Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

हिन्डेनबर्ग की रिपोर्ट दरअसल अमेरिका और ब्रिटेन का संयुक्त ‘मिशन मोदी’ है!

सौमित्र रॉय-

हिन्डेनबर्ग की रिपोर्ट को सिर्फ़ मिशन अदानी न समझें। दरअसल यह मिशन मोदी है। अदानी तो प्यादा है। यह मेरा, आपका या भारत की अवाम का मिशन नहीं, बल्कि दुनिया की दो महाशक्तियों–अमेरिका और ब्रिटेन का संयुक्त मिशन है।

रिपोर्ट चाहे हिन्डेनबर्ग की हो या बीबीसी की, दोनों सरकारों ने पढ़ी और सार्वजनिक करने की अनुमति दी है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

बेशक, निशाने पर मोदी हैं और रायसीना हिल्स की बेचैनी यह बताती है कि दोनों रिपोर्टों ने बीजेपी की सत्ता की उस सप्लाई लाइन को काटने की कोशिश की गई है, जहां से 2014 से लेकर अब तक हर रोज़ कॉरपोरेट का 6 करोड़ रुपया फंडिंग और इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए उड़ेला जा रहा है।

सिर्फ़ अदाणी सेठ ही नहीं ऐसे 17 और कॉर्पोरेट्स हैं, जिन्होंने ओवर वैल्यूएशन कर सत्ता और कंपनियों की मिलीभगत का फायदा उठाया और जनता का पैसा लूटा है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

एक जांच से सारे धागे खुलेंगे। सारी साठ–गांठ सामने आएगी। यानी अभी तक मोदी अपने घर में मास्टरस्ट्रोक लगाते आए हैं।

पहली बार बाज़ी बाहर की दो ताकतों के हाथ है। ये चेक एंड मेट की स्थिति है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

हिन्डेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद एक बड़ी अपडेट यह भी आ रही है कि मोर्गन स्टेनले अदानी की कंपनियों को जल्द ही डीलिस्ट कर सकता है।

अगर ऐसा हुआ तो फाइनेंशियल टाइम्स स्टॉक एक्सचेंज, जो कि लंदन स्टॉक एक्सचेंज का सहायक समूह है, वह भी अपनी लिस्टिंग में अदानी को हटा सकता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

उसके बाद भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के पास डीलिस्टिंग के सिवा और कोई चारा नहीं होगा।

हिन्डेनबर्ग ने अदानी के खिलाफ काफी सबूत इकट्ठे किए हैं और अधिकांश बड़े विदेशी इन्वेस्टमेंट फर्म्स के मुताबिक सभी विश्वसनीय हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मतलब, भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का तूफान आ सकता है। खासकर, विदेशी संस्थागत निवेशकों में पैसा निकालने की होड़ मच सकती है।

बजट से पहले मोदी सरकार के लिए यह किसी सदमे से कम नहीं होगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसलिए भी, क्योंकि इस धोखाधड़ी का दूसरा सिरा खुद भारत के प्रधानमंत्री से जुड़ता है।

अच्छे दिन की उम्मीद छोड़ दें। पहले बहुत बुरे दिनों को गुजारना सीखें।

Advertisement. Scroll to continue reading.

जब मुसीबत आती है तो चारों तरफ से घेरती है। अदाणी सेठ के साथ भी यही हो रहा है।

अदाणी सेठ के साथ भी यही हो रहा है। उसका एफपीओ खतरे में है। सेबी आईसीडीआर के नियम 155 के तहत जिस कंपनी के खिलाफ़ जांच चल रही हो/कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हो, वह एफपीओ से पैसा नहीं उगाह सकती।

Advertisement. Scroll to continue reading.

19 जुलाई 2021 को महुआ मोइत्रा के सवाल पर संसद में सरकार का जवाब था कि अदाणी सेठ के खिलाफ़ जांच चल रही है। अदाणी इसे झूठ बताता है।

अदाणी के साथ सेबी भी हिन्डेनबर्ग के पर्दाफाश के बाद बुरी तरह से घिर चुकी है और कहीं न कहीं पीएमओ और बाकी सरकार भी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

कल अगर तकनीकी रूप से बवाल बढ़ा तो सरकार को बचाव में यह बताना ही होगा कि अदानी को किसके कहने पर एफपीओ की अनुमति दी गई।

वैसे, मीडिया को फुल पेज का विज्ञापन देकर चुप कराया गया है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement