डेनमार्क के कार्टूनिस्ट और पत्रकारों की निर्मम हत्या का विरोध पूरी दुनिया कर रही है और पूरी दुनिया आतंक के विरोध में एकजुट होने का प्रयास कर रही है लेकिन भारत में बहुजन समाज पार्टी के एक नेता हाजी याकूब कुरैशी ने पेरिस में शार्ली एब्दो मैगजीन के दफ्तर पर हुए हमले का न सिर्फ समर्थन किया बल्कि यहां तक कह दिया कि अगर हमला करने वाले दावा करें तो उन्हें 51 करोड़ रूपये का इनाम दिया जायेगा.
शहीद पत्रकारों और कार्टूनिस्टों को श्रद्धांजलि देने के बाद मैग्जीन शार्ली एब्डो के समर्थन में एकजुटता दिखा रहे ‘एजेंसी फ्रांस प्रेस’ (फ्रांसीसी नेशनल न्यूज एजेंसी) के हांगकांग स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के मीडियाकर्मी.
दफ्तर पर हुए हमले को याकूब ने सही ठहराया और कहा, जो भी पैगंबर के प्रति अनादर दिखाएगा, उसकी मौत शार्ली एब्दो के पत्रकारों और कार्टूनिस्टों की तरह ही होगी. बीएसपी नेता ने कहा- ‘पैगंबर की शान से छेड़छाड़ करने वाला सिर्फ मौत का हकदार है. ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने की कोई जरूरत नहीं है. इन लोगों को रसूल के चाहने वाले सजा देंगे.’ वे आगे बोले- पैरिस मैगजीन के पत्रकार धर्म के साथ खिलवाड़ कर रहे थे इसीलिए उनके साथ ऐसा सुलूक हुआ है.
भारतीय जनता पार्टी ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज करायी है. पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, इस तरह का बयान भारत की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब करेगा. बसपा को इस तरह के बयान देने वाले को पार्टी में नहीं रखना चाहिए. इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार को भी इस तरह के बयान देने वाले के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए. हालांकि इस पूरे बयान पर अबतक बीएसपी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है.
याकूब ने 2006 में घोषणा कर दी थी कि कार्टूनिस्ट का सिर कलम करने वाले को 51 करोड़ का इनाम दिया जाएगा. इस बयान के बाद हलचल मच गयी थी. उन्होंने कहा यह उनके धर्म के साथ जुड़ा हुआ मामला है, इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए. याकूब का यह पहला बयान नहीं है जब वह विवादों में रहा है. इससे पहले भी उन्होंने कई विवादस्पद बयान दिये हैं. उनके बयानों के कारण उन्हें कई पार्टियों को छोड़ना पड़ा है.
उधर, फ्रांसीसी पत्रिका शार्ली एब्डो से जुड़े एक एडिटोरियल कर्मचारी ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को जानकारी दी है कि फ्रांसीसी पत्रिका शार्ली एब्डो अगले हफ़्ते अपने समय पर फिर निकलेगी. स्तंभकार पैट्रिक पेलू ने समाचार एजेंसी को बताया कि पत्रिका अगले हफ़्ते बुधवार को फिर निकलेगी ताकि बताया जा सके कि ”बेवकूफ़ी नहीं जीत सकती.” पेलू ने कहा, “यह बहुत मुश्किल है. हम सभी दुखी हैं और डरे हुए हैं लेकिन हम इसे इसलिए छापेंगे क्योंकि बेवकूफ़ी नहीं जीत सकती.”
उन्होंने कहा कि पत्रिका को शार्ली एब्डो के मुख्यालय के सामने रखा जाएगा जो फिलहाल हमले के बाद बंद है. शार्ली एब्डो के कई ऐसे ट्वीट रहे हैं, जो कट्टरपंथियों के गले नहीं उतरे. पेरिस में पत्रिका के दफ़्तर पर हमले से कुछ देर पहले पत्रिका के ट्विटर अकाउंट से किया गया आख़िरी कार्टून मीडिया में चर्चा का विषय है. पत्रिका के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @Charlie_Hebdo_की तरफ़ से ट्वीट किए गए इस कार्टून में चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट के नेता अबु बक्र अल-बग़दादी को दिखाया गया है. इस कार्टून के कैप्शन में लिखा है, “बेस्ट विशेज़, टु यू टू अल-बग़दादी.” (आप सभी को शुभकामानाएँ, अल-बग़दादी तुम्हें भी). जिसके जवाब में कार्टून में बग़दादी को कहते हुए दिखाया गया है, “एंड स्पेशली गुड हेल्थ” (और ख़ासकर अच्छी सेहत के लिए).
फ्रांसीसी समय के अनुसार यह ट्वीट बुधवार सुबह किया गया था. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इसे हमले के कुछ देर पहले पोस्ट किया गया या हमले के दौरान ही. लेकिन यह स्पष्ट है कि मीडिया में हमले की ख़बरों के आने से पहले इसे पोस्ट किया जा चुका था. इस बात को लेकर आशंका जताई जा रही है कि क्या इस ट्वीट से हमले को कोई संबंध है या नहीं. यह कार्टून पहले पत्रिका में प्रकाशित नहीं हुआ था लेकिन यह पत्रिका में प्रकाशित हो रहे कार्टूनों की कड़ी से जड़ा प्रतीत हो रहा है.
पत्रिका के इस हफ़्ते के अंक में एक कार्टून प्रकाशित हुआ था जिसमें कहा गया था, “फ्रांस में हाल में कोई हमला नहीं हुआ है.” लेकिन कार्टून का एक पगड़ीधारी चरित्र, जिसके पीठ पर क्लाशनिकोव बंदूक़ है, कह रहा है, “इंतज़ार करो- शुभकामानाएं देने के लिए हमारे पास जनवरी तक का वक़्त है.” फ्रांस में जनवरी के अंत तक नए साल की बधाई देने का रिवाज है. हमले के दिन ही इस कार्टून का प्रकाशित होना क्या महज़ संयोग है? फ्रांसीसी मीडिया में कुछ जगहों पर इस बात की आशंका जताई जा रही है पत्रिका का ट्विटर अकाउंट हैक कर लिया गया था. इस कार्टून पर पत्रिका के मशहूर कार्टूनिस्ट होनोरे के हस्ताक्षर हैं लेकिन यह स्पष्ट नहीं है क्या सचमुच उन्हीं का बनाया कार्टून है या इसे कब बनाया गया?
naveen
January 8, 2015 at 1:02 pm
is haramkhor neta ke barey men kya ray hai film pk ke samarthakon ki ? qu apane bil me dubake ho / ab aagey aawo……
Pushpranjan
January 8, 2015 at 1:04 pm
डेनमार्क के कार्टूनिस्ट और पत्रकारों की निर्मम हत्या?
Pl. correct
पेरिस में शार्ली एब्दो मैगजीन के दफ्तर पर हमला.