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उत्तर प्रदेश

वरिष्ठ पत्रकार ने यूपी के सबसे ताकतवर नौकरशाह के खिलाफ निकाली भड़ास

ट्वीटर पर उत्तर प्रदेश के कर्मठ अधिकारी अवनीश अवस्थी की धर्म पत्नी को लेकर कुछ टिप्पणी पर आरोप प्रत्यारोपों का दौर चल रहा था तो मैंने अपनी निष्पक्ष निम्न राय पोस्ट की…..

निसंदेह मालिनी जी बेहतरीन गायिका हैं। अभद्र टिप्पणी किसी पर भी करना सांस्कृतिक पतन का प्रमाण है। पर कहावत है कि ‘ Caesar’s wife must be above suspicion’. जो सत्ता में होते हैं उनकी जनता के प्रति जवाबदेही होती है। अवनीश जी दो प्रश्नों का उत्तर देकर स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं ;

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1) मालिनी जी को ऊप्र सरकार और विभिन्न ज़िलों के सरकारी ख़ज़ानों से आज तक कितना भुगतान हुआ ?

और

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2) उनके स्तर की देश की अन्य गायिकाओं या गायकों को इसी दौरान कितना भुगतान हुआ ?

स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। क्यों क्या ख्याल है ?

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वैसे, थोड़ा अतीत में चलें तो कुछ चीजें स्पष्ट हो जाएंगी। अमिताभ बच्चन 1987 में भी बहुत बड़े कलाकार थे। पर उस समय सांसद थे इसलिये बोफ़ोर्स में उनसे तमाम सवाल पूछे गये। आख़िर वो इस्तीफ़ा देकर चले गये।

देश में सर्वोच्च स्तरीय भ्रष्टाचार से लड़ते मुझे 35 वर्ष हो गये। ये सारा देश जानता है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया ‘विनीत नारायण फ़ैसला’ अक्सर चर्चा में रहता है। इधर ब्रज को निष्काम भाव से, बिना सरकारी पैसे के, सजाते हुए भी 18 बरस हो गये। ये भी सब देख रहे हैं।

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फिर भी जब हमारी टीम ने योगी सरकार के आते ही ब्रज में होने जा रहे हज़ारों करोड़ के घोटालों के विरुद्ध आवाज़ उठायी, तो हमारे प्रिय मित्र अवनीश अवस्थी को ये परियोजनाएँ रद्द करनी पड़ी।

उसके बाद मुझ पर और हमारी संस्था पर प्रशासन की ओर से तमाम झूठे आरोप, आयकर की गहन जाँच, छापों और एनजीटी में मुक़दमों का तीन साल से दौर चला और डा. सुब्रमण्यन स्वामी तक को मुझ पर हमला करने के लिये खड़ा किया गया।

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लेकिन हम विचलित नहीं हुए। मैंने 24 घंटे के भीतर ही खुद जाकर अपनी संस्था का 16 वर्षों का आय-व्यय का लेखा-जोखा सीएजी को सौंप दिया, इस लिखित आवेदन के साथ कि हमारी जाँच सीबीआई से करवा ली जाय।

हम निडर थे क्योंकि हमारा दामन साफ़ था। आज तक हर जाँच का डटकर मुक़ाबला करते रहे हैं। उनका एक भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ।

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तो जब आप सार्वजनिक जीवन में होते हैं तो ऐसे सवालों का सामना तो प्रायः करना पड़ता है। जिसमें नैतिक बल होता है उसे इनसे क़ोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।

इसलिये मैंने उक्त सलाह अवनीश जी को दी कि बजाय इससे विचलित होकर मीडिया में शोर मचवाने के, सीधे-सीधे उत्तर दे दें। मामला वहीं शांत हो जाएगा ।

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लेखक विनीत नारायण देश के वरिष्ठतम खोजी पत्रकार हैं. अब वे मीडिया से इतर सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते हैं.

विनीत नारायण के बारे में ज्यादा जानने के लिए नीचे दिए वीडियो को देखें-

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