Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

नागरिक करे तो जागरूकता, पत्रकार करे तो धौंस

गोविंद गोयल
श्रीगंगानगर। फेसबुक की एक छोटी मगर बहुत प्यारी पोस्ट के जिक्र के साथ बात शुरू करेंगे। पोस्ट ये कि एक दुकानदार ने वस्तु का मूल्य अधिक लिया। ग्राहक ने उलाहना देते हुए वीडियो शूट किया। दुकानदार ने सॉरी करना ही था। हर क्षेत्र मेँ जागरूकता जरूरी है। बधाई, उस जागरूक ग्राहक को। तारीफ के काबिल है वो। लेकिन अगर यही काम किसी पत्रकार ने किया होता मौके पर हँगामा  हो जाता। लोग पत्रकार कि वीडियो बनाते। सोशल मीडिया पर बहुत से व्यक्ति ये लिखते, पत्रकार है, इसलिए धौंस दिखा रहा है। पत्रकारिता की आड़ लेकर दुकानदार को धमका रहा है। चाहे उस पत्रकार को कितने का भी नुकसान हुआ होता। पत्रकार के रूप मेँ किसी की पहचान उसके लिए मान सम्मान के साथ दुविधा, उलझन, कठिनाई भी लेकर आती है। क्योंकि हर सिक्के दो पहलू होते हैं। एक उदाहरण तो ऊपर दे दिया। आगे बढ़ते हैं।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script> <script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <!-- bhadasi style responsive ad unit --> <ins class="adsbygoogle" style="display:block" data-ad-client="ca-pub-7095147807319647" data-ad-slot="8609198217" data-ad-format="auto"></ins> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); </script><p><span style="text-decoration: underline;"><strong>गोविंद गोयल</strong></span><br />श्रीगंगानगर। फेसबुक की एक छोटी मगर बहुत प्यारी पोस्ट के जिक्र के साथ बात शुरू करेंगे। पोस्ट ये कि एक दुकानदार ने वस्तु का मूल्य अधिक लिया। ग्राहक ने उलाहना देते हुए वीडियो शूट किया। दुकानदार ने सॉरी करना ही था। हर क्षेत्र मेँ जागरूकता जरूरी है। बधाई, उस जागरूक ग्राहक को। तारीफ के काबिल है वो। लेकिन अगर यही काम किसी पत्रकार ने किया होता मौके पर हँगामा  हो जाता। लोग पत्रकार कि वीडियो बनाते। सोशल मीडिया पर बहुत से व्यक्ति ये लिखते, पत्रकार है, इसलिए धौंस दिखा रहा है। पत्रकारिता की आड़ लेकर दुकानदार को धमका रहा है। चाहे उस पत्रकार को कितने का भी नुकसान हुआ होता। पत्रकार के रूप मेँ किसी की पहचान उसके लिए मान सम्मान के साथ दुविधा, उलझन, कठिनाई भी लेकर आती है। क्योंकि हर सिक्के दो पहलू होते हैं। एक उदाहरण तो ऊपर दे दिया। आगे बढ़ते हैं। </p>

गोविंद गोयल
श्रीगंगानगर। फेसबुक की एक छोटी मगर बहुत प्यारी पोस्ट के जिक्र के साथ बात शुरू करेंगे। पोस्ट ये कि एक दुकानदार ने वस्तु का मूल्य अधिक लिया। ग्राहक ने उलाहना देते हुए वीडियो शूट किया। दुकानदार ने सॉरी करना ही था। हर क्षेत्र मेँ जागरूकता जरूरी है। बधाई, उस जागरूक ग्राहक को। तारीफ के काबिल है वो। लेकिन अगर यही काम किसी पत्रकार ने किया होता मौके पर हँगामा  हो जाता। लोग पत्रकार कि वीडियो बनाते। सोशल मीडिया पर बहुत से व्यक्ति ये लिखते, पत्रकार है, इसलिए धौंस दिखा रहा है। पत्रकारिता की आड़ लेकर दुकानदार को धमका रहा है। चाहे उस पत्रकार को कितने का भी नुकसान हुआ होता। पत्रकार के रूप मेँ किसी की पहचान उसके लिए मान सम्मान के साथ दुविधा, उलझन, कठिनाई भी लेकर आती है। क्योंकि हर सिक्के दो पहलू होते हैं। एक उदाहरण तो ऊपर दे दिया। आगे बढ़ते हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

किसी दूसरे फील्ड का व्यक्ति कहीं सम्मानित हो तो सब यही कहेंगे, भई! काबिल था, इसलिए सम्मान तो होना ही चाहिए। योग्यता का सम्मान हुआ है। हकदार था इस सम्मान का। और यही सम्मान किसी पत्रकार का हो जाए तो सभी की भाषा बदल जाती है। लोग कहेंगे, चमचा है साला प्रशासन का। चापलूस है। दल्ला है….और भी ना जाने क्या क्या! जनाब, आप सम्मानित होंगे तो आपकी उपलब्धि की खबर प्रिंट मीडिया मेँ होगी। लेकिन किसी पत्रकार का सम्मान होने पर उसके साथी ही खबर को हिचकिचाते, किचकिचाते हुए लगाएंगे। ना लगे तो ना भी लगे। कोई पूछने वाला हो इन सबसे कि क्या पत्रकार योग्य नहीं हो सकता?

वे क्या सम्मानित होने लायक नहीं होते! उनमें क्या योग्यता का अभाव होता है! कोई सरकारी विभाग ऐसा नहीं जहां अपने काम के लिए सुविधा शुल्क ना देना पड़ता हो। उस काम के लिए भी जो सरकारी अधिकारी/कर्मचारी का दायित्व है, पैसा देना पड़ता है। बिना जान पहचान तो कोई सरकारी कर्मचारी किसी की बात सुन ले तो समझो वह भाग्यशाली है। पत्रकार किसी से विज्ञापन मांग ले तो उसका सब मिट्टी हो जाता है। कोई किसी गिफ्ट द्वारा ओबलाइज कर दे तो ऐसे ऐसे कमेन्ट सुनने और पढ़ने को मिलते हैं कि क्या कहने! बिकाऊ मीडिया। ब्लेकमेलर पत्रकार।

Advertisement. Scroll to continue reading.

कमाल है! दूसरे पैसे लें तो वे बहुत बढ़िया। व्यावहारिक। और पत्रकार लें तो बिकाऊ, ब्लैकमेलर। किसी की तारीफ कर दो तो सुनने को मिलेगा कि कुछ मिल गया होगा। आलोचना छाप दो ये कहेंगे, कुछ मिला नहीं होगा। सामान्य नागरिक द्वारा अपने अधिकार के लिए आवाज बुलंद  करने पर सब उसकी तारीफ करेंगे। उसका सम्मान करेंगे। उसके जज्बे को सलाम करेंगे, किन्तु कोई पत्रकार अपने हक के लिए कुछ बोले या लिखे तो बात उलटी हो जाएगी। कुछ बोलेंगे और कुछ खामोश रहेंगे। ऐसा सुनने को मिलेगा, पत्रकार है ना! इसलिए अपने रुतबे का गलत प्रयोग कर रहा है। एक नहीं अनेक बातें हैं। जो वही जानता है जिसने ये सब भोगा है। भोग रहा है। दुनिया चाहे कुछ भी करे लेकिन पत्रकार को  कहीं से किसी शो का कोई पास भी मिले तो चर्चा होने लगती है।

जनाब, पत्रकार होना कोई आसान नहीं है। और उसके लिए तो बहुत मुश्किल है जिसकी पहचान पत्रकार के रूप मेँ बन चुकी है। ऐसा नहीं है पत्रकार गलत नहीं होते। वे अपनी धौंस नहीं दिखाते। अपनी पोजीशन का का बेजा इस्तेमाल नहीं करते। होंगे ऐसे भी। क्योंकि वे भी हैं तो तो इसी समाज के। पत्रकारिता भी वैसा ही पेशा है जैसे और हैं। दूसरे पेशे मेँ भी बहुत सी बुराइयाँ होंगी। पेशे से जुड़े लोगों मेँ कमियाँ होंगी। ऐसा ही कुछ पत्रकारिता मेँ है। पत्रकारों मेँ है। ये शब्द धौंस दिखाने वाले, अपनी पोजीशन का बेजा इस्तेमाल करने वाले पत्रकारों /पत्रकारिता का बचाव नहीं कर रहे, बस वो बताने की कोशिश है जो पत्रकारों और पत्रकारिता को क्या क्या सहना पड़ता है। पीना पड़ता है। आज चार लाइन पढ़ो-

Advertisement. Scroll to continue reading.

मेरा एक एक शब्द अब तो बिकाऊ है जनाब
ज़मीर! ज़मीर तो अब बस दिखाऊ है जनाब।
शहर तो पूरा मेरा सम्मान करता है जनाब
मगर पेट तो रोटी से ही भरता है ना जनाब। 

लेखक गोविंद गोयल गंगानगर (राजस्थान) के वरिष्ठ पत्रकार हैं. उनसे संपर्क [email protected] के जरिए किया जा सकता है.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement