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‘भास्कर न्यूज’ में सेलरी संकट, मालकिन हेमलता अग्रवाल से मीडियाकर्मी होने लगे निराश

‘भास्कर न्यूज’ नामक नए आ रहे न्यूज चैनल से खबर आ रही है कि चैनल में काम कर रहे सैकड़ों लोगों को दो महीने से सेलरी नहीं मिली है. तीसरा महीना शुरू हो चुका है. कर्मचारियों द्वारा सेलरी मांगने पर चैनल के एमडी राहुल मित्तल द्वारा चार बार तारीख पर तारीख दी गई लेकिन जब सेलरी नहीं आई तो लोग आंदोलन पर आमादा हो गए. काम रोके जाने की धमकी दी गई. कार्यवाहक मैनेजिंग एडिटर समीर अब्बास ने लोगों को समझाने की कोशिश की. बाद में सभी मिल कर सीएमडी हेमलता अग्रवाल के पास गये.

हेमलता अग्रवाल और राहुल मित्तल

‘भास्कर न्यूज’ नामक नए आ रहे न्यूज चैनल से खबर आ रही है कि चैनल में काम कर रहे सैकड़ों लोगों को दो महीने से सेलरी नहीं मिली है. तीसरा महीना शुरू हो चुका है. कर्मचारियों द्वारा सेलरी मांगने पर चैनल के एमडी राहुल मित्तल द्वारा चार बार तारीख पर तारीख दी गई लेकिन जब सेलरी नहीं आई तो लोग आंदोलन पर आमादा हो गए. काम रोके जाने की धमकी दी गई. कार्यवाहक मैनेजिंग एडिटर समीर अब्बास ने लोगों को समझाने की कोशिश की. बाद में सभी मिल कर सीएमडी हेमलता अग्रवाल के पास गये.

हेमलता अग्रवाल और राहुल मित्तल

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हेमलता ने सपाट जवाब दिया कि जिसको काम करना हो करो, अन्यथा छोड़ दो, यहां पर नेतागिरि तो चलेगी नहीं, पैसे जब आएंगे तब दिए जाएंगे. सूत्रों के मुताबिक ईद के वक्त भास्कर न्यूज के मुस्लिम मीडियाकर्मियों को सेलरी दी गई पर बाकियों को पूछा तक नहीं गया. सूत्र बताते हैं कि कर्मचारियों को अपाइंटमेंट लेटर नहीं मिले हैं. कुछ कर्मचारियों को कान्ट्रैक्ट लेटर थमाया गया है. दो महीने से वेतन नहीं मिला है. कब मिलेगा, ये पता नहीं. पूछे जाने पर झिड़की मिलती है. जो कोई हंगामा करने पर आमादा हो जाता है उसको आधी सैलरी या कुछ हजार रुपए देकर विदा कर दिया जाता है. साथ में दे दी जाती है नई तारीख.

आपको भी कुछ कहना-बताना है? हां… तो [email protected] पर मेल करें.

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0 Comments

  1. atul kumar

    August 1, 2014 at 1:15 am

    देश के सबसे बड़े अखबार दैनिक भास्कर वाले ग्रुप से संबंधित होने के सफेद झूठ की बुनियाद पर खड़े किए जा रहे तथाकथित राष्ट्रीय न्यूज चैनल भास्कर न्यूज का शटर डाउन होने वाला है। अब ये जगजाहिर हो चुका है कि भास्कर न्यूज चैनल शुरू ही नहीं हो पाएगा, चलने की बात तो छोड़ दीजिए। इसी कारण चैनल में काम कर रहे सैकड़ों लोगों को सैलरी नहीं मिली है। सब मिल कर सीएमडी हेमलता अग्रवाल के पास गये। हेमलता ने एक वरिष्ठ पत्रकार की जमकर बेइज्जती भी की। उसे काफी बुरा भला कहा और पैसे मांगने पर निकाल देने की धमकी तक दे दी। इससे बाकी कर्मचारी डर गए और अभी तक सैलरी के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं। हम आपको बताते चलें कि ये वही हेमलता अग्रवाल हैं जो असली वाले भास्कर समूह के मालिक रमेश अग्रवाल की सौतेली बहन हैं। यानि भास्कर समूह के संस्थापक श्री द्वारिका प्रसाद अग्रवाल की दूसरी पत्नी किशोरी देवी की इकलौती बेटी। जबकि पहली और असली पत्नी के बेटे रमेश चंद्र अग्रवाल हैं जो भास्कर अखबार समूह के असली मालिक हैं। असली-नकली को लेकर दोनों खानदानों में जमकर लातजूता होता है और कानूनी लड़ाई भी चल रही है। हेमलता अग्रवाल चाहती हैं कि असली वाले भास्कर समूह में उन्हे आधा हिस्सा मिले जबकि रमेश अग्रवाल फूटी कौड़ी देने को तैयार नहीं है। एमडी राहुल मित्तल के बारे में पता चला है कि 22 जून को ये जनाब 32 साल के हो चुके है। कर्मचारियों को भले ही सैलरी नहीं दे पा रहे हो मगर अपना जन्मदिन तीन तीन बार मनाया। सबसे पहले 22 मई को। जिसमें तब के मैनेजिंग एडिटर अतुल अग्रवाल पर एक लड़की से आरोप लगवाए और पत्ता साफ कर दिया। दूसरी बार 22 जून को बड़ी पार्टी करवाई गई। और तीसरी बार 22 जुलाई को मेरठ में शानदार पार्टी में शराब के नशे में जम कर ठुमके लगवाए गए। हकीकत ये है कि राहुल मित्तल नाम के छोटे कद के ये बड़े बाजीगर मेडिकल और इंजीनियरिंग कालेजों में बैक डोर एन्ट्री करवाने का काला धंधा करते हैं। डोनेशन कोटे के नाम पर काला-सफेद करके रईसजादों के नौनिहालों को दाखिला दिलवाते हैं और मोटी दलाली खाते हैं। दलाली के दलदल में डूबे राहुल मित्तल ने खुद को सेफ करने के लिए मीडिया का सहारा लिया और आगरा से चलने वाले केबल टीवी चैनल सी न्यूज के लिए मेरठ के स्ट्रिंगर बन गए। जब भास्कर न्यूज आया तो स्ट्रिंगर से सीधे प्रधान संपादक और एमडी बन बैठे ये दलाल नटवरलाल। दरअशल बिल्ली के भाग से झींका फूटा और एक रोड एक्सीडेंट में हेमलता अग्रवाल के बेटे अश्विन दत्त अग्रवाल की अकाल मृत्यु हो गई। मौजूदा एमडी राहुल मित्तल तब अश्विन दत्त अग्रवाल के खासमखास चेला हुआ करते थे। पति तो पहले ही चल बसा था। अब बेटे के जाने के दुख ने हेमलता अग्रवाल को तोड़ कर रख दिया था। वो बीमार रहने लगी थी तब राहुल मित्तल ने हेमलता अग्रवाल नाम की इस घरेलू महिला के जज्बाद को कुरेदा। चैनल खोलने के सपने दिखाए। हेमलता अग्रवाल ने कहा कि पैसे कहां से आएंगे तो राहुल ने उन्हे पट्टी पढ़ाई। ज्ञान दिया कि किराए पर लाइसेंस और बिल्डिंग ली जाएगी। बाजार में हल्ला मचाया जाएगा कि दैनिक भास्कर वाले एक नेशनल और 13 रीजनल चैनल ला रहे हैं। इसके लिए लोगों से मोटी रकम जमा करवा कर प्रादेशिक स्तर पर फ्रेंचायजी बांटी जाएगी। यानि भास्कर ब्रांड को बेचा जाएगा। इससे असली भास्कर वालों पर भी प्रेशर पड़ेगा और वो सुलह के लिए राजी हो जाएंगे। तब हमें करीब दस हजार करोड़ रूपए मिल सकेंगे। सीधी सादी घरेलू महिला हेमलता अग्रवाल खिलाड़ी राहुल मित्तल के झांसे में आ गई। इसके बाद राहुल मित्तल ने हेमलता अग्रवाल के साथ मिल कर नई कंपनी बनाई। कंपनी के आधे से ज्यादा शेयर अपने पास रखे। अपने पुराने चेलों नीरज भारद्वाज, अमित सैनी, दिवाकर शर्मा, सरफराज सैफी तथा तीन बंदूकधारी सुरक्षागार्डों के साथ नोएडा के सेक्टर 63 में बिल्डिंग किराए पर ले ली। चैनल का बोर्ड लगा कर तस्वीरों को फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन आदि पर अपलोड करना शुरू कर दिया। चैनल खुलवाने वाले इंजीनियरों तथा वेंडरों से मेलजोल बढ़ा लिया। इससे हर जगह माहौल बनने लगा। भास्कर में नौकरी के लिए इच्छुक लोगों ने संपर्क करना चालू किया तो एचआर में एक प्रियंका पराशर नाम की ऐसी झगड़ालू महिला को ले आए जिसने कभी मीडिया में काम ही नहीं किया था। वो दवा बनाने वाली एक सी ग्रेड कंपनी में ट्रेनी की नौकरी करती थी। उसे राहुल मित्तल ने अपना हमराज बनाया और मैडम भास्कर न्यूज़ की एचआर हैड बना दी गई। दूकान सज चुकी थी। शिकार आना शुरू हो गए थे। सबसे पहले सीईओ की भर्ती हुई। नाम था मनोज रस्तोगी। ये जनाब पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के करीबी थे और किसी जमाने में राष्ट्रपति भवन में बैठा करते थे। इनके उच्चस्तरीय संबंधों को कैश कराने की नीयत से राहुल मित्तल इन्हे लेकर आए थे। मगर जब मनोज रस्तोगी ने गलत करने का विरोध किया तो उन्हे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। फ्रेंचायजी मोड के विरोधी और तब के मैनेजिंग एडिटर अतुल अग्रवाल का भी यही हश्र हुआ क्योंकि राहुल मित्तल से साथ उनके रिश्ते काफी तल्ख हो चुके थे। 12-15 तारीख को दी जाने वाली सैलरी के मुद्दे पर अतुल के भारी विरोध से भी राहुल भन्नाये हुए थे और अपने जन्मदिन की पार्टी में एक लड़की के द्वारा छेड़छाड़ के आरोप लगवा कर अतुल की रुखसती तय की गई। हालांकि तब तक राहुल मित्तल ने मध्यप्रदेश की फ्रेंचायजी जय श्रीवास्तव, मुंबई की मैयकी मिश्रा, गुड़गांव की कनकन शर्मा और राजस्थान की जुगल कुमार मारवाड़ी को दे दी। बदले में करीब 6 करोड़ रूपए इकट्टा कर लिए। हेमलता अग्रवाल इन्ही रूपयों का हिसाब मांग रही हैं और इसीलिए वो सैलरी नहीं दे रही हैं। जबकि संपादक स्तर के लोगों को सैलरी दी जा चुकी है ताकि उन्हे आगे कर के कर्मचारियों को मैनेज किया जा सके। कहने वाले कह रहे हैं कि असली वाले भास्कर के मालिकों ने इन लोगों पर नाम के बेजा इस्तेमाल का केस कर दिया है जिसकी वजह से चैनल शुरू ही नही हो पाएगा। अब हालात ये है कि चैनल में कुछ भी मालिकों का नहीं है। यहां तक कि यूपीएस और कैमरे भी किराए पर लिया गया है। कर्मचारियों को अपाइंटमेंट लेटर नहीं मिले हैं। कुछ कर्मचारियों को कान्ट्रैक्ट लेटर थमाया गया है। दो महीने से वेतन नही मिला है। कब मिलेगा ये पता नहीं। पूछे जाने पर झिड़की मिलती है। जो कोई हंगामा करने पर आमादा हो जाता है उसको आधी सैलरी या कुछ हजार रूपए देकर विदा कर दिया जाता है। साथ में दे दी जाती है नई तारीख। क्या टीआरपी की खातिर मसालेदार मुद्दों को खोज कर पिल पड़ने वाला हमारा मीडिया अब इस मुद्दे पर कुछ बोलेगा? अब फेसबुक पर कोई मुहिम क्यों नहीं चलाई जाती? पत्रकारों के हितों का दम भरने वाली वेबसाइटें चुप क्यों हैं? क्या आप लोगों ने पैसे खाकर ईमान गिरवी रख दिया है या फिर आपके लिए ये कोई मुद्दा ही नहीं है? note- मैं भास्कर न्यूज का पीड़ित पत्रकार हूं। कृपया मेरी पहचान गुप्त रखी जाए। अगर उजागर करनी हो तो पहले मेरी ढाई महीने की सैलरी दिलवा दीजिए। गांव पैसा नहीं भेज पा रहा हूं। किराया भी चढा हुआ है। लोगों ने उधार देना बंद कर दिया है। बताइए क्या किया जाए। प्लीज कहीं दूसरी जगह मेरी नौकरी लगवा दीजिए।

  2. sonu

    August 1, 2014 at 1:54 pm

    baat shai hai bhai m bhi bhaskar m hu

  3. nirankari

    August 1, 2014 at 5:21 pm

    ये कोंमेंट तो अतुल कुमार का नहीं लगता है ये तो किसी अतुल अग्रवाल के जैसे लग रहा है , इतना भड़ास से तो यही प्राणी लिख सकता है . धन्यवाद

  4. चच्चा

    August 2, 2014 at 10:38 pm

    ये अतुल कुमार या तो अतुल अग्रवाल है या फिर इसके चेलों दुष्यंत, अनुज वगैरह में से कोई…इस कमेंट में हेमलता और राहुल मित्तल को गरियाने से भी ज़्यादा बार अतुल अग्रवाल को लेकर सफाई दी गई है…हर तीन लाइन के बाद एक बार अतुल की बेगुनाही की दुहाई दी गई है…जबकि उसकी लड़कीबाज़ी के बारे में दुनिया जानती है…ख़ैर, जब ये फ्रैंचाइज़ी बेची जा रही थी तो देहरादून से भोपाल तक अतुल भी उगाही में व्यस्त था…अतुलवा है बहुत कमीना… ख़ैर भास्कर न्यूज़ का ये हाल होना ही था…लेकिन आदरणीय अतुल जी, आपकी और आपके चमचों की महिला विरोधी भाषा का पता पहली और दूसरी पत्नी…असली और नकली वारिस से पता चलता है…मतलब दो पत्नियां करने का दोषी पुरुष नहीं, स्त्री है…अरे नराधम अतुल…ऊपर से नाटक ये कि मैं भी पत्रकार हूं…भास्कर में काम कर रहा हूं…

  5. rama shankar

    August 3, 2014 at 6:22 am

    यार चैनल जब चलत है। तो दुनिया जलत है. कुछ सही है खुच गलत है. किसी कही ???

  6. Mogli

    August 4, 2014 at 3:45 pm

    मेरी समझ में ये नहीं आता कि पहले तो लोग नौकरी के लिए दर-दर की ठोंकरे खाते फिरते हैं। लंबी-लंबी कतार में लगते हैं, इधर-उधर से जुगाड़ भिडाते हैं कि भाई कैसे भी हो बस नौकरी लगवा दो। जैसे ही नौकरी लगी, दिमाग खराब हो जाते हैं। अरें भाई, भास्कर वाले क्या घर बुलाने गए थे आपको कि आपके बिना हमारा चैनल नहीं चल रहा है। कमाल है, अभी तो चैनल चला भी नहीं, इसके बावजूद भी सभी को बैठे-बिठाए और वो भी बिना कुछ किए सेलरी तो मिल ही रही थी ना। अगर नहीं मिल रही थी तो छोड़ देते नौकरी, क्यों इतने दिन तक काम करते रहे। अगर हर महीने समय से मिल रही थी और इस बार थोडा लेट लतीफी हो गई तो इतना हो-हल्ला क्यों? ये तो वहीं बात 🙄 हो गई कि किया धरा कुछ नहीं और गिलास तोड़े बारह आना।

  7. Sher khan

    August 4, 2014 at 4:12 pm

    ye comment mogli ke liye hai……abe tu aadmi hai ya pajama….tune jo likha hai ke baite-bithai free ki salary mill rahi hai. abe ullu ki dum yaha aakar dekh sabhi log kiti mehnat or imaandari se kaam karte hai….

  8. Journalist Animesh

    August 8, 2014 at 8:20 am

    टीवी समाचार जगत से एक बड़ी ख़बर है। आने वाले नये भास्कर न्यूज़ चैनल में एक महिला इंटर्न से छेड़छाड़ करने के आरोप मे निकाले गये अतुल अग्रवाल शीघ्र ही एक बड़े बिज़नेस घराने का समाचार चैनल लोन्च करने जा रहे है। इसकी लिये तैयारी जोरो पर चल रही है। बड़े पैकेज पर अतुल अग्रवाल ने इस चैनल को लाने का बीड़ा उठाया है। जानकारी के अनुसार इस चैनल के आने से भास्कर न्यूज़ को बड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि पक्की ख़बर है कि सैलरी संकट से जूझ रहे भास्कर न्यूज़ मे काम कर रहे समीर अब्बास, रवि शंकर और राजीव पाण्डे समेत कई कर्मचारी भी अतुल अग्रवाल के साथ इस नये प्रोजेक्ट मे शामिल हो रहे है। समीर को यहां अतुल के साथ बड़ी पोजिशन मिल रही है। इन लोगो को अतुल ने मैनेजमेन्ट से मिलवा भी दिया है। भास्कर न्यूज़ से करीब 30 से 40 लोग अतुल अग्रवाल के साथ जा सकते है। ये सभी वो लोग है जिन्हे अतुल अग्रवाल ने ही भास्कर न्यूज़ में नौकरी दी थी। बताया जा रहा है कि ये एक नेशलन न्यूज़ चैनल होगा। इसे लाने वाला बिज़नेस घराना टायल और रियल स्टेट कारोबार से जुडा है। अब इस बात के सामने आने से भास्कर न्यूज़ प्रबंधन परेशान हो सकता है। क्योंकि भास्कर का चैनल अभी तक शुरु नही हो सका है और वहां आर्थिक संकट चल रहा है।

  9. kundan

    August 13, 2014 at 4:31 am

    Animesh ne shi likha h…..waise bhi bhaskar news m log salary na aane se paresan to h hi……ravi ji k dwara laye gaye sanjay(channel producer) se sabhi department pareshaan h ….wo chata h ki sabhi department m ussi 😆 k laye log(chamche) hone chahiye….suna h ki ali depatment head bhi iss liye banya h taki salary jayda ho sake……magar wo bhi jayda din yha nhi h kyoki wo bhi nyi job talash rha h as a channel head

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