कंगना विवाद : यह तो कोई बात नहीं हुई… यह सौ फीसदी सच है कि कुछ पत्रकार फोकट का खाना खाने कहीं भी पहुंच जाते है। पचास-साठ रुपये में बिकना पत्रकारों का स्वभाव बन गया है। पत्रकार आजकल पत्रकार नहीं रह कर भिखमंगे बन गए हैं। लेकिन पत्रकारों पर इस तरह का गंदा और ओछा आरोप लगाने का अधिकार कंगना रनौत को किसने दिया है।
कंगना को मीडिया पर आरोप लगाने से पूर्व अपनी बिरादरी की गर्दन के निचले हिस्से की ओर भी झांक लेना चाहिए था। कंगना उस इंडस्ट्री से जुड़ी हुई है जो पूरी तरह अपने घृणित आरोपों की वजह से सड़ांध मार रही है। कितनी ही ऐसी अभिनेत्रियां हैं जिन्होंने आरोप लगाए हैं कि बिना जिस्म सौंपे फ़िल्म इंडस्ट्री में नई अभिनेत्रियों को काम नहीं मिलता है। कई कलाकार, प्रोड्यूसर, निर्देशक, संगीतकार, संगीत निर्देशक आदि पुलिस और अदालत के कठघरे में हैं।
बदबू की पैदाइश एक अदना सी अदाकार ने आज समूची पत्रकार बिरादरी पर गन्दा इल्जाम लगाकर चौथे स्तंभ को पूर्णतया ध्वस्त कर दिया है। क्या पूरी फिल्म इंडस्ट्री दूध की धुली हुई है? राजनेता ईमानदार हैं? न्यायाधीश सच्चाई से फैसले कर रह रहे हैं? अफसर गंगा की तरह पवित्र हैं? डॉक्टर लोग मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर रहे हैं? सबका एक ही जवाब होगा कि समूची सोसायटी पूरी तरह करप्ट और निकृष्ट हो गई है। ऐसे में पत्रकारिता से सौ प्रतिशत ईमानदारी की अपेक्षा क्यों?
समाज के हर क्षेत्र में ईमानदारी से कार्य करने वाले मिल जाएंगे। चाहे फ़िल्म का क्षेत्र हो या राजनीति का। माना कि पत्रकारिता में अनेक ऐसे तत्व प्रवेश कर गए हैं जिनकी वजह से समाज बुरी तरह प्रदूषित हो रहा है। लेकिन चंद ऐसे लोगों के कारण पूरी पत्रकार बिरादरी को बदनाम करना कतई न्यायसंगत नहीं है। यह भी मान लिया जाए कि किसी पत्रकार के कारण कंगना की भावना को ठेस पहुँची हो। परन्तु एक पत्रकार की गलती का ठीकरा पत्रकार बिरादरी पर फोड़ना नाइंसाफी होगी। आपसी टकराहट और ज्यादा बढ़े, इससे पहले कंगना को पत्रकार बिरादरी से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।
राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार महेश झालानी की रिपोर्ट. संपर्क- [email protected]
Saddam
July 14, 2019 at 3:19 pm
बाह झालानी साहब दूसरों पर आरोप लगाओ तो ठीक अब अपने ऊपर बात आयी तो मिर्ची लगी । थोड़ा अपने मित्रों को देख लेते तो सारी सच्चाई समझ आती । पर वो अगर समझना चाहेंगे तो । पत्रकारों ने सबसे ज्यादा गन्ध फैला रखा है ।
Sarup Singh
July 14, 2019 at 10:16 pm
ठीक है कि फ़िल्म उद्योग में भी सब कुछ ठीक नही है, लेकिन महाशय जी उल्टा आरोप लगा देने से पत्रकार बिरादरी पाक साफ नही हो जाएगी। अपने मे सुधार करो। वकिलों, चार्टर्ड अकाउंटेंट और डॉक्टरों की तरह एक संस्था बनाओ। जिसमे पत्रकारों की बातें रखी जाए, सुनी जाए। एक न्यूनतम योग्यता तय हो, ताकि सभी को सम्मनपूर्वक मानदेय मिल सके।
तब जाकर आत्मसम्मान से जीने की भावना उत्पन होगी।
Bhavi
July 15, 2019 at 8:28 pm
Ye sachai he, patrakar khane or 100 rupe ke lifafe ke liye kahi bhi pahunch jaate he, lekin vo journalist nahi he. Sbse pahle patrakar ki paribhasha tay ho. Har koi patrkar he.
बदबू की पैदाइश एक अदना सी अदाकार ने आज समूची पत्रकार बिरादरी पर गन्दा इल्जाम लगाकर चौथे स्तंभ को पूर्णतया ध्वस्त कर दिया है।
Aapko kisne haq diya aisa likhne ka.
Pahle khud apne shabd dekho
Aman
July 16, 2019 at 2:22 am
झालानी, कंगना ही वो एक्ट्रेस हैं जिसने करण जौहर, ऋतिक रोशन और आदित्य पांचोली सहित कईयों का कच्चा चिटठा खोला….पत्रकार हैं तो अख़बार भी नहीं पढ़ते क्या??? आपसे कहें तो टुटपुँजिया नेता की भी पोल पट्टी ना खोल पाएं….रहने ही दो झालानी, तुम्हें नहीं झेला जा रहा….
पुनीत श्रीवास्तव
July 19, 2019 at 11:42 pm
मैं सहमत हूँ , फ़िल्म इंडस्ट्री में नायिकाओं का यौन शोषण आम बात है , कुछ लोग पैसे के लिए जिस्म बेच रहे है ।
लेकिन फिर भी वे आत्मा बेच चुके पत्रकारों से बहुत ही ज्यादा पवित्र हैं ।
पत्रकार उस सामंतवादी सोच के कीड़े हैं जो सभी की आलोचना करेंगे लेकिन अगर कोई उनकी आलोचना कर दे तो फिर गालिया बकने लगते हैं ।