पटना । लोकसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी बिहार की एनडीए सरकार ने अपने विरोधियों को एक बड़ा हथियार दे दिया है। मुजफ्फरपुर के चर्चित सूचना अधिकार कार्यकर्ता हेमंत कुमार को पुलिस ने कल मोतिहारी से गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारी एससी-एसटी एक्ट के तहत की गयी है। चर्चा है कि आनन-फानन में दर्ज किये गये इस केस के पीछे वजह डीजीपी हैं।
दरअसल आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत कुमार ने सूबे के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के शैक्षणिक योग्यता पर सवालिया निशाना लगाया था। वैसेे हेमंत कुमार और गुप्तेश्वर पांडे की रार बहुत पुरानी है। हेमंत कुमार ने डीजीपी के खिलाफ सोशल मीडिया को हथियार बनाते हुए लिखते रहते हैं। बताया जाता है कि इसी वजह से राज्य पुलिस के लोग उनसे नाराज थे।
अभी हाल में यानि 15 मार्च को हेमंत कुमार ने अपने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा था- “डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय की M.Sc. डिग्री से संबंधित मेरे याचित सूचना के संदर्भ में केन्द्रीय सूचना आयोग ने दिनांक 18.03.2019 को video conferencing के मार्फत N.I.C. Hajipur में सुनवाई तय की है, इसलिए साजिशन मेरे खिलाफ दलित उत्पीड़न में Sc/St P.S Muz.FIR No-13/2019 दर्ज कराया गया है ताकि उक्त तिथि को video conferencing में पहुंचने से मुझे रोका जा सके।”
फिलहाल ये गिरफ्तारी एनडीए के लिए कितनी घातक होगी ये भविष्य के कोख में है लेकिन बिहार के पत्रकारों और सोशल मीडिया के महारथियों की पोस्ट पर नजर डाले तो कमोबेश यही बात निकलकर आ रही है कि सरकार के सुशासन के दावों पर कोई यकीन नहीं करेगा और सरकार को इसकी कीमत चुकानी ही पड़ेगी।
पटना से पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट.
Comments on “बिहार में आरटीआई एक्टिविस्ट गिरफ्तार, देखें तस्वीर”
हेमन्त एक ब्लैकमेलर है, लड़की के साथ छेड़खानी का भी मुकदमा इसके ऊपर बहुत पहले हुआ था, भड़ास को ऐसे फ्राड लोगो के पक्ष में बोलने से बचना चाहिए
हेमंत कुमार के खिलाफ लड़की से छेड़खानी का मामला भी साजिश के तहत दर्ज कराया गया था। कोर्ट ने कहा कहा और पुलिस की कितनी फटकार लगाई, उसके दस्तावेज हैं। जिस लड़की ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी उसके ससुर के घोटाले और कारगुजारियों का हेमंत ने पर्दाफास किया था। अभी हाल में ही वो सज्जन जेल से बेल पर आए हैं। उस डाकपाल महोदय की नींद हेमंत ने खराब कर रखी थी। ज्यादा जानना हो तो कहिए अखबार की कतरन शेयर कर दूं।
मदन तिवारी जी चलिये आपकी बात सही हो परन्तु लड़की छेड़ने से ब्लैक मेलिंग का क्या ताल्लुक़ भड़ास फ़ॉर मीडिया जो लिख रहा है बिल्कुल सही लिख रहा है
में सहमत हूँ ।