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बिना अथॉरिटी लेटर सुनवाई में आने पर श्री अम्बिका प्रिंटर्स के पर्सनल आफिसरों को पड़ी फटकार

मुंबई : जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में कामगार आयुक्त कार्यालय में दाखिल 17 (1) के क्लेम मामले की सुनवाई के दौरान प्रबंधन की तरफ से अथारिटी लेटर लिए बगैर सुनवाई में आ रहे श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशंस के पर्सनल आफिसरों ज्ञानेश्वर रहाणे और अशरफ शेख को सहायक कामगार आयुक्त ने कड़ी फटकार लगाई। पिछले चार माह से ज्यादा समय से इस मामले की सुनवाई सहायक कामगार आयुक्त सीए राउत के यहाँ चल रही है। इस सुनवाई में कंपनी के अथारिटी लेटर के बगैर आने वाले लीगल एडवाइजर श्रीकांत गोसावी का कर्मचारियों ने विरोध किया था जिसके बाद सहायक कामगार आयुक्त ने उन्हें सुनवाई से बाहर कर दिया।

<p>मुंबई : जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में कामगार आयुक्त कार्यालय में दाखिल 17 (1) के क्लेम मामले की सुनवाई के दौरान प्रबंधन की तरफ से अथारिटी लेटर लिए बगैर सुनवाई में आ रहे श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशंस के पर्सनल आफिसरों ज्ञानेश्वर रहाणे और अशरफ शेख को सहायक कामगार आयुक्त ने कड़ी फटकार लगाई। पिछले चार माह से ज्यादा समय से इस मामले की सुनवाई सहायक कामगार आयुक्त सीए राउत के यहाँ चल रही है। इस सुनवाई में कंपनी के अथारिटी लेटर के बगैर आने वाले लीगल एडवाइजर श्रीकांत गोसावी का कर्मचारियों ने विरोध किया था जिसके बाद सहायक कामगार आयुक्त ने उन्हें सुनवाई से बाहर कर दिया।</p>

मुंबई : जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में कामगार आयुक्त कार्यालय में दाखिल 17 (1) के क्लेम मामले की सुनवाई के दौरान प्रबंधन की तरफ से अथारिटी लेटर लिए बगैर सुनवाई में आ रहे श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशंस के पर्सनल आफिसरों ज्ञानेश्वर रहाणे और अशरफ शेख को सहायक कामगार आयुक्त ने कड़ी फटकार लगाई। पिछले चार माह से ज्यादा समय से इस मामले की सुनवाई सहायक कामगार आयुक्त सीए राउत के यहाँ चल रही है। इस सुनवाई में कंपनी के अथारिटी लेटर के बगैर आने वाले लीगल एडवाइजर श्रीकांत गोसावी का कर्मचारियों ने विरोध किया था जिसके बाद सहायक कामगार आयुक्त ने उन्हें सुनवाई से बाहर कर दिया।

अब कर्मचारियों ने इस बात की पुष्टि करनी चाही कि कंपनी के पर्सनल आफिसर ज्ञानेश्वर रहाणे और असरफ शेख को कंपनी के मालिक ने अधिकृत किया है या नहीं। एनयूजे की महासचिव शीतल करंदीकर तथा एनयूजे के मजीठिया सेल के समन्यवक शशिकांत सिंह ने जब ज्ञानेश्वर रहाणे और अशरफ शेख से कंपनी के मालिकों द्वारा दिया गया अथॉरिटी लेटर माँगा तो उनको पसीने छूटने लगे। उन्होंने एक महीना पहले का बैक डेट का सिर्फ एक सामान्य अथॉरिटी लेटर दिखाया और सहायक कामगार आयुक्त से निवेदन किया कि इसे स्वीकार करें।

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शीतल करंदीकर और शशिकांत सिंह ने इस पर एतराज जताया और कहा कि बैक डेट का अथारिटी लेटर आप कैसे स्वीकार करेंगे। इसके बाद सहायक कामगार आयुक्त सीए राउत ने कंपनी के दोनों अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और कहा कि आप लंबे समय से बिना अथॉरिटी लेटर के सुनवाई में कैसे आ रहे थे। इसके बाद दोनों अधिकारियों की सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी। राउत ने 28 नवम्बर की डेट में अथॉरिटी लेटर स्वीकार किया और कहा आपने जो गलत काम किया है इसकी रिपोर्ट मुझे अपने सीनियर को देकर इस पर चर्चा करनी पड़ेगी।

आपको बता दें कि इस सुनवाई में कम्पनी की तरफ से आये अधिकारियों ने वही रटा रटाया हमेशा की तरह जवाब दिया कि कंपनी की अलग अलग यूनिट है। एनयूजे की महाराष्ट्र की महासचिव शीतल करन्देकर ने इस पर भी कड़ा एतराज जताया और कहा कि कंपनी इस मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश को गंभीरता से नहीं ले रही है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को 12 बजे से होगी। वैसे आपको बता दें कि आज हुयी सुनवाई में कपंनी के लीगल एडवाइजर श्रीकांत गोसावी ने भी अपना अथॉरिटी लेटर सहायक कामगार आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत किया।

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शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट
समन्यवक, मजीठिया सेल, एनयूजे महाराष्ट्र
9322411335

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