यशवंत जी, बीड़ीवाली की कहानी पढ़ी. मेरा मानना है कि जब आपने कोई गलती नहीं की तो आपने अपनी सफाई में माफी क्यों मांगी. पहली बात तो जहां तक मैं वीडियो में देख रहा हूं, सारा कसूर उस बीड़ी वाली महिला का है. सोचने वाली बात यह है कि यह महिला नो स्मोकिंग जोन में बीड़ी पी रही है. बीड़ी की राख नीचे गिरा रही है. यानि डबल गल्ती. मैं ऐसी उजड्ड और अराजक महिला की घोर निंदा करता हूं जो नो-स्मोकिंग जोन में धूम्रपान कर रही है और जिसने यह मुद्दा उठाया, उसी को टर्मिनेट कर देती है.
यशवंत जी आपको उस महिला से माफी मांगनी ही नहीं चाहिए बल्कि उस महिला को आपसे माफी मांगनी चाहिए, नो स्मोकिंग जोन में सिगरेट पीने पर. वह बीड़ी वाली महिला कोई आम महिला नहीं है. वह प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की जनरल सेक्रेट्री की उम्मीदवार थी जो अब जीत कर इस पद पर काबिज है. आपने उस महिला की प्रतिबंधित इलाके में बीड़ी पीने का वीडियो बनाकर और इसे पब्लिक डोमेन में डालकर बहुत ही नेक काम किया है.
सबसे अजीब बात यह है कि जनरल सेक्रेट्री की उम्मीदवार है महिला प्रतिबंधित क्षेत्र में धूम्रपान कर रही है और उसके साथ और भी बहुत से लोग बैठे दिख रहे हैं. क्या उन लोगों को नहीं रोकना चाहिए था, महिला को बीड़ी पीने से. यह पूरा प्रकरण मीडिया के भीतर की अराजकता को दिखाता है. जो दूसरों को आइना दिखाते हैं, उन्हें यशवंत जी ने आइना दिखा दिया तो बुरा मान गए है. हद है. मैं यशवंत जी को प्रेस क्लब आफ इंडिया से टर्मिनेट किए जाने की निंदा करता हूं.
प्रवेश चौहान
दिल्ली यूनिवर्सिटी
praveshchauhan405@gmail.com
कुछ अन्य टिप्पणियां…
Anita Choudaary : वो कमरा नो स्मोकिंग जोन है जहां मैडम बीड़ी पी रही हैं. ये दूसरों को धमकाने में एक्सपर्ट हैं. लोगों से बदतमीजी करने में एक्सपर्ट हैं. ये खुद नियम कानून ताक पर रखती हैं. पहले मैंने पब्लिक प्लेस पर स्मोकिंग के खिलाफ़ आवाज़ उठाई तो मुझे धमकाया गया. ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस कंप्लेन जरूर होनी चाहिए.
लोकेश सलारपुरी : धुंआ तो उड़ा ही रही है साथ मे स्वच्छता अभियान को भी सिगरेट की राख दिखा रही है
Journalist Prasoon Shukla : प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की महासचिव महोदया, आप अपने ऊपर क्या ऐक्शन ले रही हैं? कृपया सूचित करें.
Charan Singh : जसवंत जी। प्रेस क्लब का इस्तेमाल तो पत्रकार शराब और सिगरेट के लिए करते हैं। इन लोगों को मीडिया में आई गिरावट और शोषण से तो कुछ लेना देना नहीं है। कोई बताये, मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई प्रेस क्लब आफ इंडिया ने कभी लड़ी? इस संघर्ष में इनका कितना योगदान है। देश के इस सबसे बड़े प्रेस क्लब ने मीडिया वालों की आवाज उठाने वाले यशवंत समेत न जाने कितने बेबाक मीडियाकर्मियों को टर्मिनेट कर दिया। पर ये प्रेस क्लब खुद तो मीडियाकर्मियों के शोषण और दमन पर चुप रहता है। क्या कर रहे हैं क्लब? हां इनमें से किसी के साथ कुछ हो जाये तो लगेंगे हु हू करने। कायर, निर्लज्ज और कमजोर लोग हैं प्रेस क्लबों में।
Anil Pandey : एक पत्रकार हमेशा ,हर जगह पत्रकार होता है।एक पत्रकार जो दूसरे संस्थानों की कमियों को ढूंढता है तो उसे अपने क्लब की कमियों को उजागर करने का भी पूरा हक और लोकतांत्रिक अधिकार है। देश भर के पत्रकारों को जोड़कर एक समानांतर प्रेस क्लब ऑफ भारत के नाम से गठित कर उसका पंजीयन कराया जाए।
Manish Chaturvedi : इन्हें ठीक से सिगरेट पीना नहीं आता है और आप आरोप लगा रहे हैं।
Krishna Pandit : निष्पक्ष पत्रकारिता तो छोड़ दीजिए। आजकल प्रेस क्लब का यह आलम हो गया है कि यहां माया बाजारी और रुपयों की गणित दलालों के साथ मिलकर तय की जाती है, धंधे पानी का लेखा जोखा ही यहां रखा जाता है। अपने पत्रकार साथियों के साथ उत्पीड़न या अन्याय के बारे में तो इनकी कोई जानकारी नहीं होती और ना ही दूसरे को यह कुछ समझते हैं। मेरा सुझाव है कि प्रत्येक प्रदेश और जिला स्तर के पत्रकारों को भी समानांतर प्रेस क्लब में प्रवेश की अनुमति दी जाए. संगठन मजबूत करने और आवाज में गुंज रखने के लिए ये जरूरी है.
Kunwar MP Singh जब यह महिला पत्रकार ही अपने क्लब के नियमों का पालन नहीं करती है तो कैसे निष्पक्ष पत्रकारिता कर पाती होगी?
Kanhaiya Shukla क्या बस यही प्रेस क्लब मान्य हो सकता है… नया प्रेस क्लब बनाओ भैया…
पूरे प्रकरण को समझने के लिए इसे पढ़ें….
One comment on “बीड़ीवाली की कहानी हो गई वायरल!”
प्रेस क्लब को अपनी बपौती बनाकर रखा है…इसीलिए आम पत्रकार इस प्रेस क्लब नाम की चिड़िया से दूर है अभी तक. एक ही पैनल जितेगा हमेशा क्योंकि यही पैनल क्लब की मेंम्बरशिप बांटता सारे नियम बनाता है।
फीस भी इतनी महंगी की आम पत्रकारों की जद से बाहर है. मेरे ख्याल से इस क्लब को बर्खास्त कर देना चाहिए जो अपने उद्देश्य से पूरी तरह भटक चुका है.