हरदोई के एसपी ने बीजेपी जिलाध्यक्ष के आगे टेके घुटने, 4 पत्रकारों पर लिख दिया गया फर्जी मुकदमा

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बदमाशों ने पत्रकार के साथ की है लूटपाट और मारपीट लेकिन पत्रकारों पर ही दर्ज हो गया मुक़दमा

हरदोई। हरदोई जिले के पाली थाना क्षेत्र में पेट्रोल पंप पर काम करने वाले अपने रिश्तेदार के साथ हुई मारपीट का विरोध जताने पहुंचे पत्रकार और उसके साथी पत्रकारों के साथ भी बदमाशों के द्वारा मारपीट की गई। जब पीड़ित पत्रकार रिपोर्ट लिखाने पहुंचा तो पुलिस ने प्रार्थना पत्र लेने से इंकार कर दिया। जिसके बाद पीड़ित ने एसपी राजेश द्विवेदी से गुहार लगाई। पुलिस अधीक्षक के आदेश के बाद भी पाली थाना पुलिस ने पीड़ित का प्रार्थना पत्र लेना जरूरी नहीं समझा। जबकि आरोपियों की ओर से आनन-फानन प्रार्थना पत्र लेकर रात्रि लगभग 2 बजे मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

हरदोई जिले में पाली नगर के मोहल्ला विरहाना निवासी पत्रकार मोहित कुमार पुत्र रामप्रकाश ने पुलिस अधीक्षक को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि थरिया गांव निवासी उसके रिश्तेदार विकास भाहपुर स्थित पेट्रोलपंप पर कर्मचारी हैं। पाली नगर के मोहल्ला सुलहसराय के सजल मिश्रा उर्फ सुंदरम पुत्र आलोक मिश्रा, मोहल्ला बाजार निवासी कन्हैया गुप्ता पुत्र संजीव गुप्ता और इमामचौक निवासी नाने उर्फ अवधेश रस्तोगी पुत्र लक्ष्मीकांत एवं तीन अज्ञात लोगों के द्वारा उनके रिश्तेदार पेट्रोलपंपकर्मी विकास के साथ मारपीट की गई।

विकास के द्वारा इसकी जानकारी दिए जाने पर मोहित अपने पत्रकार भाई शोभित मिश्रा, अंकुश गुप्ता और रोहित के साथ मौके पर पहुंचा और आरोपियों से विरोध जताया। इसके बाद सभी आरोपियों ने एक राय होकर गालीगलौज करते हुए लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से मारपीट शुरू कर दी। मोहित व उसके साथी पत्रकार वहां से किसी तरह जान बचा कर निकले तभी पीछा कर रहे बदमाशों ने बरगद चौराहे पर अपनी बाइक से टक्कर मार कर गिरा दिया और लूटपाट, मारपीट की और जान से मारने की धमकी देते हुए चले गए। इसका एक सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है।

इस मामले की तहरीर लेकर जब पीड़ित पाली थाने पहुंचा तो कार्यवाहक थानाध्यक्ष अशोक सिंह ने प्रार्थना पत्र लेने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद पीड़ित पत्रकार ने 18 मई को पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी से गुहार लगाई। हालांकि एसपी राजेश द्विवेदी ने पत्रकार की भी रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया, और एएसपी पश्चिमी दुर्गेश कुमार सिंह ने मामले में मीडिया कर्मियों को दी बाइट में कहा कि दूसरे पक्ष से तहरीर प्राप्त कर रिपोर्ट दर्ज की जा रही है पर कुछ ही देर में एसपी और एएसपी ने घुटने टेक दिए।

मामले में सत्ता पक्ष के दखल के कारण पुलिस ने अभी तक पीड़ित पत्रकारों की रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। यहां यह भी बता दें कि पाली पुलिस ने उल्टे आरोपियों की ओर से आनन-फानन में प्रार्थना पत्र लेकर पीड़ित पक्ष के उपरोक्त 4 पत्रकारों पर ही मुकदमा दर्ज कर लिया था।

कार्यवाहक इंचार्ज अशोक सिंह की भूमिका अपराधियों को बढ़ावा देने जैसी है। 19 मई की दोपहर को पुलिस लाइन हरदोई में एक मामले को लेकर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिले के वरिष्ठ पत्रकारों ने इस मामले को उठाया और पुलिस अधीक्षक से पत्रकारों के साथ न्याय करने की बात कही, पर पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी व अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी दुर्गेश कुमार सिंह ने आफ कैमरा पत्रकारों से स्पष्ट कह दिया कि वह कोई कार्यवाही नहीं करवा पाएंगे क्योंकि बीजेपी जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्रा नीरज ने अपनी प्रतिष्ठा बना रखी है।

यहां बताना जरूरी होगा कि उपरोक्त पत्रकारों के साथ लूटपाट करने वाले बदमाशों में शामिल अवधेश उर्फ नाने रस्तोगी और कन्हैया गुप्ता बीजेपी के राजनीतिक मोहरा हैं। इन्होंने बीते बरस की 10 अगस्त को पाली कस्बे में मामूली बात पर हिंदू-मुस्लिम दंगा भड़का दिया था, जिसके बाद पुलिस ने एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए सपा के पूर्व चेयरमैन सहित 10 लोगों पर कई फर्जी मुकदमे लिखे और बाद में गैंगस्टर की कार्रवाई की। हिंदू मुस्लिम मिश्रित आबादी वाले पाली कस्बे में यह अपराधिक प्रवृत्ति के लोग बीजेपी के राजनीतिक मोहरा बने हुए हैं, जिस कारण इन्हें बीजेपी पाले हुए है। फिलहाल पूरे प्रकरण में पुलिस बीजेपी और बदमाशों के आगे नतमस्तक दिखाई दे रही है।

देखें पुलिस का बयान और सीसीटीवी- https://fb.watch/kH2aIyBWB-/?mibextid=Oemikg

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