टर्मिनेट कर्मचारी पुरुषोत्तम सिंह के मामले में शोभना भरतिया को लगा तगड़ा झटका, एडवोकेट उमेश शर्मा ने लगातार दो दिन की थी जोरदार बहस…. जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में हिन्दुस्तान टाईम्स की मालकिन शोभना भरतिया को एक बार फिर मंगलवार १९ /२/२०१८ को दिल्ली उच्च न्यायलय में मुंह की खानी पड़ी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मजीठिया वेज बोर्ड मामले से जुड़े वसूली मामले में लगायी गयी रोक को हटा लिया। इससे हिन्दुस्तान प्रबंधन से मजीठिया वेज बोर्ड मामले में लगाये गये १७ (१) के मामले में वसूली का रास्ता साफ हो गया है।
१७ (१) का यह क्लेम हिन्दुस्तान टाईम्स दिल्ली से जबरन टर्मिनेट किये गये डिप्टी मैनेजर पुरुषोत्तम सिंह ने लगाया था जिस पर कंपनी को बकाया देने के लिये नोटिस गयी तो हिन्दुस्तान प्रबंधन ने उस नोटिस पर स्टे ले लिया। लगभग तीन साल तक चली लंबी लड़ाई के बाद आखिर दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस पर लगी रोक को हटा लिया है। पुरुषोत्तम सिंह का मामला जाने माने एडवोकेट उमेश शर्मा ने रखा। उन्होंने लगातार दो दिन तक बहस किया और यह रोक हटवा लिया।
बताते हैं कि हिन्दुस्तान टाईम्स दिल्ली में डिप्टी मैनेजर पद पर कार्यरत पुरुषोत्तम सिंह को वर्ष २०१५ में कंपनी ने टर्मिनेट कर दिया। उसके बाद उन्होंने एडवोकेट उमेश शर्मा से मिलकर अपने टर्मिनेशन के खिलाफ एक केस लगवाया। पुरुषोत्तम सिंह ने २०१५ में ही दिल्ली सेंट्रल के डिप्टी लेबर कमिश्नर लल्लन सिंह के यहां १७(१)का केस लगाया जिस पर पदाधिकारी ने २१ लाख की रिकवरी का नोटिस भेजा। उसके बाद कंपनी दिल्ली हाईकोर्ट गयी और वहां दिल्ली हाईकोर्ट की जज सुनीता गुप्ता ने इस नोटिस पर एकतरफा कारवाई करते हुये रोक लगा दिया।
इस मामले में पुरुषोत्तम सिंह ने देश भर के मीडियाकर्मियों की तरफ से माननीय सुप्रीमकोर्ट में लड़ाई लड़ रहे एडवोकेट उमेश शर्मा से अपना पक्ष रखने का अनुरोध किया। लगभग तीन साल तक चले इस केस में १९ फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट में उमेश शर्मा ने पुरुषोत्तम सिंह का पक्ष जोरदार तरीके से रखा। न्यायाधीश विनोद गोयल के सामने हमेशा की तरह हिन्दुस्तान प्रबंधन नई तारीख लेने के प्रयास में जुटा लेकिन उमेश शर्मा ने विद्वान न्यायाधीश से निवेदन किया कि इस बहस को लगातार जारी रखा जाये क्योंकि नोटिस पर स्टे देना पूरी तरह गलत है। मजीठिया वेज बोर्ड मामले में माननीय सुप्रीमकोर्ट सबकुछ क्लीयर कर चुका है।
इसके बाद विद्वान न्यायाधीश ने सुनवाई अगले दिन भी जारी रखने का आदेश दिया। २० फरवरी को फिर दिल्ली हाईकोर्ट में बहस हुयी और उसके बाद न्यायाधीश विनोद गोयल ने नोटिस पर लगी रोक हटा लिया। यानि अब हिन्दुस्तान प्रबंधन के खिलाफ आरआरसी जारी होने का रास्ता साफ हो गया है। इस मामले में पुरुषोत्तम सिंह ने हिन्दुस्तान टाईम्स की मालकिन शोभना भरतिया और एचआर डायरेक्टर शरद सक्सेना को पार्टी बनाया था। पुरुषोत्तम सिंह को मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ रहे देश भर के मीडियाकर्मियों ने बधाई दी है।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टीविस्ट
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