“हिन्दुस्तान” और “हिन्दुस्तान टाइम्स” से पूरे देश में जुड़े साथियों से खुली अपील है कि आप मजीठिया वेज बोर्ड अवार्ड के लिये 17(1) के तहत जमकर क्लेम करें। अगर 11 नवम्बर 2011 के बाद कभी भी रिटायर हुये हैं या जबरन रिजाइन ली गई है तब भी आपका एरियर बनता है। एरियर बनवाने में कोई दिक्कत हो तो मुझसे सम्पर्क करें। अगर आप काम कर रहे हैं तो डरने की जरूरत नहीं है। कंपनी आपको ट्रांसफर करेगी, सस्पेंड कर सकती है, टर्मिनेट करेगी और इनके लोग धमकियां भी देंगे, जैसा कि इन दिनों पूरे देश में हो रहा है। लेकिन भरोसा रखें, ये बिगाड़ कुछ नहीं पाएंगे।
ये वही लोग हैं जो किसी खबर पर एक नोटिस (नाजायज नोटिस पर भी) पर सिर पकड़ लेते हैं। माफीनामा तक छापते हैं। ये लोग सिर्फ आपके डर का फायदा उठा रहे हैं। आप को भरोसा दिला रहा हूं कि अगर न्यूनतम वेतन (मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार) मांगने के बाद ये उत्पीड़न करते हैं, तो कोर्ट का ऐसा डंडा गिरेगा कि अक्ल ठिकाने आ जाएगी। अगर कोई धमकी देता है तो मुकदमे की तहरीर दें। पुलिस प्रभाव में मुकदमा नहीं लिखेगी, लेकिन कोर्ट से 156/3 में मुकदमा / परिवाद जरूर दर्ज होगा।
भरोसा रखिये, जब आप आंखों में विश्वास के साथ मैदान में होंगे तो इनकी रूह कांप जाएगी। रोजी-रोटी का भय मन से निकाल दें। कचहरी के बाहर चिट्ठी टाइप करेंगे तब भी हजार रूपया रोज लेकर जाएंगे। मंदिर के बाहर शादी-ब्याह की फोटो बनाएंगे तब भी बच्चे भूखे नहीं मरेंगे। कुछ नहीं कर सकते तो मुझसे मिलियेगा, आपके साथ आपके लिये भीख मांगेंगे। चाय भी बेच लेंगे। विश्वास करें, यह सब ज्यादा दिन नहीं करना पड़ेगा।
हमारे डर का लाभ कंपनी को नहीं मिलना चाहिये। हम कटोरा लेकर घूमेंगे लेकिन उन कथित नये नजरिये का दावा करने वाले क्रूर लोगों से लड़ेंगे, जो कद-पद में हमसे बहुत बड़े हैं, लेकिन कलेजा बहुत छोटा है। हमारे हक पर कुंडली मारकर बेठे हैं। ये वही लोग हैं जो योग्यतम पत्रकार और प्रोफेशनल्स की बात करते हैं और तनख्वाह देते हैं नगर निगम कर्मचारी के चतुर्थ श्रेणी के साथी से भी कम। ये चाहते हैं कि पत्रकार हमेशा समाज की सहानुभूति पर पलें और इनकी अपनी जेबें भरती रहें।
कुछ साथी यह भी सोच रहे हैं कि वे मीडिया में जो सम्मान पा रहे हैं, वह बाहर आने पर नहीं पाएंगे। आपकी सोच आंशिक सत्य हो सकती है। पूरा सच नहीं है। एक बात का विश्वास दिलाता हूं कि अगर आप मजीठिया की जंग लड़े तो भले ही कुछ दिनों के लिये अखबार से बाहर जाना पड़ेगा लेकिन आपकी कई पीढ़ियां सम्मान पाएंगी। समाज में लोग आपकी मिशाल देंगे और आपके बच्चों की तरफ हाथ दिखाकर कहेंगे कि इसके बाप/दादा हक के लिये बिड़ला जी की कंपनी से भिड़े थे।
अब डरिये मत। थोड़ा हिम्मत जुटाइये। क्लेम करिये। अगर क्लेम के बाद कार्रवाई हो तो साक्ष्य जुटाइये। हम सभी कोर्ट से बहाली पाएंगे। अगले विजयादशमी के पहले सारे रावण जलेंगे। अब तक एचएमवीएल और एचटी मीडिया के जिन साथियों ने क्लेम किया है और कार्रवाई हुई है, वे मुझसे सम्पर्क करें। हम उनका साथ देंगे।
दोस्त, जो साथी यह सोच रहे कि उन्हें घर बैठे लाभ मिल जाएगा, वे पूरी तरह सही नहीं हैं। ऐसा कोई चमत्कार नहीं होगा। अभी भी वक्त है, देर न करें। क्लेम लगाएं। दिक्कत हो तो फोन करें या कभी भी ई-मेल करें।
आपका साथी
वेद प्रकाश पाठक
पूर्व सीनियर स्टाफ रिपोर्टर
हिन्दुस्तान मीडिया वेन्चर्स लिमिटेड (गोरखपुर यूनिट)
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