कन्हैया शुक्ला-
छत्तीसगढ़ में पिछली कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार पूरे चुनाव में भरोसे की सरकार बनने का दावा करती थी पर गई भ्रष्टाचार की पूरी क़िताब छत्तीसगढ़ के इतिहास में दर्ज कर के. जब सरकार थी तो ACB भी चुपचाप बैठ कर तमाशा देख रही थी लेकिन सरकार जाते ही वह एक्शन में आ गई है.
ACB ने शराब और कोयला घोटाले में दो पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, EX CS, IAS अधिकारियों सहित 100 से जायदा लोगों से पर FIR दर्ज की है. कोयला और शराब घोटाला मामले की जांच कर रही ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने एंटी करप्शन ब्यूरो में दो पूर्व मंत्रियों, पूर्व मुख्य सचिव, दो निलंबित आईएएस, एक रिटायर्ड आईएएस और प्रभावशाली कांग्रेस नेताओं समेत 100 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद किसी घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी की ओर से दर्ज कराई गई यह अब तक की सबसे बड़ी FIR है.
ACB की FIR में दारू वाले विभाग के पूर्व मंत्री कवासी लखमा, अमरजीत भगत, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर बिश्नोई, अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा, कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, पूर्व कांग्रेसी विधायक शिशुपाल सोरी, चंद्रदेव राय, बृहस्पत सिंह, यूडी मिंज, गुलाब कमरो , भूपेश बघेल के करीबी विजय भाटिया का नाम है.
पिछली भूपेश बघेल सरकार में हुए कोयला ट्रांसपोर्टेशन में लेवी वसूलने और सिंडिकेट बनाकर शराब में अवैध उगाही के मामले की जांच ED कर रही है. इस मामले में ईडी ने 2023 में कोर्ट में इन भ्रष्टाचारियों पर FIR दर्ज करवाने को लेकर कहा था यही नहीं, ED ने ACB को लेटर भी लिखा था पर FIR होती भी तो कैसे? मालिक की जेब में अनाप-शनाप पैसा कैसे आता और सभी सरकार के करीबी थे इसलिए FIR हो नहीं पाई, पर सत्ता बदलने के बाद FIR का सिलसिला शुरू हो गया है.
नीचे देखें ED का वो लेटर जो लिखा गया था..
पहले ही ED ने कोयला घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया, निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई, रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल, निखिल चंद्राकर को महीनों से जेल में रखा हैं. अब तो सुनने में ये भी आ रहा है की जेल के अंदर रोजाना इन आरोपियों के बीच महाभारत होता है. एक दूसरे का बस बाल उखाड़ना बचा है और आपस में ही एक दूसरे के ऊपर आरोप लगाकर नंगा करने में जुटे हैं.
खैर ये तो होना ही था अब तो कांग्रेस भी अपनी हार का ठीकरा भूपेश और उनकी करीबी जेल में बंद महिला अधिकारी पर फोड़ रहे कि पता नही क्या रिश्ता था की CM सब देखने जानने के बाद भी नज़र अंदाज करते थे और सत्ता रहते भूपेश के करीबी चाहे दारू घोटाले वाले या कुछ अधिकारियों ने ही कांग्रेस को सबसे जायदा नुकसान पहुंचाया. वहीं भूपेश धृतराष्ट्र की तरह अंधे होकर कुर्सी से चिपक के बस बैठे रहे.