रविंद्र सिंह-
कब लौटेगा इफको का गौरव, हस्तक्षेप कर पाएगी मोदी सरकार?
श्री बलविंदर सिंह भुंडर (राज्य सभा सांसद)
केंद्र में सत्तारूढ सरकार में सहयोगी शिरोमणि अकाली दल से राज्य सभा सांसद सरदार बलबिंदर सिंह भंडर ने 4 जनवरी 2018 को अतारांकित प्रश्न संख्या 2024 इस तरह पूछा क्या प्रधानमंत्री यह बताने की कृपा करेंगे-
क : क्या यह सच है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो काफी समय से इफको तथा कृभको के शीर्ष प्रबंधन के विरुद्ध भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रहा है।
ख : यदि हां तो इफको तथा कृभको के शीर्ष अधिकारियों के विरुद्ध मामलों का मामलें वार ब्यौरा क्या है।
ग : क्या केंद्रीय सतर्कता आयोग भी इफको और कृभको के प्रबंध निदेशक तथा अन्य निदेशकों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रहा है।
घः यदि हां तो तत्संबन्धी स्थिति का मामले वार ब्यौरा क्या है?
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने जबाव इस तरह दिया है-
(क) से (घ) : सी.बी.आई ने पिछले 3 वर्षो अर्थात 2014, 15, 16 और 30.11. 2017 तक की स्थिति के अनुसार 2017 के दौरान इफको और कृभको के अधिकारियों और अज्ञात अधिकारियों के विरुद्ध 3 नियमित मामले और 1 प्रारंभिक पूछताछ सहित 4 मामले दर्ज किए हैं। इन 4 मामलों में से 2014 में दिनांक 13.02.2014 को पंजीकृत पीई सं. एसीआई 2014 ए 0002 को दिनांक 06.05.2015 को 2015 में आरसी एसी 1 2015 ए 0002 में परिवर्तित किया गया था जिसकी सीबीआई जांच कर रही है। इसके अतिरिक्त निम्नलिखित 02 आरसी में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिए गए हैं। उक्त सवाल संसद में इसलिए पूंछे गए हैं इफको में अध्यक्ष के पद पर बलविंदर सिंह नकई लंबे समय तक पार्टी के अघोषित सहयोग से इफको में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर आसीन रहे हैं। शीर्ष प्रबंधन में होने के नाते डर सता रहा है इफको में तरह-तरह से की गई लूट में उनकी गर्दन भी बुरी तरह फंसी हुई है।
जब भी इफको घोटाले का जिन्न बंद बोतल से बाहर निकलेगा तो न जाने कितनों को तिहाड़ जेल पहुंचा देगा। उक्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी पुस्तक में अपना नाम न लिखने की शर्त पर बताते हैं, सीबीआई ऐसे जांच में क्या चल रहा है प्रश्न के माध्यम से सा नया अब शिरोमणि अकाली दल सरकार पर दबाव बनाकर बलविंदर सिंह नकई को सीबीआई से क्लीन चिट दिलाने के लिए पूरा प्रयास कर रहा है।
श्रीमती दर्शन विक्रम (संसद सदस्य लोकसभा )
संसद सदस्य लोकसभा श्रीमती दर्शन विक्रम जर्दोश ने 6 फरवरी 2018 को अतारांकित प्रश्न संख्या 467 के अंतर्गत रसायन एवं उर्वरक मंत्री से जानने का प्रयास किया-
क : क्या यह सही है कि इफको एवं अन्य सहकारी उर्वरक कंपनियों में विधिवत रूप से विनिवेश नहीं किया गया है।
खः यदि हां तो कंपनीवार ब्योरा क्या है।
ग : उक्त प्रकरण में सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की स्थिति क्या है।
उत्तर- योजना, उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा है-
क और ख : जी हां इफको-कृभको द्वारा भारत सरकार का शेयर बायलॉज उपनियम में गैर कानूनी व अवैध तरीके से संशोधन कर एमएससीएस एक्ट के अनुसार शेयर वापस नहीं किया गया था।
ग : उर्वरक विभाग ने सबसे पहले इफको शेयर वापसी का प्रकरण उठाते हुए 4 अगस्त 2017 को गैर कानूनी करार दिया है। उक्त के संबन्ध में केंद्रीय रजिस्ट्रार सहकारिता के समक्ष अपील विचाराधीन है। बायलॉज संशोधन के बाद पंजीकरण भी रजिस्ट्रार के द्वारा किया गया था।
श्रीमती दर्शन विक्रम (संसद सदस्य लोकसभा)
इसी क्रम में 6 मार्च 2018 को अतारांकित प्रश्न संख्या 1635 के द्वारा रसायन एवं उर्वरक मंत्री से निम्न प्रश्नों का जबाव मांगा था जो इस प्रकार है-
क : क्या मंत्रालय को सहकारी उर्वरक इकाईयों में सरकार का नियंत्रण खत्म करने के संबन्ध में हस्तक्षेप करने के लिए शिकायतें प्राप्त हुई हैं। यदि हां तो रोकने के लिए की गई कार्रवाई का ब्यौरा देने का कष्ट करें।
ख: क्या कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को शेयर वापसी बिवाद पर प्रत्यावेदन प्राप्त हुआ है। यदि हां तो कृत कार्रवाई का ब्यौरा देने का कष्ट करें।
ग : गत वर्ष के दौरान मंत्रालय द्वारा जांच हेतु सीबीआई को भेजे गए मामलों का ब्यौरा तिथि वार क्या है।
उत्तर– योजना, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार राव इंद्रजीत सिंह द्वारा संसद में दिया गया जबाव इस प्रकार है-
क : इफको, कृभको में व्याप्त भ्रष्टाचार, अनियमित्ता से संबन्धित 3 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिन्हे जांच के लिए सी.बी.आई. को प्रेषित कर दिया गया है।
ख : कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग ने कई शिकायतों के आधार पर कृभको मुख्यालय से सहायक कंपनी के संबन्ध में सूचना मांगी गई थी जिस पर एमएससीएस एक्ट 2002 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
गः जांच हेतु सीबीआई को भेजे गए मामलों का ब्यौरा इस प्रकार है-
उक्त शिकायतों से ज्ञात हुआ है इफको ने धन के दुरूपयोग, तुलना पत्र (बैलेंसशीट) में हेराफेरी करते हुए बैंकों के साथ धोखा धडी की है, अंश धारक किसानों को भी धोखा दिया है। बोर्ड द्वारा एमएससीएस एक्ट 2002 में उप विधियों से छेडछाड कर भारत सरकार का नियंत्रण खत्म करते हुए गैर कानूनी अवैध तौर पर शेयर की वापसी फेस वैल्यू पर की है।
उक्त के अलावा अवस्थी एवं उनके पुत्रों व अन्य ने नियमित ढंग से मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए धन विदेश में जमा किया है। राजधानी दिल्ली स्थित आलीशान गेस्ट हाउस एवं बंगले पर अवैध तरीके से कब्जा कर लिया है। सरकार द्वारा उर्वरक उत्पादन के लिए दी गई सहायता राशि का धोखा धड़ी से इस्तेमाल करते हुए किसान इंटरनेशनल ट्रेडिंग खोला गया है। उक्त के जरिए कच्चे माल आयात में कमीशन खाकर सोसाइटी को भारी क्षति पंहुचाई है ?यह मामला सी.बी.आई को 21 नवंबर 2017 को जांच कर कार्रवाई करने लिए भेजा गया था जिसकी रिपोर्ट अभी मंत्रालय को प्राप्त नहीं हुई है।
बरेली के पत्रकार रविंद्र सिंह द्वारा लिखी किताब इफको किसकी का 21वां पार्ट..
जारी है…
पिछला भाग.. इफको की कहानी (20) : पीएमओ में बैठे भ्रष्ट अफसरों को पीएम की छवि का रत्ती भर भी ख्याल नहीं है!