Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

इंडियन एक्सप्रेस चंडीगढ़ के 38 कर्मचारियों का वेतन कम कर दिया गया

: गंभीर मसला है वेतन कटौती का : इंडियन एक्सप्रेस चंडीगढ़ के 38 कर्मचारियों का वेतन कम कर दिया गया है जबकि मजीठिया वेज बोर्ड के मुताबिक सभी का वेतन ढाई से तीन गुना तक बढऩा चाहिए। कर्मचारियों को उम्मीद थी, उनका आकलन था कि नए वेज बोर्ड के क्रियान्वयन से उनकी सेलरी में भरपूर इजाफा होगा। लेकिन हो उल्टा गया। अब कर्मचारी बहुत परेशान हैं। असल में मालिक विवेक गोयनका की मंशा-नीयत ही ऐसी है कि कर्मचारियों को मजीठिया के पूरे लाभ कर्मचारियों को न दिए जाएं।

<p>: <strong>गंभीर मसला है वेतन कटौती का</strong> : इंडियन एक्सप्रेस चंडीगढ़ के 38 कर्मचारियों का वेतन कम कर दिया गया है जबकि मजीठिया वेज बोर्ड के मुताबिक सभी का वेतन ढाई से तीन गुना तक बढऩा चाहिए। कर्मचारियों को उम्मीद थी, उनका आकलन था कि नए वेज बोर्ड के क्रियान्वयन से उनकी सेलरी में भरपूर इजाफा होगा। लेकिन हो उल्टा गया। अब कर्मचारी बहुत परेशान हैं। असल में मालिक विवेक गोयनका की मंशा-नीयत ही ऐसी है कि कर्मचारियों को मजीठिया के पूरे लाभ कर्मचारियों को न दिए जाएं।</p>

: गंभीर मसला है वेतन कटौती का : इंडियन एक्सप्रेस चंडीगढ़ के 38 कर्मचारियों का वेतन कम कर दिया गया है जबकि मजीठिया वेज बोर्ड के मुताबिक सभी का वेतन ढाई से तीन गुना तक बढऩा चाहिए। कर्मचारियों को उम्मीद थी, उनका आकलन था कि नए वेज बोर्ड के क्रियान्वयन से उनकी सेलरी में भरपूर इजाफा होगा। लेकिन हो उल्टा गया। अब कर्मचारी बहुत परेशान हैं। असल में मालिक विवेक गोयनका की मंशा-नीयत ही ऐसी है कि कर्मचारियों को मजीठिया के पूरे लाभ कर्मचारियों को न दिए जाएं।

इसके उन्होंने कोई भी तिकड़म, किसी भी साजिश को छोड़ा नहीं है। सभी को परपूर इस्तेमाल किया है, आजमाया है। एक तरफ कर्मचारियों के वेतन में हजारों रुपए की कटौती कर दी है और दूसरी तरफ मजीठिया को बेमन से आधे-अधूरे ढंग से लागू करने का ऐलान किया है। पहले वेतन आयोग में जहां इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप दूसरे क्लास में था वहीं मजीठिया के लिए श्रेणी घटाकर उसे तीसरे क्लास में डाल दिया है। रोना रो दिया है कि अखबार की कमाई पहले से काफी कम हो गई है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

बहरहाल चंडीगढ़ के कर्मचारी इस कठिन दौर, मुश्किल हालाता से निकलने के लिए कमर कसने लगे हैं। अभी उनकी निगाह 15 दिसंबर पर टिकी हुई जब सुप्रीम कोर्ट में इंडियन एक्सप्रेस नई दिल्ली कर्मचारी यूनियन के कंटेम्प्ट रिट पर सुनवाई होगी। इस केस में मालिक-मैनेजमेंट का क्या रुख-रवैया रहता है और सर्वोच्च न्यायालय क्या-कैसा फैसला-निर्देश-आदेश देती है।

चंडीगढ़ से भूपेंद्र प्रतिबद्ध की रिपोर्ट. संपर्क: 09417556066

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसे भी पढ़ें….

सलाखों के भय से ‘चंडीगढ़ इंडियन एक्सप्रेस’ ने मजीठिया आधा-अधूरा लागू किया, …लेकिन भास्कर कर्मियों का क्या होगा?

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement