रिपब्लिक भारत चैनल के युवा एंकर विकास शर्मा जब एंकरिंग करते थे तो उन्हें देखकर कोई नहीं सोच सकता था कि उस शख्स के जीवन में दुख का तूफान आया हुआ है. डिप्रेशन की लहर चल रही है. विकास शर्मा के निधन के बाद उनकी कहानी सामने आ रही है. पत्नी से विवाद के कारण विकास का जीवन अकेलेपन व डिप्रेशन से भरा हुआ था.
विकास के कई मित्रों ने सोशल मीडिया पर लिखा और उनकी पत्नी पर विकास को मौत तक पहुंचाने के लिए आरोप लगाया. विकास के परिजन उनके लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन जिस मीडिया में विकास काम करते थे, वो मीडिया उनकी लड़ाई में कहीं नहीं दिख रहा है.
अर्नब गोस्वामी और उनका चैनल रिपब्लिक भारत विकास के मुद्दे पर चुप्पी साध चुके हैं. दूसरों को न्याय दिलाने के लिए अभियान चलाने वाले रिपब्लिक भारत चैनल पर चिराग तले अंधेरे वाली कहावत लागू होती है. उसे सुशांत सिंह राजपूत की मौत की चिंता है लेकिन अपने तेजतर्रार एंकर विकास शर्मा के मौत की तनिक परवाह नहीं.
फिलहाल वो वीडियो देखिए जो विकास शर्मा की मौत के बाद अपलोड किया गया है. इसमें विकास सुबह की बची हुई एक सूखी रोटी सुबह की ही खुद के हाथों बनाई गई सब्जी के साथ खाते दिख रहे हैं. इसके साथ ही वह इशारे इशारे में अपने दुखों का बयान कर रहे हैं. अपनी तनहाई का जिक्र कर रहे हैं. विकास के चेहेर और आखों में कष्ट का समुंदर दिख रहा है.
वीडियो ये है-
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Durgesh Durgesh Mishra editor uttrakhand ka Aditya
March 5, 2021 at 5:46 pm
पार्किंग को लेकर पत्रकार बिफरे
ऋषिकेश 05 मार्च। महिला दिवस के कार्यक्रम को लेकर एम्स ऋषिकेश में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया था। लेकिन एम्स परिसर में पार्किंग को लेकर एम्स अधिकारियों और पत्रकारों के बीच विवाद हो गया।
पत्रकारों का कहना था कि यदि एम्स प्रशासन द्वारा पत्रकार वार्ता आयोजित की गई है तो उनके वाहनों की पार्किंग भी परिषद में निशुल्क होनी चाहिए। कहा कि परिसर में पार्किंग की समस्या से पूर्व में भी अवगत कराया जा चुका है। लेकिन एम्स प्रशासन की तानाशाही खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। आरोप लगाया कि एम्स परिसर में पार्किंग के नाम पर मरीजों और उनके तीमारदारों को भी बेवजह परेशान किया जाता है। जबकि एम्स जैसे केंद्रीय संस्थान में परेशानी में आने वाले सभी मरीजों और तीमारदारों के लिए पार्किंग निशुल्क होनी चाहिए। इससे पूर्व भी एम्स में कैंटीन, नौकरी लगाने और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर एम्स प्रशासन पर कई सवाल खड़े हो चुके हैं।