ही चलाता रह जाता लेकिन चैनल को जरूर लेने के देने पड़ जाते। पर इससे चैनल का जाता भी क्या। बिगड़ता तो उस महिला पत्रकार का जो चैनल के प्रयोग के चक्कर में अपना जीवन-इज्जत दांव पर लगाकर अंधेर में सड़क पर खड़ी हो गई।
अगर महिला पत्रकार के साथ बुरा होता तो 2-4 दिन पुलिस और सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाते, तेज़-तेज़ चिल्लाते और चुप बैठ जाते। सबसे हद की बात ये कि चैनल ने अंधेरे में खड़ी लड़की की मदद को आये सभी हाथों को दुष्कर्मी बता दिया। यह कहां का न्याय है…. यहां बेहद घटिया सोच है… यह इनको किसने कह दिया कि हर सहारा देने वाला हाथ दुष्कर्मी था? क्या आपने किसी का सहारा लिया या ऐसे ही उसका बखान कर दिया?
गिरने की भी हद होती है मेरे दोस्त, बस इतना ही गिरो कि उठ कर फिर से संभल सको… इतना नहीं गिरो कि गिरने के बाद कोई उठाने वाला ही ना मिले और तुम और नीचे धंसते जाओ…
बदतमीज़ पत्रकारिता की भी हद्द होती है कोई!
लेखक हेमन्त कुमार शर्मा युवा पत्रकार हैं.
Anshul Tyagi
December 10, 2019 at 11:43 am
Aaj kal hamare Bharat me ye media channel paise kamane ka dhandha bante ja rahe hain, Sharam aati hai hame isko HAMARA BHARAT Kehne me ab…