
इसे बैन करना नहीं, इसे डरना कहते हैं। इसे पत्रकारों का बहिष्कार नहीं सवालों से भागना कहते हैं। आपको आदत है हाँ में हाँ मिलाने वालों की, वो न कल किया था न आगे करूँगी। बैन लगाने की हिम्मत उन नेताओं पर लगाइए जो मुहब्बत की दुकान में कूट कूट कर भरी नफ़रत परोस रहे हैं… सवाल बेलौस थे, हैं और आगे भी रहेंगे। जय हिंद! -रुबिका लियाक़त
लड़की लड़के से मिली तक नहीं, चैट नहीं करती, कोई रिश्ता नहीं लेकिन लड़के ने एकतरफ़ा ब्रेकअप का ऐलान करते हुए कह दिया है कि मैं अब उससे कभी नहीं मिलूंगा। अरे भई, मैं तो डिबेट करता भी नहीं, किसी को गेस्ट बुलाता भी नहीं तो मेरे शो में आने से किसे रोक रहे हो भाई? खैर, देशहित में पत्रकारिता का ये सर्टिफिकेट सहर्ष स्वीकार है। बॉयकॉट करो, टारगेट करो, कुछ भी करो.. देश सब देख रहा है। -सुशांत सिन्हा
I.N.D.I.A गठबन्धन ने उन पत्रकारों की लिस्ट जारी की है जिन्होंने ‘चरण चुंबक’ बनने से इनकार कर दिया।अब इनका बहिष्कार किया जाएगा। अब देखना ये है कि भारत का मीडिया इसका क्या जवाब देता है। -सुधीर चौधरी
वैसे हामिद अंसारी के interview के बाद से ही मैं इस बॉयकॉट वाले बैज को गर्व से लेकर चल रहा हूँ लेकिन सवाल पूछना अभी तक नहीं छोड़ा है। बहिष्कार एक पत्रकार के लिए सबसे बड़ा बैज ऑफ़ ऑनर होता है। इस सम्मान के लिए धन्यवाद। -अमन चोपड़ा

इस मुद्दे पर रजत शर्मा की प्रतिक्रिया-
INDIA गठबंधन ने किया 14 पत्रकार-एंकर का बहिष्कार, जारी की लिस्ट..पत्रकारों के बहिष्कार के विपक्षी गठबंधन के फैसले पर India TV के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ Rajat Sharma ने कहा- “मैं 40 साल से मीडिया में हूं..राजनीतिक दलों द्वारा इस तरह का बायकॉट पहले कभी नहीं देखा, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करने का दावा करने वालों ने, मीडिया की स्वतंत्रता पर आघात किया है. मैं इन सारे डिबेट शो करने वाले Anchors से कहना चाहता हूँ, वो अकेले नहीं हैं, विश्वास रखें , उन को देखने वाले करोड़ों दर्शक इसका जवाब देंगे..”
Comments on “रजत शर्मा, सुधीर चौधरी, सुशांत सिन्हा, अमन चोपड़ा, रुबिका लियाक़त की प्रतिक्रिया देखें”
ये गोदी मीडिया के वो दलाल हैं जिनका इलाज राजनेता नही बल्कि जनता करेगी, गोबर से सने जूते इनके नापाक और गलीज़ चेहरों पर अपने गहरे निशान छोड़ेंगे,जनता इंतज़ार कर रही है और मौके की तलाश में हैं इन दल्ले गोदी मीडिया वालों के लिये
केवल चमचे और बेवकूफ लोग ही हैं तुम्हारे पास। बिकाऊ मिडिया अपनी पिछली इतिहास ही देख ले समझ जायेगा की ऐसा क्यो करना पड़ा। मोदी के टुकड़ों पर पल रहे हो अब इमेज की चिंता है
इन लोगों ने फेक न्यूज़ चला चला कर अपना जमीर बेच दिया है इनको कोई हक़ नहीं टिप्पणी करने का | करोना काल में इन्होंने कितनी फेक न्यूज़ चलाई ये सभी को पता है एक चैनल में तो एक ऐकर ने आत्महत्या करने की कोशिश की वो भी टिप्पणी करे उसको तो वैसे भी कोई हक़ नहीं है |
Abhi ModiG ka raj hai to ye media hai Jab Dusaron ka raj honga tab yaha ke bahut se log YouTube me News Channels chalate dikhenge aur abhi Jo YouTube me hai vo TV News me aayenge