जयपुर। मार्च की शुरुआत में ही सालाना कटौती कर चुके दैनिक भास्कर के लिए कोरोना और लॉक डाउन अंधे के हाथ बटेर लगने जैसा सौदा हो गया है. सालाना कटौती के बाद भास्कर ने राजस्थान में एक के बाद एक नित नए परवाने निकालने शुरू कर दिए है.
मार्च के अंत तक ये तय किया गया कि दैनिक भास्कर राजस्थान में अपने सभी ब्यूरो ऑफिस बंद करेगा. फिर बाद में रियायत देते हुए जिला मुख्यालय के ब्यूरो ऑफिस को इस बंदी से दूर रखते हुए बाकी सभी ब्यूरो कार्यालय बंद कर दिए गए.
इसके बाद भास्कर के एडिटोरियल एप “मैट्रिक्स” को लेकर पागलपन की हद तक प्रबंधन ने सख्ती दिखाई. हालात ये हुई कि 23 मई की डेटलाइन से काफी पहले ही भास्कर में सभी सेंटर्स से शत प्रतिशत खबरे एप के माध्यम से ही भेजी जाने लगी.
इससे कम्पनी को दूरगामी दो फायदे हुए. पहला सभी जिला ब्यूरो को भी निकट भविष्य में बंद करने की जमीन तैयार कर ली गई. दूसरा, बहुत संभव है कि भविष्य में सभी स्टॉफर्स को हटा कर इन रिपोर्टर/स्ट्रिंगर्स को सीधा डेस्क से जोड़ दिया जाए.
अब भास्कर ग्रुप से अंदर से जो ताजा खबरें आ रही हैं, वो ये है कि यदि जल्द ही लॉक डाउन से पार नहीं पाया गया तो पूरी तैयारी है कि भास्कर राजस्थान में अपने लगभग सभी पुल आउट्स को बंद करके सालों पहले की तरह डाक एडिशन शुरू कर सकता है.
राजस्थान के पुराने पत्रकारों की माने तो शुरुआत में सिटी और डाक, दो ही एडिशन हुआ करते थे.
बाद में ज्यादा सर्कुलेशन और विज्ञापन की चाह में भास्कर ने ही पुल आउट्स का धंधा राजस्थान में फैलाया था.
ऐसे में एक ही जिले में दो दो पुल आउट तक निकाल चुके भास्कर का फिर से डाक की और लौटना कितना कारगर होता है, ये समय बताएगा.
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