शील शुक्ला-
प्रिय टांडा वासियों, आज एक कहानी उस पत्रकार की या कहें पत्रकारों की जो अपनी पत्रकारिता की धौंस दिखाकर मूलतः दलाली का धंधा करते हैं, सीधे नाम लेता हूँ उस पत्रकार रूपी दलाल का …. नाम है खलीक खवर जो खुद को देश के प्रतिष्ठित दैनिक हिंदी समाचार पत्र दैनिक जागरण का टांडा से संवाददाता कहता है. अब शुरू करता हूँ इसकी कहानी टांडा में एक हॉस्पिटल है – नगर पालिका परिषद् अस्पताल, जो एक लाख की आबादी वाले टांडा शहर को मात्र 5 रुपये की ओ.पी.डी फीस पर हफ्ते के 5 दिन एक से दो डॉक्टर्स और 2 से 4 पैरामेडिकल स्टाफ के साथ अपनी सेवाएँ प्रदान करता है, जबकि रविवार को दिल्ली से आये हुए विशेषज्ञ डॉक्टर्स और अतिरिक्त पैरामेडिकल स्टाफ के साथ विशेष सेवाएँ दी जाती है.
अति विशिष्ट तथ्य ये है कि यहाँ आने वाले हर मरीज़ को डॉक्टर द्वारा लिखी गयी दवाये शत प्रतिशत निःशुल्क दी जाती है, हर मरीज को आधार कार्ड और मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने के उपरान्त उसका पंजीकरण होता, और निःशुल्क दवा लेते समय अंगूठे का निशान भी लिया जाता है , जबकि टांडा का मुख्य अस्पताल जो इस अस्पताल से कई गुना अतिरिक्त संसाधन लेकर भी इतनी सेवाएँ नहीं दे पाता है जितनी कि नगर पालिका परिषद् अस्पताल उपलब्ध कराता है.
इस अस्पताल के शुरुआत के समय से ही ये व्यक्ति खलीक खवर गिद्धों की तरह मेरे अगल बगल मंडराना शुरू कर दिया बड़ी प्यारी प्यारी मीठी बातें करता था, इस अस्पताल के बारे में जैसे ही कोई खबर जागरण में प्रकाशित होती ये ये अस्पताल में पहुच जाता मुझे समझ में नही आ रहा था कि ये ऐसा क्यों करता है तभी एक दिन इसने बोला “अरे सर कुछ सेवा पानी हमारी करेगे कि नहीं,” मैंने कहा “मैंने समझा नहीं” इस पर इस दलाल रूपी पत्रकार का जवाब था कि जल्दी समझ जायेंगे मुझे वास्तव में समझ में नहीं आया थाकि ये सामान्य बात है या धमकी…..लेकिन ये जल्दी ही स्पष्ट हो गया कि ये धमकी है, क्योकि कुछ ही दिनों बाद ये व्यक्ति न्यूज़ 24 के छद्म नाम से अपने आप को पत्रकार कहने वाला व्यक्ति ब्रिजेन्द्र चौहान के साथ अस्पताल पंहुचा ….. वहाँ के स्टाफ को बेवजह धमकी दी कि आपके अस्पताल में मरीजो के बैठने की परिपूर्ण सुविधा नहीं है आप लोगों के खिलाफ एक्शन लूँगा.
मुझे पता चला तो मैंने इस तथाकथित पत्रकार को फ़ोन किया तो इन महाशय की एक भाभी है जो जॉब के लिए अस्पताल आयी थी …नियुक्ति ना हो पाने के कारण ये पूरा स्वांग रचा था, फिर मुझसे भी उसी भाभी को नौकरी देने की बात की जिसको मैंने एक सिरे से खारिज कर दिया, साथ ही मैंने न्यूज़ 24 का गलत तरीके से नाम ना इस्तेमाल करने की नसीहत भी दी. बाद में पता चला कि ये महोदय न्यूज़24 नाम से मिलते जुलते किसी यू ट्यूब के कहने भर को संवाददाता है, और इनको लेकर आते थे दलाल पत्रकार खलीक ख्वार दैनिक जागरण, इस घटना के बाद ये तथाकथित पत्रकार अक्सर अस्पताल आया करते थे सिर्फ नुख्स खोजने …..और पैसे मांगने, इन पत्रकारों ने पैसे के लिए हर पैतरे अजमाए पहले तो प्यार से बात की यहाँ तक कि इन पत्रकार महोदय ने अपने बेटी की शादी में शामिल होने का निमंत्रणकार्ड भी भेजा (स्क्रीन शॉट देखे) नहीं पहुचा तो दुःख भी जताया।

लेकिन जब प्यार से बात नहीं बनी तो एक दिन खालिक खावर, ब्रिजेन्द्र चौहान, चार पांच लोगों के साथ अस्पताल पहुचे और उस दिन सीधे सीधे बताया कि हम सब यहाँ के स्थानीय पत्रकार है, खलीक खावर ने बताया कि मेरा भतीजा भी अमर उजाला में है … और टांडा के हर संस्थान से हमें पैसे मिलते है और आपको भी देने होगे, इनकी इस करतूत को देख कर मेरा धैर्य भी जवाब दे गया और मैंने इन्हें अस्पताल से चले जाने को कहा ये चले तो गए लेकिन एक धमकी के साथ जिसकी भाषा प्यार भरी थी.
इस घटना को बीते लगभग 5 महीने हो गए, ये सभी अस्पताल आते थे लेकिन कोई कुछ बोलता नहीं था ……. लेकिन आज ये दैनिक जागरण के पत्रकार महोदय खलीक खवर अस्पताल पहुचे जहाँ अस्पताल में चहल पहल कम थी (जानकारी के लिए बता दूं कि टांडा की 90 प्रतिशत जनसँख्या मुस्लिम है और रोज़ा रखते है.) तभी इन्होने अस्पताल की कुछ फोटो खींची (स्क्रीन शॉट देखे) इन्हें लगा जैसे इन्होने कोई कमाल कर दिया हो, फिर आधी अधूरी और गलत जानकारी के साथ मुझे मेसेज भी लिखा (स्क्रीन शॉट देखे), लगा मै डर जाऊंगा।


मैंने मेसेज का कोई जवाब नहीं दिया, फिर व्हाट्स एप्प पर 5 बार कॉल किया (स्क्रीन शॉट देखे) मैंने बहुत ही सामान्य तरीके से कहा बोलिए तो घाघ दलाल पत्रकार ने जब देखा कि मुझ पर कोई रिएक्शन नही है तोबोला कि गलती से कॉल लग गयी थी, फिर 5 घंटे और बीते मैंने ना इसको कॉल किया ना ही इसके मेसेज का जवाब दिया ये दलाल पत्रकार निराश हो कर मुझे आखिर 5 घंटे बाद फिर मेसेज किया (स्क्रीन शॉट देखें) किया कि “इस सम्बन्ध में गहनता और डिटेल से जानकारी की जाएगी” इसके पहले इसने मेसेज लिखा कि अस्पताल में सिर्फ एक डॉक्टर है…. जिसकीडिग्री भी इसने गलत लिखी, पैरामेडिकल स्टाफस को कह रहा है कि एक लड़का और एक लडकी मिली. फिर लिख रहा है कि यहाँ पर एक बड़ा अमाउंट आता है……वैसे बाते तो सब गलत है या तो अधूरी लेकिन इसकी बात का सिर्फ एक मतलब है कि हे दलाल भाई दैनिक जागरण के पत्रकार खलीक खवर साहब प्लीज रहम कीजिये बल्कि आप हमसे ही अपनी दलाली के कुछ पैसे ले लीजिये.
– शील शुक्ला
टांडा, रामपुर.