Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी अन्य के अधिकार का अतिक्रमण नहीं कर सकती : सुप्रीम कोर्ट

JP Singh

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हो या व्यक्तिगत स्वतन्त्रता हो यह सामाजिक स्वतंत्रता से बंधी होती है। व्यक्तिगत स्वतन्त्रता के नाम पर सामाजिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की इजाजत न कानून देता है न समाज। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तस्वीर से छेड़छाड़ (मॉर्फ) करने के आरोप में भारतीय जनता युवा मोर्चा की सदस्य प्रियंका शर्मा को जमानत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता लेकिन यह किसी अन्य के अधिकार का अतिक्रमण नहीं कर सकती। ऐसा नहीं होना चाहिए। किसी अन्य के चेहरे पर दुसरे का चेहरा लगाना गलत है।

जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की अवकाश पीठ ने प्रियंका शर्मा को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। उच्चतम न्यायालय ने पहले जमानत के लिए माफी की शर्त रखी, लेकिन फिर बिना माफी ही उन्हें जमानत दे दी। इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह जमानत पर छूटते ही माफी मांगेंगी और उसमें लिखेंगी कि किसी की भावना आहत करने का इरादा नहीं था। सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने प्रियंका शर्मा से कहा कि आप सामान्य व्यक्ति नहीं हैं। राजनीतिक पार्टी से जुड़े हुए हैं। उच्चतम न्यायालय ने कहा की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा तभी खत्म हो जाती है जब यह किसी के अधिकारों का उल्लंघन करती है।
उच्चतम न्यायालय ने प्रियंका की याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार को भी नोटिस जारी किया है। इस पर उच्चतम न्यायालय बाद में सुनवाई करेगा। उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि हम ये साफ करते हैं कि इस केस में तथ्यों के आधार पर ये फैसला दे रहे हैं। मेरिट पर सुनवाई बाद में होगी।

सुनवाई के दौरान प्रियंका शर्मा के वकील एनके कौल ने कहा कि यह मामला कानून के उल्लंघन का है। एक मीम के लिए 14 दिन की हिरासत कहां तक जायज है। एनके कौल की इस दलील पर जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा कि प्रियंका शर्मा को इस तस्वीर के लिए माफी तो मांगनी ही चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा तभी खत्म हो जाती है जब यह किसी के अधिकारों का उल्लंघन करती हो। इसलिए प्रियंका को माफी मांगनी चाहिए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

उच्चतम न्यायालय ने कहा इस के दो पक्ष हैं। पहला मामला कानून के उल्लंघन का है। प्रियंका शर्मा भाजपा की कार्यकर्ता हैं। इसके पीछे की मंशा अलग है। अगर वे एक सामान्य नागरिक होतीं तो मामला दूसरा होता है। अगर कोई इससे आहत हो रहा है तो माफी मांगी जानी चाहिए। अवकाश पीठ ने भाजपा युवा मोर्चा की नेता प्रियंका शर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एनके कौल की इस दलील पर गौर किया कि जेल में बंद कार्यकर्ता की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई की आवश्यकता है।

प्रियंका के वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि क्रिमिनल लॉ में इस तरह माफी का कोई प्रावधान नहीं है। इस पर जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा कि हम भी ये कह रहे हैं कि आपराधिक मामला और माफी दोनों अलग हैं। आपका अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार वहां खत्म हो जाता है जहां दूसरे व्यक्ति के अधिकार शुरू होते हैं। प्रियंका के वकील की ओर से कहा गया कि यह पोस्ट वायरल किया जा रहा है लेकिन पोस्ट करने पर उसे गिरफ्तार किया गया। साथ ही कहा है कि उसने ना तो ये पोस्ट तैयार किया और ना ही हमे पता है कि ये किसने बनाया है। प्रियंका ने इसे सिर्फ पोस्ट किया था।. यह बोलने की आजादी के तहत आता है। क्या इस मामले में जमानत के लिए शर्त लगाई जा सकती है? इस तरह के लाखों करोडों ट्वीट और पोस्ट चल रहे हैं लेकिन कार्रवाई प्रियंका पर ही की गई। अगर उन सभी से माफी मांगने को कहा जाएगा, जिन्होंने पोस्ट किया है तो इसका बडा असर होगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्रियंका शर्मा को तृणमूल कांग्रेस के नेता विभास हाजरा की शिकायत पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत 10 मई को गिरफ्तार किया था। एनके कौल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में स्थानीय अदालतों में 14 मई तक पूर्ण हड़ताल होने के कारण ही प्रियंका शर्मा को अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। इसके बाद पीठ इस मामले की मंगलवार को सुनवाई के लिए तैयार हुई।

भारतीय जनता युवा मोर्चा की नेता प्रियंका शर्मा ने फेसबुक पर एक ऐसी फोटो कथित रूप से पोस्ट की थी, जिसमें न्यूयॉर्क में ‘मेट गाला’ इवेंट में शिरकत करने पहुंचीं अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा की तस्वीर में फोटोशॉप के जरिए ममता बनर्जी का चेहरा लगाकर मीम बनाया गया था। प्रियंका पिछले शुक्रवार से कोलकाता की जेल में बंद है। सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल में प्रियंका ने खुद को हावड़ा जिला भारतीय जनता युवा मोर्चा के क्लब सेल का संयोजक बताया है।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement