संजय कुमार सिंह-
पत्रकारिता का रुतबा और हाल तो सबको पता है। आजकल यू-ट्यूब चैनल और यूट्यूब की पत्रकारिता का जमाना है। अच्छी और नए किस्म की पत्रकारिता हो रही है। जो मुख्यधारा की पत्रकारिता से काफी अलग है।
कई दिनों से उसपर, वहां की खबरों व वीडियो तथा सितारों पर लिखने की सोच रहा हूं पर आज यह मामला देखने को मिला।
मैं समझ रहा था कि यू ट्यूब पर वीडियो अपलोड करके लोग खूब पैसे कमा रहे हैं और अच्छी पत्रकारिता भी हो रही है पर अब पता चला कि कुछ ‘पत्रकार’ (असल में पत्तलकार) वहां भी पहुंचे हुए हैं। जय हो।
विज्ञापन से धन कमाने में कोई बुराई नहीं है। चैनल और अखबार वाले भी तो यही करते हैं। पर विज्ञापन के लिए किसी को ब्लैकमेल करना गलत है, खबर करने के लिए खर्च तो करना ही पड़ता है जिसकी खबर की जाए उससे पैसे मांगे जाएं या उसके होटल का बिल नहीं चुकाया जाए वह गलत है। आम तौर पर जिसे प्रचार चाहिए होता है वह ऐसी चीजों का विरोध नहीं करता पर प्रचार भी तो हो। 900 सब्सक्राइबर वाले चैनल को कितनी छूट चाहिए होगी?